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Air Pollution Delhi: राजधानी में सांसों का आपातकाल, जहरीली हवा में घुट रहा दिल्ली का दम; उम्र हो रही है कम

अमर उजाला नेटवर्क, दिल्ली Published by: दुष्यंत शर्मा Updated Sun, 14 Dec 2025 03:40 AM IST
सार

राजधानी में वायु प्रदूषण साइलेंट किलर बन चुका है, जो हर साल सैकड़ो लोगों की जान ले रहा है और असमय मौतों के लिए जिम्मेदार भी है।

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Delhi is suffocating in toxic air; life expectancy is decreasing.
Delhi Air Pollution - फोटो : ANI
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आसमान में जहरीली धुंध की मोटी परत से दिल्ली-एनसीआर में सांसों पर आपातकाल की स्थिति रही। दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) शनिवार को साल के सबसे खराब स्तर 446 अंक पर पहुंच गया। गाजियाबाद समेत एनसीआर के शहरों में भी एक्यूआई 400 के पार रहा। सांस लेने में हो रही दुश्वारी के बीच लोग मास्क पहने नजर आए। आंख में जलन की दिक्कत भी हुई। वायु प्रदूषण का असर दिल्लीवालों की औसत आयु पर भी पड़ रहा है। 

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प्रदूषण के चलते शनिवार को पहले ग्रेप-3 और कुछ ही घंटे बाद ग्रेप-4 की पाबंदियां लागू करनी पड़ीं। इससे दिल्ली-एनसीआर में सभी तरह के निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध रहेगा। स्कूलों में 10वीं-12वीं को छोड़कर पढ़ाई हाइब्रिड मोड (ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों) में होगी। सरकारी कार्यालयों में 50 फीसदी कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम का नियम लागू होगा। यानी घर से काम करना होगा।
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वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) की उप समिति ने दोपहर में एक्यूआई के 400 के पार करने और गंभीर श्रेणी में प्रवेश करने के बाद ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के तीसरे चरण यानी ग्रेप-3 के प्रतिबंध लागू किए थे। जब एक्यूआई बढ़ते हुए शाम 6 बजे 446 अंक पर पहुंचा, तो पूरे एनसीआर में तत्काल ग्रेप-4 लागू करना पड़ा। इसके तहत सभी तरह के सरकारी और निजी निर्माण और तोड़फोड़ पर रोक रहेगी। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में ट्रकों के प्रवेश पर पाबंदी होगी। दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद, गौतम बुद्ध नगर में सीएनजी व बीएस-6 डीजल वाहनों को छोड़ दिल्ली से बाहर पंजीकृत हल्के वाणिज्यिक वाहनों पर पूरी तरह रोक रहेगी। डीजल जनरेटर के उपयोग व खुले में कचरा जलाने पर भी पाबंदी रहेगी।

राहत के नहीं आसार...
दिल्ली में हवा की रफ्तार 10 किमी/घंटे से कम है। ठंड बढ़ने से प्रदूषण के कण वायु मंडल में ज्यादा देर तक बने हुए हैं। विशेषज्ञों ने बताया, अगले तीन-चार दिनों के बीच लोगों को प्रदूषित हवा से राहत मिलने की संभावना नहीं है।

गाजियाबाद का एक्यूआई 430
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के शनिवार शाम 4 बजे तक आंकड़ों के अनुसार, एनसीआर के प्रमुख शहरों का 24 घंटे का औसत एक्यूआई 400 के पार रहा। 

  • नोएडा का एक्यूआई 455, ग्रेटर नोएडा का 442 और गाजियाबाद का 430 रहा
  • गुरुग्राम में 322 और मेरठ का एक्यूआई 355 बहुत खराब श्रेणी में रहा
  • 400 से ऊपर एक्यूआई यानी गंभीर श्रेणी
  • दिल्ली, नोएडा और ग्रेनो में प्रमुख प्रदूषक पीएम 2.5 रहे
  • गाजियाबाद की हवा में पीएम 10 और पीएम 2.5 दोनों ही प्रदूषक प्रमुखता के साथ पाए गए।

ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे व खुंर्जा में हादसे, अमरोहा में एक की मौत
दादरी/अमरोहा में मौसम के पहले घने कोहरे के चलते दृश्यता कम होने से शनिवार को यूपी में अलग-अलग स्थानों पर तीन दर्जन से अधिक गाड़ियों की आपस में भिड़ंत हो गई। इससे कई जगह जाम की स्थिति रही। हादसों में 35 से अिधक लोग घायल हो गए। गाड़ियों को हटाने के लिए क्रेन की मदद लेनी पड़ी। 

  • गाजियाबाद के दादरी में ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे पर चक्रसेनपुर व समाधिपुर गांव के फ्लाईओवर के पास दो हादसे हुए। ट्रक और कार की टक्कर के बाद कई वाहन भिड़ते चले गए। इसमें 20 लोग घायल हो गए
  • बुलंदशहर के खुर्जा में नेशनल हाईवे पर दस वाहनों की टक्कर में 15 घायल हैं। चार की हालत गंभीर है
  • अमरोहा के गजरौला में बस समेत सात गाड़ियां एक-दूसरे से टकरा गईं। हादसे में एक युवक की मौत हो गई
  • कोहरे के चलते यमुना एक्सप्रेसवे पर हल्के वाहनों के लिए अधिकतम गति 75 किमी/घंटा और भारी वाहनों के लिए 60 किमी/घंटा निर्धारित की गई है। नोएडा-ग्रेनो एक्सप्रेसवे पर भारी वाहनों के लिए सीमा 50 किमी/घंटा होगी। सीमा 15 दिसंबर से 15 फरवरी तक रहेगी

पश्चिमी विक्षोभ का दिखा असर
उत्तर पश्चिमी भारत के विभिन्न हिस्सों में कमजोर पश्चिमी विक्षोभ का असर नजर आना शुरू हो गया है। यह पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी पाकिस्तान और उसके आस-पास के इलाकों पर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन के रूप में दिख रहा है।  इसके प्रभाव से जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश की चोटियों पर हल्की बारिश और हिमपात का अनुमान है। शनिवार को छिटपुट बादल की आवाजाही देखने को मिली। सुबह से ही मौसम में ठंडक बनी हुई थी। अधिकतम तापमान 25.5 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। 

घुट रहा है दिल्ली का दम
राजधानी में वायु प्रदूषण साइलेंट किलर बन चुका है, जो हर साल सैकड़ो लोगों की जान ले रहा है और असमय मौतों के लिए जिम्मेदार भी। दिल्ली को लेकर की गई नेचर पोर्टफोलियो के जर्नल साइंटिफिक रिपोर्ट्स में प्रकाशित एक अध्ययन रिपोर्ट बताती है कि राजधानी की हवा कई साल से लगातार लोगों की सेहत पर गंभीर असर डाल रही है। यह अध्ययन 2019 से 2023 के बीच दिल्ली में हवा में मौजूद जहरीले कणों पीएम10 और पीएम2.5 पर आधारित है। ये बेहद बारीक कण होते हैं, जो सांस के साथ सीधे फेफड़ों में चले जाते हैं और कई बीमारियों की वजह बनते हैं। 

शोध में यह भी सामने आया कि दिन के अलग-अलग समय में प्रदूषण का असर अलग होता है। खासतौर पर शाम के समय जब लोग ऑफिस से घर लौटते हैं, तब शरीर में जाने वाले प्रदूषित कणों की मात्रा ज्यादा होती है। स्टडी के अनुसार, दीपावली जैसे त्योहारों और कुछ खास मौकों पर प्रदूषण का स्तर और बढ़ जाता है, जबकि कोविड़-19 लॉकडाउन के दौरान हवा की गुणवत्ता में कुछ सुधार देखा गया था। 

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