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Delhi: प्रदूषण के खिलाफ ईवी होगा बड़ा हथियार, 10 महीनों में 1 लाख से ज्यादा रजिस्ट्रेशन देखकर सरकार उत्साहित

अमर उजाला नेटवर्क, दिल्ली Published by: दुष्यंत शर्मा Updated Sun, 21 Dec 2025 01:49 AM IST
सार

आंकड़े को सरकार सफलता के नजरिये से देख रही है। सरकार ने ये आंकड़ा जारी करते हुए बताया कि ईवी अब प्रदूषण को हराने का विकल्प नहीं, लोगों की जरूरत बन गया है।

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Delhi:  government is encouraged by over 100,000 EV registrations in 10 months
परिवहन मंत्री डॉ. पंकज कुमार सिंह - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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दिल्ली में प्रदूषण के खिलाफ सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को इस समय सबसे बड़ा हथियार मान रही है। दिल्ली में बीते 10 महीनों में 1 लाख से ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहन रजिस्टर हुए हैं। इस आंकड़े को सरकार सफलता के नजरिये से देख रही है। सरकार ने ये आंकड़ा जारी करते हुए बताया कि ईवी अब प्रदूषण को हराने का विकल्प नहीं, लोगों की जरूरत बन गया है।

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परिवहन मंत्री डॉ पंकज कुमार सिंह ने शनिवार को कहा है कि प्रदूषण की जड़ और उसके असर दोनों पर एक साथ काम किया जा रहा है। मौजूदा सरकार के कार्यकाल में इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर बड़ा उछाल देखने को मिला है। मंत्री ने बताया कि पिछले पूरे साल में जहां करीब 80 हजार ईवी रजिस्ट्रेशन हुए थे, वहीं बीते 10 महीनों में ही 1 लाख से ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहन पंजीकृत हो चुके हैं। अभी साल बीतने में कई दिन बाकी हैं और हरदिन नए ईवी सड़क पर उतर रहे हैं।
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नई ईवी नीति से और बढ़ेगा लोगों का भरोसा
मंत्री ने बताया कि पहले ईवी सब्सिडी को लेकर असमंजस और देरी से लोगों का भरोसा कमजोर रहा। अब सरकार नई और लोगों के अनुकूल ईवी नीति पर काम कर रही है, जिससे साफ-सुथरी मोबिलिटी को और बढ़ावा मिलेगा और आखिरी छोर तक कनेक्टिविटी मजबूत होगी।

सार्वजनिक परिवहन में होंगे बड़े बदलाव
मंत्री ने कहा कि सरकार बनने के बाद से अब तक 3518 इलेक्ट्रिक बसें दिल्ली की सड़कों पर उतारी हैं। लक्ष्य है कि मार्च तक ये संख्या 5000 के पार पहुंचे। नवंबर 2026 तक 7000 से ज्यादा ई-बसें राजधानी में दौड़ेंगी। इससे डीजल बसों पर निर्भरता घटेगी और प्रदूषण में सीधी कमी आएगी।

सड़क पर सख्ती भी जरूरी
सरकार की सख्ती से 17 से 19 दिसंबर के बीच चले विशेष अभियान में ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग ने 12,200 चालान काटे। इसी दौरान ग्रैप नियमों के तहत 1492 बाहरी वाहनों को दिल्ली में आने से रोका गया। खास बात यह रही कि 19 दिसंबर को अकेले एक दिन में 47,600 पीयूसी सर्टिफिकेट जारी हुए, जबकि तीन दिनों में यह आंकड़ा 1 लाख से ज्यादा पहुंच गया। अब पेट्रोल पंपों पर चौबीसों घंटे पीयूसी जांच चल रही। दिल्ली परिवहन निगम और पुलिस तय कर कर कि बिना वैध पीयूसी के वाहन को ईंधन न मिले। 15 बड़े एंट्री प्वाइंट्स पर भी विशेष जांच अभियान चचल रहे।

दो महीने में और 200 आरोग्य केंद्र
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना अब दिल्ली में लागू है। अभी तक 28 करोड़ रुपये से ज्यादा का इलाज मुफ्त हुआ है। आयुष्मान आरोग्य मंदिरों से मोहल्ला स्तर पर इलाज और 90 से ज्यादा जांच हो रही। ऐसे 238 केंद्र चल रहे। अगले दो महीनों में 200 से ज्यादा नए केंद्र खोलेंगे। उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों में 12 एमआरआई और 24 सीटी स्कैन मशीनें लगाई जा रहीं। टीबी, सर्वाइकल कैंसर और एनीमिया की जांच तेज हुई है।

 

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