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Gurugram News: फर्जी बिल से 5.27 लाख का गबन, दो सरकारी अफसरों को 10-10 साल की सजा
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सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी और कनिष्ठ अभियंता को सुनाई सजा
अदालत ने दोषियों पर पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया
2006 में हरियाली परियोजना में हुए विकास कार्य में मजदूरों के फर्जी बिल लगाए थे
संवाद न्यूज एजेंसी
गुरुग्राम। फर्जी बिल तैयार कर पांच लाख 27 हजार रुपये का गबन करने पर जिला अदालत ने सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी उदयभान और कनिष्ठ अभियंता (जेई) अशोक कुमार को दोषी करार दिया है। दोनों को 10-10 साल की सजा सुनाई गई है। इसके साथ ही अदालत ने दोषियों पर पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। एंटी करप्शन ब्यूरो ने 2017 में विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया था।
एसीबी गुरुग्राम को सरकारी रुपये का गबन करने की शिकायत मिली थी। ब्यूरो ने मामले की जांच की तो पता चला कि 2006 में हरियाली परियोजना के तहत रेवाड़ी के गांव करावरा मानकपुर में विकास कार्य कराए गए थे। गांव करावरा मानकपुर के पूर्व सरपंच ईश्वर सिंह ने तत्कालीन सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी-रेवाड़ी (उदयभान) और कनिष्ठ अभियंता कार्यालय खंड एवं विकास पंचायत अधिकारी-रेवाड़ी (अशोक कुमार) ने आपस में मिलीभगत करके मजदूरों के फर्जी नाम, पते और रिकाॅर्ड तैयार करके 5.27 लाख रुपये का गबन कर लिया। इससे सरकार को वित्तीय हानि हुई। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आरोपियों को दोषी करार देते हुए 10-10 साल की सजा दी है।

अदालत ने दोषियों पर पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया
2006 में हरियाली परियोजना में हुए विकास कार्य में मजदूरों के फर्जी बिल लगाए थे
संवाद न्यूज एजेंसी
गुरुग्राम। फर्जी बिल तैयार कर पांच लाख 27 हजार रुपये का गबन करने पर जिला अदालत ने सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी उदयभान और कनिष्ठ अभियंता (जेई) अशोक कुमार को दोषी करार दिया है। दोनों को 10-10 साल की सजा सुनाई गई है। इसके साथ ही अदालत ने दोषियों पर पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। एंटी करप्शन ब्यूरो ने 2017 में विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया था।
एसीबी गुरुग्राम को सरकारी रुपये का गबन करने की शिकायत मिली थी। ब्यूरो ने मामले की जांच की तो पता चला कि 2006 में हरियाली परियोजना के तहत रेवाड़ी के गांव करावरा मानकपुर में विकास कार्य कराए गए थे। गांव करावरा मानकपुर के पूर्व सरपंच ईश्वर सिंह ने तत्कालीन सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी-रेवाड़ी (उदयभान) और कनिष्ठ अभियंता कार्यालय खंड एवं विकास पंचायत अधिकारी-रेवाड़ी (अशोक कुमार) ने आपस में मिलीभगत करके मजदूरों के फर्जी नाम, पते और रिकाॅर्ड तैयार करके 5.27 लाख रुपये का गबन कर लिया। इससे सरकार को वित्तीय हानि हुई। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आरोपियों को दोषी करार देते हुए 10-10 साल की सजा दी है।
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