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Cyber Crime: अंतरराष्ट्रीय गिरोह का खुलासा, 24 घंटे में 10 हजार ट्रांजेक्शन से ठगे 5.24 करोड़ रुपये; नौ दबोचे
अमर उजाला नेटवर्क, दिल्ली
Published by: दुष्यंत शर्मा
Updated Sun, 14 Dec 2025 05:31 AM IST
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- फोटो : अमर उजाला
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दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक बड़े अंतरराष्ट्रीय साइबर क्राइम गिरोह का खुलासा किया है। गिरोह सरगना के जरिये विदेश में बैठे साइबर ठगों के सीधे संपर्क में था। आरोपी ठगों को बैंक खाते उपलब्ध करवाने के अलावा हवाला के जरिये रकम को क्रिप्टो करेंसी में बदलकर विदेश भेज रहे थे।
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पकड़े गए आरोपियों की पहचान सुल्तान सलीम शेख (पालघर, महाराष्ट्र), सैयद अहमद चौधरी (बेंगलुरु, कर्नाटक), सतीश कुमार (भिवंडी, ठाणे, महाराष्ट्र), तुषार मालिया (शाहदरा, दिल्ली), शिवम (झाड़ौदा कलां, दिल्ली), सुनील (बेगमपुर गांव, दिल्ली), प्रभु दयाल (डिडवाना, राजस्थान), तरुण शर्मा (सीकर, राजस्थान) और सुरेश कुमार कुमावत (नागौर, राजस्थान) के रूप में हुई है। भारत में गिरोह का सरगना सुरेश कुमार कुमावत है। छानबीन में पता चला कि इनके एक बैंक खाते में महज 24 घंटे में 10,423 ट्रांजैक्शन में 5.24 करोड़ रुपये की ठगी की रकम आई। इस तरह के कई बैंक खातों का पता चला है।
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आरोपियों के पास से 12 मोबाइल, चेक बुक, डेबिट कार्ड, बैंक से जुड़े दस्तावेज बरामद हुए हैं। आईएफएसओ के पुलिस उपायुक्त विनीत कुमार ने बताया कि 26 नवंबर को टीम को जानकारी मिली थी कि कुछ लोग द्वारका के एक होटल से साइबर ठगी का गैंग चला रहे हैं। इसके अलावा यहां पर साइबर धोखाधड़ी के लिए कुछ बैंक खातों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।
जानकारी के बाद टीम ने छापेमारी की। होटल से चार लोगों सुल्तान सलीम शेख, सैयद अहमद चौधरी, तुषार मालिया और सतीश कुमार को गिरफ्तार किया। सभी होटल के कमरे में एक साथ थे। इन लोगों ने बताया कि यह एक संदिग्ध के आदेश पर साइबर ठगी के लिए बैंक खाते उपलब्ध करा रहे हैं। गिरफ्तारी से बचने के लिए यह लोग जल्द-जल्द अपने ठिकाने भी बदल रहे हैं।
ऐसे करते थे ठगी : छानबीन में पुलिस को पता चला कि आरोपी एक संगठित साइबर क्राइम सिंडिकेट का हिस्सा हैं। यह लोग बैंक खाताधारक अऔर मिडिल मैन और एंड-यूजर्स के नेटवर्क के जरिए काम करते हैं। इनका पूरा नेटवर्क साइबर ठगी की रकम को इधर-उधर करना है। मिडिल मैन के जरिए लोगों को लालच देकर खाते ले लिए जाते थे। बाद में इनको साइबर ठगों के हवाले कर दिया जाता था। बदले मे उनको या तो एक मुश्त रकम मिलती थी या ठगी की रकम पर मोटा कमीशन मिलता था। सुल्तान ने साइबर ठगी से मिले पैसों से कमीशन के बदले अपने ट्रस्ट का बैंक खाता दिया।
25 प्रतिशत कमीशन देने का किया था वादा
जांच के दौरान सुल्तान ने बताया कि उसने एक माह पहले निजी बैंक में करंट अकाउंट दूसरे संदिग्ध के कहने पर खोला था। संदिग्ध ने सुल्तान से ठगी की रकम पर 25 फीसदी कमीशन देने का वादा किया। बाद में उसे एक नया फोन भी दिया गया। सुल्तान ने बताया कि बैंक खाते में आई रकम की जानकारी उसके बेटे ने ईमेल के जरिये आरोपी से शेयर की। बैंक खाते की पड़ताल करने पर पता चला कि अकाउंट में 25 नवंबर और 26 नवंबर के बीच कुल 10,423 ट्रांजैक्शन किए गए, जिसमें 5.24 करोड़ से अधिक की रकम जमा की गई। जांच में पता चला कि बैंक खाते का इस्तेमाल सिर्फ ठगी के लिए किया जा रहा था। पुलिस ने गैंग के बाकी सदस्यों की पहचान करना शुरू किया।
विदेश तक फैला नेटवर्क
सुरेश मुख्य साइबर ठगी के सरगना के बीच की एक अहम कड़ी के तौर पर काम करता था। ठगी की रकम को बैंक खातों से निकालकर हवाला ऑपरेटर के हवाले कर दिया जाता था। हवाला वाले क्रिप्टो करेंसी खरीदकर उसके विदेश में ट्रांसफर कर देते थे। पुलिस इनसे पूछताछ कर हवाला ऑपरेटर और विदेश में बैठे अन्य मास्टरमाइंड समेत बाकी आरोपियों की तलाश कर रही है।