Delhi: हिरासत में रहकर सांसद इंजीनियर राशिद संसद सत्र में लेंगे भाग, दिल्ली हाईकोर्ट ने दी अनुमति
दिल्ली हाईकोर्ट ने सांसद इंजीनियर राशिद को हिरासत में संसद सत्र में भाग लेने की अनुमति दे दी है। पीठ ने कहा कि जेल से बाहर रहने के दौरान राशिद मोबाइल फोन या लैंडलाइन का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे और मीडिया से बातचीत नहीं कर पाएंगे।
विस्तार
दिल्ली हाईकोर्ट ने टेरर फंडिंग के मामले में गिरफ्तार जम्मू-कश्मीर के सांसद इंजीनियर राशिद को हिरासत में संसद सत्र में भाग लेने की अनुमति दे दी। अदालत ने एनआईए की इस आशंका को खारिज कर दिया कि वह गलत बयानी कर सकते हैं या संसद से भाग सकते हैं। न्यायमूर्ति चंद्र धारी सिंह और न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी की पीठ ने महानिदेशक (कारागार) को निर्देश दिया कि 26 मार्च से 4 अप्रैल के बीच लोकसभा सत्र के दिनों में राशिद को सादे कपड़ों में पुलिसकर्मी जेल से संसद तक ले जाएंगे।
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दिल्ली हाईकोर्ट ने टेरर फंडिंग के मामले में गिरफ्तार जम्मू-कश्मीर के सांसद इंजीनियर राशिद को हिरासत में संसद सत्र में भाग लेने की अनुमति दे दी। अदालत ने एनआईए की इस आशंका को खारिज कर दिया कि वह गलत बयानी कर सकते हैं या संसद से भाग सकते हैं। न्यायमूर्ति चंद्र धारी सिंह और न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी की पीठ ने महानिदेशक (कारागार) को निर्देश दिया कि 26 मार्च से 4 अप्रैल के बीच लोकसभा सत्र के दिनों में राशिद को सादे कपड़ों में पुलिसकर्मी जेल से संसद तक ले जाएंगे।
पीठ ने कहा कि बारामुल्ला के सांसद को संसद सुरक्षा या मार्शलों की हिरासत में सौंप दिया जाएगा, जो उन्हें कार्यवाही में भाग लेने की अनुमति देंगे और वह वहां अन्य सुविधाओं और सुख-सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं। पीठ के आदेश में कहा गया है संसद सत्र में भाग लेने के लिए बाहर जाने के दौरान अपीलकर्ता (राशिद) किसी भी सेलुलर या लैंडलाइन फोन या अन्य संचार उपकरण का उपयोग करने का हकदार नहीं होगा, न ही वह किसी भी माध्यम से इंटरनेट तक पहुंच का हकदार होगा।
आने-जाने की यात्रा और अन्य व्यवस्थाओं का खर्च खुद वहन करें
अदालत ने राशिद के वकील एन हरिहरन और अधिवक्ता विख्यात ओबेरॉय को निर्देश दिया गया कि वे संसद परिसर के अलावा जेल से बाहर किसी से भी बातचीत न करें। अदालत ने कहा कि उन्हें अपने लंबित आपराधिक मामले सहित किसी भी तरह से मीडिया से बातचीत या संबोधन नहीं करना चाहिए। पीठ ने राशिद से कहा कि वे आने-जाने की यात्रा और अन्य व्यवस्थाओं का खर्च वहन करें।
यह है मामला
एनआईए की एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि व्यवसायी और सह-आरोपी जहूर वटाली से पूछताछ के दौरान राशिद का नाम सामने आया था। अक्टूबर 2019 में आरोपपत्र दाखिल किए जाने के बाद, एक विशेष एनआईए अदालत ने मार्च 2022 में राशिद और अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी (आपराधिक साजिश), 121 (सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ना) और 124ए (देशद्रोह) और यूएपीए के तहत आतंकवादी कृत्यों और आतंकी फंडिंग से संबंधित अपराधों के लिए आरोप तय किए।
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