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Ghaziabad News: शहर में नहीं दिखा ग्रैप का असर, कूड़े में लगाई गई आग

Ghaziabad Bureau गाजियाबाद ब्यूरो
Updated Thu, 16 Oct 2025 01:51 AM IST
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The effect of GRAP was not visible in the city, garbage was set on fire.
अर्थला स्थित कैलाश्वती इंटर कॉलेज के पास कूड़े के ढेर लगी आग से उठता धुंआ। संवाद
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साहिबाबाद। तीन दिन से लगातार एक्यूआई 200 के पार होने पर ग्रैप एक की पाबंदियां लागू कर दी गई। बावजूद इसके इसका असर शहर की सड़कों पर नजर नहीं आया। पाबंदियों के बावजूद बुधवार को शहर की सड़कों पर कूड़ा जलता रहा और सड़कों से धूल उड़ती रहीं। वहीं चौबीस घंटे के अंतराल में वायु गुणवत्ता सूचकांक में महज 7 अंकों की कमी आई। इसके साथ बुधवार को गाजियाबाद प्रदूषित शहरों में दूसरे पायदान पर आया। वहीं 263 एक्यूआई के साथ ग्रेटर नोएडा देश का सबसे अधिक प्रदूषित शहर रहा।
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तीन दिन से लगातार शहर के हवा की सेहत बिगड़ रही है। बुधवार को भी गाजियाबाद की हवा खराब श्रेणी में दर्ज की गई। लोनी का एक्यूआई सबसे अधिक 299 दर्ज किया गया जो कि हवा के बेहद खराब श्रेणी से महज एक अंक दूर रहा। एक ओर जहां शहर की हवा जहरीली हो रही है वहीं दूसरी ओर से प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम सड़क पर नजर नहीं आ रही। ग्रैप एक की पाबंदी लागू होने के बावजूद बुधवार को अर्थला कैलाशवती इंटर कालेज के बाहर कूड़े के ढेर में किसी के द्वारा आग लगा दी गई। जिसमें से दिन भर धुआं उठता रहा। वहीं वसुंधरा में भी टूटी सड़कों से दिन भर धूल उड़ती रही। इससे लोगों को सांस लेने में दिक्कत आई। खास तौर पर गर्भवती महिला, बुजुर्ग एवं सांस के मरीजों की परेशानी बढ़ गई है।
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चारों स्टेशनों का एक्यूआई
संजय नगर - 220

लोनी - 299
इंदिरापुरम - 249

वसुंधरा - 246
नगर निगम ने कराया पानी का छिड़काव
एक्यूआई बढ़ने के बाद नगर निगम ने बुधवार को पानी का छिड़काव शुरू किया है। नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक ने बताया कि निगम स्वास्थ्य विभाग, जलकल विभाग और उद्यान विभाग की संयुक्त टीम ने शहर के सभी पांच जोन में लगातार एंटी-स्मोग गन और वॉटर स्प्रिंकलर के माध्यम से धूल नियंत्रण का कार्य किया जा रहा है। निगम के पास कुल 45 वॉटर स्प्रिंकलर और 15 मल्टीफंक्शन एंटी-स्मोक गन हैं, जो थ्री-इन-वन तकनीक पर आधारित हैं। इनमें वॉटर स्प्रिंकलर, एंटी-स्मोक गन और वॉटर कैनन की सुविधा उपलब्ध है। ये उपकरण विशेष रूप से वायु प्रदूषण कम करने और सड़कों को धूल-मुक्त बनाने के लिए लगाए गए हैं। नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथिलेश ने बताया कि निगम स्वास्थ्य विभाग लगातार वायु गुणवत्ता सुधार के लिए कार्यरत है। शहर की प्रमुख सड़कों और गलियों में रोड स्वीपिंग मशीनों के जरिये सफाई और धूल नियंत्रण कार्य किया जा रहा है।
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