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Delhi: बिहार से दिल्ली आकर होटल में रुकते, AC ट्रेन में करते चोरी; पुलिस ने चोरों की मंडली को किया गिरफ्तार
अमर उजाला नेटवर्क, नई दिल्ली
Published by: विजय पुंडीर
Updated Tue, 08 Jul 2025 05:00 AM IST
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सार
आरोपी बिहार से ट्रेन में सवार होकर दिल्ली आते थे। ट्रेन के एसी कोच इनके निशाने पर रहते थे। तड़के जब लोग गहरी नींद में होते थे यह बैग चुरा लेते थे। सीसीटीवी कैमरों से बचने के लिए काले और नीले बैग ही चोरी किए जाते थे।

सांकेतिक तस्वीर
- फोटो : Adobe Stock
विस्तार
ट्रेन की एसी कोच में यात्रियों के बैग चुराने वाले अंतरराज्यीय गैंग के चार बदमाश अमित कुमार (37), करन कुमार (27), गौरव (33) और पुनित महतो (38) को रेलवे पुलिस ने दबोचा है। चारो आरोपी बिहार के बेगुसराय और वैशाली के रहने वाले हैं और वहां से दिल्ली चोरी करने आते थे।
पूछताछ में पता चला कि यहां रेलवे स्टेशन के पास होटल में खुद को कारोबारी बताकर रुकते थे और वारदात को अंजाम देकर वापस अपने-अपने गांव लौट जाते थे। पुलिस ने आरोपियों के पास से 16 बैग बरामद किए। पुलिस की माने तो आरोपी 100 से अधिक वारदातों को अंजाम दे चुके हैं।
रेलवे पुलिस उपायुक्त केपीएस मल्होत्रा ने बताया कि तीन जुलाई को माता वेष्णो देवी कटरा एक्सप्रेस में ए-1 कोच से पांच बैग चोरी होने की सूचना नई दिल्ली रेलवे स्टेशन थाना पुलिस को मिली थी। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की और संदिग्धों की पहचान के लिए सीसीटीवी कैमरों की पड़ताल की। आरोपियों की पहचान होने पर पुलिस उन्हें तलाशते हुए पहाड़गंज के होटल क्रिस्टल पहुंची। पुलिस ने दबिश देकर अमित, गौरव और करन को दबोच लिया।
इनके पास से अलग-अलग तरह के कुल 12 बैग और दो मोबाइल फोन के साथ ही 47 हजार कैश बरामद हुए। चौथे आरोपी पुनीत को आनंद विहार रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया गया। इसके पास पुलिस को चार बैग मिले। पुनित के खिलाफ बिहार, राजस्थान और दिल्ली समेत कई राज्यों में इसी तरह चोरी के मामले दर्ज थे।
ऐसे देते थे वारदात को अंजाम...
आरोपी बिहार से ट्रेन में सवार होकर दिल्ली आते थे। ट्रेन के एसी कोच इनके निशाने पर रहते थे। तड़के जब लोग गहरी नींद में होते थे यह बैग चुरा लेते थे। सीसीटीवी कैमरों से बचने के लिए काले और नीले बैग ही चोरी किए जाते थे। बाद में रेलवे स्टेशन के मेन गेट के बजाय पीछे वाले गेट से निकलकर पास के होटल पहुंचते थे। खुद को कपड़ा कारोबारी बताकर माल लाने- ले जाने के बारे में होटल वालों को बताते थे। बार-बार नए बैग लेकर आने पर होटल वाले भी इन पर शक नहीं करते थे। कमरे में बैग की तलाशी ली जाती थी। कीमती सामान निकालकर बैग वापस रेलवे स्टेशन पर किसी भी ट्रेन में रखकर आरोपी लौट आते थे। बैग चोरी करने के बाद वह दिल्ली के बॉर्डर एरिया में कमरा किराए पर लेकर बैग छिपा देते थे। बाद में इनसे कीमती सामान निकालने के बाद बैग बेच दिया जाता था।
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पूछताछ में पता चला कि यहां रेलवे स्टेशन के पास होटल में खुद को कारोबारी बताकर रुकते थे और वारदात को अंजाम देकर वापस अपने-अपने गांव लौट जाते थे। पुलिस ने आरोपियों के पास से 16 बैग बरामद किए। पुलिस की माने तो आरोपी 100 से अधिक वारदातों को अंजाम दे चुके हैं।
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रेलवे पुलिस उपायुक्त केपीएस मल्होत्रा ने बताया कि तीन जुलाई को माता वेष्णो देवी कटरा एक्सप्रेस में ए-1 कोच से पांच बैग चोरी होने की सूचना नई दिल्ली रेलवे स्टेशन थाना पुलिस को मिली थी। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की और संदिग्धों की पहचान के लिए सीसीटीवी कैमरों की पड़ताल की। आरोपियों की पहचान होने पर पुलिस उन्हें तलाशते हुए पहाड़गंज के होटल क्रिस्टल पहुंची। पुलिस ने दबिश देकर अमित, गौरव और करन को दबोच लिया।
इनके पास से अलग-अलग तरह के कुल 12 बैग और दो मोबाइल फोन के साथ ही 47 हजार कैश बरामद हुए। चौथे आरोपी पुनीत को आनंद विहार रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया गया। इसके पास पुलिस को चार बैग मिले। पुनित के खिलाफ बिहार, राजस्थान और दिल्ली समेत कई राज्यों में इसी तरह चोरी के मामले दर्ज थे।
ऐसे देते थे वारदात को अंजाम...
आरोपी बिहार से ट्रेन में सवार होकर दिल्ली आते थे। ट्रेन के एसी कोच इनके निशाने पर रहते थे। तड़के जब लोग गहरी नींद में होते थे यह बैग चुरा लेते थे। सीसीटीवी कैमरों से बचने के लिए काले और नीले बैग ही चोरी किए जाते थे। बाद में रेलवे स्टेशन के मेन गेट के बजाय पीछे वाले गेट से निकलकर पास के होटल पहुंचते थे। खुद को कपड़ा कारोबारी बताकर माल लाने- ले जाने के बारे में होटल वालों को बताते थे। बार-बार नए बैग लेकर आने पर होटल वाले भी इन पर शक नहीं करते थे। कमरे में बैग की तलाशी ली जाती थी। कीमती सामान निकालकर बैग वापस रेलवे स्टेशन पर किसी भी ट्रेन में रखकर आरोपी लौट आते थे। बैग चोरी करने के बाद वह दिल्ली के बॉर्डर एरिया में कमरा किराए पर लेकर बैग छिपा देते थे। बाद में इनसे कीमती सामान निकालने के बाद बैग बेच दिया जाता था।