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Air Pollution: देश का तीसरा सबसे प्रदूषित शहर गाजियाबाद, लोनी की हवा सबसे जहरीली, गंभीर श्रेणी के करीब एक्यूआई
अमर उजाला नेटवर्क, गाजियाबाद
Published by: शाहरुख खान
Updated Wed, 05 Nov 2025 09:51 AM IST
सार
यूपी का गाजियाबाद देश का तीसरा सबसे प्रदूषित शहर है। लोनी की हवा सबसे जहरीली है। गाजियाबाद का एक्यूआई गंभीर श्रेणी के करीब पहुंच गया है। विशेषज्ञों की सलाह है कि लोग बिना मास्क के घर से बाहर निकलें।
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AIR Pollution
- फोटो : Adobe Stock
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विस्तार
वायु गुणवत्ता में कुछ अंकों की कमी के बावजूद जनपद का एक्यूआई 325 दर्ज किया गया। 325 अंक के साथ मंगलवार को गाजियाबाद देश का तीसरा सबसे प्रदूषित शहर रहा। वहीं लोनी की हवा सबसे अधिक जहरीली रही और गंभीर श्रेणी के करीब दर्ज की गई।
हर दिन शहर की हवा खराब से बेहद खराब की श्रेणी में पहुंच रही है। इस बीच अधिकारी भले प्रदूषण नियंत्रण के लिए कार्य करने की बात कह रहे हों लेकिन जमीनी स्तर पर इसका असर नहीं दिख रहा है।
दिल्ली एनसीआर में गाजियाबाद प्रदूषण के मामले में जहां पहले स्थान पर है वहीं देश में तीसरे स्थान पर है। चारों स्टेशनों की हवा खराब श्रेणी में दर्ज की जा रही है। मंगवार को सबसे अधिक खराब हवा लोनी और फिर वसुंधरा का रहा।
लोनी का एक्यूआई 383 दर्ज किया गया जबकि वसुंधरा का 328 रहा। 11 अक्तूबर के बाद से ही हवा में जहर घुल रहा है लेकिन सुधार कार्यों का जो दावा किया जा रहा है उसका असर दिख नहीं रहा।
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हर दिन शहर की हवा खराब से बेहद खराब की श्रेणी में पहुंच रही है। इस बीच अधिकारी भले प्रदूषण नियंत्रण के लिए कार्य करने की बात कह रहे हों लेकिन जमीनी स्तर पर इसका असर नहीं दिख रहा है।
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दिल्ली एनसीआर में गाजियाबाद प्रदूषण के मामले में जहां पहले स्थान पर है वहीं देश में तीसरे स्थान पर है। चारों स्टेशनों की हवा खराब श्रेणी में दर्ज की जा रही है। मंगवार को सबसे अधिक खराब हवा लोनी और फिर वसुंधरा का रहा।
लोनी का एक्यूआई 383 दर्ज किया गया जबकि वसुंधरा का 328 रहा। 11 अक्तूबर के बाद से ही हवा में जहर घुल रहा है लेकिन सुधार कार्यों का जो दावा किया जा रहा है उसका असर दिख नहीं रहा।
विशेषज्ञों की सलाह है कि लोग बिना मास्क के घर से बाहर निकलें। खास तौर पर बुजुर्ग व गर्भवती महिलाओं का घर से बाहर निकलना भी मुनासिब नहीं है। खुली हवा में सांस लेने से लोगों को सांस से संबंधित परेशानी बढ़ सकती है।
फैक्टरियों को स्वयं ही कराना होगा छिड़काव
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ( यूपीपीसीबी) ने यूपीसीडा और उद्योगों को अपने आसपास उड़ रही धूल पर खुद से नियंत्रण करने को कहा है। निरीक्षण के दौरान यदि कहीं भी प्रदूषण अधिक पाया जाता है तो इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ( यूपीपीसीबी) ने यूपीसीडा और उद्योगों को अपने आसपास उड़ रही धूल पर खुद से नियंत्रण करने को कहा है। निरीक्षण के दौरान यदि कहीं भी प्रदूषण अधिक पाया जाता है तो इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी अंकित सिंह ने बताया कि सोमवार को उन्होंने औद्योगिक क्षेत्र साइट-4 का निरीक्षण किया था। यहां उद्यमियों को उन्होंने स्पष्ट किया कि वह अपने परिसर और आस-पास पानी का छिड़काव कराएं ताकि धूल व धुएं के कण जमीन पर बैठ सकें।
