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डेंगू का खतरा बढ़ा: जमा पानी से पनप रहे लार्वा, हर दिन मिल रहे नए मरीज

Ghaziabad Bureau गाजियाबाद ब्यूरो
Updated Wed, 17 Sep 2025 01:51 AM IST
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The risk of dengue increased: Larvae are growing in stagnant water, new patients are being found every day
एमएमजी जिला अस्पताल की ओपीडी में लगी मरीजों कि भीड़। संवाद
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गाजियाबाद। मौसम में बदलाव और तेज धूप के कारण डेंगू बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, अब तक जिले में डेंगू के 91 और मलेरिया के 65 मरीज मिल चुके हैं। जबकि हर दिन औसतन चार से पांच नए मरीज सामने आ रहे हैं। इस समय पांच मरीजों का अस्पताल में इलाज जारी है। यह मरीज मानसी विहार, भिक्कनपुर, खोड़ा और पंचवटी क्षेत्र में मिले हैं।
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जिला मलेरिया अधिकारी ज्ञानेंद्र मिश्रा ने बताया कि सर्वे के दौरान सबसे अधिक डेंगू के लार्वा कूलर, एसी की ट्रे, पानी की टंकी, गमले और अन्य ऐसे स्थानों पर मिले हैं जहां साफ पानी कई दिनों तक जमा रहता है। विभाग ने अब तक 300 से अधिक लोगों को नोटिस जारी किए हैं, जिनके परिसरों में लार्वा पाए गए हैं। उन्होंने बताया कि जिस क्षेत्र में डेंगू के लार्वा मिल रहे हैं, उस क्षेत्र को संवेदनशील मानकर छिड़काव और फागिंग कराई जा रही है।
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पांच दिन बाद लार्वा बन जाता है मच्छर

एपिडिमियोलॉजिस्ट डॉ. शिवि अग्रवाल ने बताया कि डेंगू वायरस एडीज एजिप्टी नामक मादा मच्छर के काटने से फैलता है। यह दिन के समय विशेष रूप से सुबह और शाम को सक्रिय रहता है। मादा मच्छर साफ और स्थिर पानी में अंडे देती है। जो महज 5 से 7 दिनों में वयस्क मच्छर बन जाते हैं। इनके काटने से मरीजों में डेंगू बुखार के लक्षण चार से 10 दिन बाद लक्षण उभरते हैं।

दर्द निवारक दवाइयां हानिकारक
एमएमजी अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. संतराम वर्मा ने बताया कि डेंगू में अचानक तेज बुखार (104° फारेनहाईट तक) होता है। इसमें तेज सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में तेज दर्द (इसे ब्रेकबोन फीवर भी कहा जाता है)। बुखार होने के बाद शरीर पर चकत्ते या रैशेज, मतली, उल्टी, थकावट और भूख न लगने की परेशानी बढ़ जाती है। कुछ मामलों में डेंगू डेंगू हेमोरैजिक फीवर या डेंगू शॉक सिंड्रोम हो सकता है। इसमें रक्तस्राव, प्लेटलेट्स की भारी गिरावट, निम्न रक्तचाप और शरीर के अंग काम करना बंद कर देते हैं। ये स्थितियां जीवन के लिए खतरा बन सकती हैं। बुखार और दर्द के लिए पैरासिटामॉल दी जाती है। एस्पिरिन और इबुप्रोफेन जैसे दवाएं बिल्कुल नहीं देनी चाहिए। इससे रक्तस्राव की संभावना बढ़ा सकती हैं।

सप्ताह में एक दिन ड्राई डे मनाएं
जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. राकेश कुमार गुप्ता ने कहा कि लोग डेंगू को हल्के में न लें। यह बीमारी कभी-कभी तेजी से गंभीर रूप ले सकती है। उन्होंने कहा, हर घर को हफ्ते में कम से कम एक दिन ड्राई डे के रूप में मनाना चाहिए, ताकि कहीं भी पानी न रुके। स्वास्थ्य विभाग ने सभी शहरी और ग्रामीण इलाकों में जागरूकता अभियान तेज कर दिया है। टीमों को निर्देश दिए गए हैं कि वे घर-घर जाकर निरीक्षण करें और जरूरत पड़ने पर नोटिस जारी करें।
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