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Ghaziabad News: फर्जी बिल बनाकर अस्पताल की फार्मेसी में छह करोड़ का गबन
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साहिबाबाद। इंदिरापुरम के वसुंधरा सेक्टर-15 स्थित फेमली हेल्थ केयर अस्पताल के निदेशक डॉ.सुरेश कुमार ने अस्पताल में संचालित फार्मेसी के संचालक नरेंद्र डांगी और उनके बेटे ऋषभ डांगी पर गबन का आरोप लगाया है। उन्होंने फार्मेसी में आने वाली दवाओं के फर्जी बिल बनाकर छह करोड़ रुपये का घोटाला करने की बात कही है। साथ ही शालीमार गार्डन क्षेत्र में बुलाकर उन्हें जान से मारने की धमकी देने व रंगदारी मांगने का भी आरोप लगाया है। पुलिस ने तीन दिसंबर की रात तीन लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की है।
पुलिस को दी तहरीर में डॉ.सुरेश कुमार ने बताया कि अस्पताल में फार्मेसी संचालन का अनुबंध साल 2020 में उन्होंने हरियाणा के पानीपत स्थित सेक्टर छह निवासी नरेंद्र कुमार और उनके बेटे ऋषभ डांगी से किया था। प्रतिदिन बिक्री का लेखाजोखा अस्पताल के सॉफ्टवेयर पर अपलोड करने, आय बैंक खाते में जमा करने और आय का पांच प्रतिशत कमीशन संचालक का होने की बात तय हुई। आरोप है कि अक्तूबर 2023 में आरोपियों तक आरोपी पिता-पुत्र ने उन्हें 25,80,44,540 रुपये की बिक्री होना बताया। इसके बाद अलग-अलग रकम के बिल ऐसी दवाओं की खरीद-फरोख्त के बनाए जो दवाएं फार्मेसी को उपलब्ध ही नहीं कराई गईं। यहां तक कि साल 2023 में ही 35 करोड़ का व्यवसाय बताकर आरोपी ने उनसे 1,95,77,982 रुपये अपने कमीशन के भी उनसे ले गया। जब उन्होंने बिलों की जांच की तब फर्जीवाड़ा सामने आया। उन्होंने आरोपियों से बातचीत कर उनके साथी संदीप कुमार से रुपये वापस मांगे।
आरोप है कि संदीप ने उन्हें शालीमार गार्डन स्थित शिव चौक पर बुलाया और यहां परिवार समेत जान से मारने की धमकी दी। साथ ही 17 लाख रुपये की रंगदारी भी मांगी। तब उन्होंने पुलिस से शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। बाद में उन्होंने कोर्ट में अपील की। न्यायालय के आदेश पर तीन दिसंबर को शालीमार गार्डन पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की। एसीपी शालीमार गार्डन अतुल कुमार सिंह ने बताया कि फार्मेसी के बिलों की जांच की जा रही है। सॉफ्टवेयर पर हुई एंट्री को भी खंगाला जा रहा है। तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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पुलिस को दी तहरीर में डॉ.सुरेश कुमार ने बताया कि अस्पताल में फार्मेसी संचालन का अनुबंध साल 2020 में उन्होंने हरियाणा के पानीपत स्थित सेक्टर छह निवासी नरेंद्र कुमार और उनके बेटे ऋषभ डांगी से किया था। प्रतिदिन बिक्री का लेखाजोखा अस्पताल के सॉफ्टवेयर पर अपलोड करने, आय बैंक खाते में जमा करने और आय का पांच प्रतिशत कमीशन संचालक का होने की बात तय हुई। आरोप है कि अक्तूबर 2023 में आरोपियों तक आरोपी पिता-पुत्र ने उन्हें 25,80,44,540 रुपये की बिक्री होना बताया। इसके बाद अलग-अलग रकम के बिल ऐसी दवाओं की खरीद-फरोख्त के बनाए जो दवाएं फार्मेसी को उपलब्ध ही नहीं कराई गईं। यहां तक कि साल 2023 में ही 35 करोड़ का व्यवसाय बताकर आरोपी ने उनसे 1,95,77,982 रुपये अपने कमीशन के भी उनसे ले गया। जब उन्होंने बिलों की जांच की तब फर्जीवाड़ा सामने आया। उन्होंने आरोपियों से बातचीत कर उनके साथी संदीप कुमार से रुपये वापस मांगे।
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आरोप है कि संदीप ने उन्हें शालीमार गार्डन स्थित शिव चौक पर बुलाया और यहां परिवार समेत जान से मारने की धमकी दी। साथ ही 17 लाख रुपये की रंगदारी भी मांगी। तब उन्होंने पुलिस से शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। बाद में उन्होंने कोर्ट में अपील की। न्यायालय के आदेश पर तीन दिसंबर को शालीमार गार्डन पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की। एसीपी शालीमार गार्डन अतुल कुमार सिंह ने बताया कि फार्मेसी के बिलों की जांच की जा रही है। सॉफ्टवेयर पर हुई एंट्री को भी खंगाला जा रहा है। तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।