जैसे ही उनकी इंडस्ट्री के आसपास कहीं धूल दिखेगी उन्हें तुरंत कार्रवाई करनी पड़ेगी। अन्यथा अधिक धूल पाए जाने पर जुर्माना लगेगा। अभी कुछ दिन पहले ही लोनी में अलग-अलग इंडस्ट्रियल एरिया का निरीक्षण के दौरान नियमों का उल्लंघन पाए जाने पर कार्रवाई की गई थी।
प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी से मिले आरडबल्यूए पदाधिकारी
जनपद की हवा लगातार जहरीली हो रही है। इस संबंध में मंगलवार को कंफेडरेशन ऑफ आरडब्ल्यूए की एक टीम प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी से मिले और प्रदूषण से रोकथाम की मांग की है। इस दौरान फेडरेशन चेयरमैन कर्नल तेजेंद्र पाल त्यागी ने वायु गुणवत्ता सूचकांक सुधारने के लिए कई उपाय सुझाए। उन्होंने कहा कि माह का एक दिन तय किया जाए जब लोग बिना गाड़ी के चलेंगे। उन्होंने मेट्रो पिलर और फ्लाई ओवर पिलर्स पर वर्टिकल गार्डनिंग करने के सुझाव दिए।
जनपद की हवा लगातार जहरीली हो रही है। इस संबंध में मंगलवार को कंफेडरेशन ऑफ आरडब्ल्यूए की एक टीम प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी से मिले और प्रदूषण से रोकथाम की मांग की है। इस दौरान फेडरेशन चेयरमैन कर्नल तेजेंद्र पाल त्यागी ने वायु गुणवत्ता सूचकांक सुधारने के लिए कई उपाय सुझाए। उन्होंने कहा कि माह का एक दिन तय किया जाए जब लोग बिना गाड़ी के चलेंगे। उन्होंने मेट्रो पिलर और फ्लाई ओवर पिलर्स पर वर्टिकल गार्डनिंग करने के सुझाव दिए।
हिंडन श्मशान घाट पर केवल मोक्षदा प्रणाली से शव दहन किया जाए। पदाधिकारी जय दीक्षित ने बताया कि बैठक में प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी अंकित सिंह ने यह सभी बातें आगामी प्रशासनिक बैठक में रखने का आश्वासन दिया है। मंगलवार की बैठक में ज्ञान सिंह, चंदन सिंह, गणेश दत्त, राजेन्द्र त्रिपाठी, रोहित गुप्ता, विनीत त्यागी और संदीप गुप्ता मौजूद रहे।
निगम ने शुरू किया पानी का छिड़काव
लगातार बढ़ रहे प्रदूषण स्तर को देखते हुए नगर निगम की ओर से शहर में वाटर स्प्रिंकलिंग अभियान की शुरुआत की गई है। निगम ने वायु प्रदूषण को कम करने के लिए करीब दस वाटर स्प्रिंकलर गाड़ियों को सड़कों पर उतारा है। इनमें से 6 गाड़ियां मोहन नगर और 4 गाड़ियां वसुंधरा क्षेत्र में काम कर रही हैं। प्रदूषण स्तर को कम करने के लिए रोस्टर प्लान के मुताबिक इन गाड़ियों को शहर के अलग अलग हिस्सों में दौड़ाने का काम किया जा रहा है।
लगातार बढ़ रहे प्रदूषण स्तर को देखते हुए नगर निगम की ओर से शहर में वाटर स्प्रिंकलिंग अभियान की शुरुआत की गई है। निगम ने वायु प्रदूषण को कम करने के लिए करीब दस वाटर स्प्रिंकलर गाड़ियों को सड़कों पर उतारा है। इनमें से 6 गाड़ियां मोहन नगर और 4 गाड़ियां वसुंधरा क्षेत्र में काम कर रही हैं। प्रदूषण स्तर को कम करने के लिए रोस्टर प्लान के मुताबिक इन गाड़ियों को शहर के अलग अलग हिस्सों में दौड़ाने का काम किया जा रहा है।
जानकारी देते हुए नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथिलेश ने बताया कि नगर निगम की ओर से लगातार प्रदूषण स्तर को कम करने पर जोर दिया जा रहा है। इसके लिए विभाग की तरफ से टीम बनाकर अलग अलग इलाकों में छिड़काव का काम कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इसके लिए निगम की ओर से करीब दस स्प्रिंक्लिंग वाहनों को सड़क पर उतारा गया है।
चारों स्टेशनों का एक्यूआई
वसुंधरा- 335
इंदिरापुरम- 291
सजंयनगर- 290
लोनी- 383
वसुंधरा- 335
इंदिरापुरम- 291
सजंयनगर- 290
लोनी- 383