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किसान संसद: जंतर-मंतर पर पहुंचे विपक्षी दल, कृषि कानूनी वापस लेने और अलग एमएसपी कानून बनाने की मांग की
अमर उजाला नेटवर्क, नई दिल्ली
Published by: पूजा त्रिपाठी
Updated Fri, 06 Aug 2021 03:51 PM IST
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सार
यहां कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, अधीर रंजन चौधरी, संजय राउत, मनोज झा, शशि थरूर समेत कई विपक्षी नेता जंतर-मंतर पर किसानों का समर्थन करने पहुंचे

किसान संसद में पहुंचा विपक्षी नेताओं का दल
- फोटो : शुभम बंसल
विस्तार
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी समेत विपक्षी दलों के कई नेताओं ने शुक्रवार को जंतर-मंतर पहुंचकर कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों का समर्थन किया। सभी एक बस में सवार होकर किसान बचाओ, भारत बचाओ के नारे लगाते हुए जंतर-मंतर पहुंचे।
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किसान नेताओं ने बतौर श्रोता किसान संसद में शिरकत की। वहां नेताओं ने एक स्वर में कृषि कानूनों का विरोध किया और केंद्र सरकार से इन कानूनों को जल्द से जल्द रद्द करने की मांग की।
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किसानों का समर्थन करने के लिए पहुंचने वाले नेताओं में राहुल गांधी के अलावा राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, शिवसेना के संजय राउत, राजद के मनोज झा, भाकपा के विनय विश्वम, समाजवादी पार्टी के एसटी हसन और अन्य विपक्षी नेता शामिल थे। सभी नेता किसान संसद में पहुंचे और किसानों के बीच बैठकर उनका भाषण भी सुना। इस दौरान किसी भी नेता को मंच साझा नहीं करने दिया गया।
राहुल गांधी ने जंतर मंतर पर कहा कि विपक्षी दलों के नेता किसानों के समर्थन में यहां इकट्ठे हुए हैं और कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। राहुल ने कहा कि किसानों के मुद्दे पर विपक्ष संसद में चर्चा चाहता है, लेकिन केंद्र सरकार चर्चा नहीं चाहती है।
सरकार सिर्फ लोगों की जासूसी कराने पर ध्यान दे रही है। उन्होंने कहा कि सरकार को कृषि कानून रद्द करने होंगे, जिसके बाद ही आंदोलन खत्म होगा। इससे पहले, संसद भवन स्थित कक्ष में बैठक कर विपक्षी सदस्यों ने यह निर्णय लिया कि वे किसानों का समर्थन करने के लिए जंतर-मंतर पहुंचेंगे।
किसान यूनियन ने किया स्वागत
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने विपक्ष के इस कदम का स्वागत किया। हालांकि, राकेश टिकैत ने कहा कि उन्होंने अपने मंच पर किसी नेता को जगह नहीं दी है। सभी नेता दर्शक दीर्घा में बैठे थे। कृषि कानूनों के विरोध में पिछले साल नवंबर से ही दिल्ली की सीमाओं पर किसान विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं, 22 जुलाई से संसद का मानसून सत्र शुरू होने के बाद से करीब 200 किसान जंतर मंतर पर डेरा डाले हुए हैं। किसानों ने कहा कि किसान संसद आयोजित करने का उद्देश्य यह दर्शाना है कि उनका आंदोलन अब भी जारी है तथा केंद्र को यह संदेश देना है कि वे भी जानते हैं कि संसद कैसे चलाई जाती है।
एमएसपी पर प्रस्ताव पास
किसान संसद में किसानों और सभी कृषि उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी पर बहस हुई। दो दिनों के मंथन के बाद एमएसपी की गारंटी से संबंधित प्रस्ताव को पारित कर दिया गया।