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विरासत को मिला नया जीवन : 400 साल पुराना शालीमार बाग का शीश महल चमका, पर्यटकों के लिए खुला
अमर उजाला नेटवर्क, दिल्ली
Published by: दुष्यंत शर्मा
Updated Thu, 03 Jul 2025 07:20 AM IST
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सार
केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, उपराज्यपाल वीके सक्सेना और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बुधवार को शीश महल का अनावरण किया।

चमक उठी विरासत...
- फोटो : अमर उजाला

विस्तार
शालीमार बाग में करीब 400 साल पुराने शीश महल और अन्य ऐतिहासिक इमारतों को नया जीवन मिला है। दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने मिलकर इनकी रंगत को बदल दिया है। मुगलकालीन स्मारक और बाग फिर से लोगों के लिए खोल दिए गए हैं। केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, उपराज्यपाल वीके सक्सेना और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बुधवार को इसका अनावरण किया।
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वर्ष 1653 में बने शालीमार बाग का शीश महल मुगल सम्राट शाहजहां की पत्नी अकबराबादी बेगम ने बनवाया था। यह वही जगह है जहां वर्ष 1658 में औरंगजेब का राज्याभिषेक हुआ था। दशकों की उपेक्षा से यह स्मारक जर्जर हो चुका था।
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जनवरी 2024 में उपराज्यपाल सक्सेना ने इसका जायजा लिया और डीडीए को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के साथ मिलकर इसे बहाल करने का जिम्मा सौंपा। इस मौके पर सांसद प्रवीण खंडेलवाल, डीडीए के उपाध्यक्ष एन सरवण कुमार, एएसआई के महानिदेशक यदुबीर सिंह रावत और अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
डीडीए और एएसआई ने बदल दी रंगत
डीडीए ने एएसआई की तकनीकी मदद से शीश महल, बरादरी और तीन ऐतिहासिक कॉटेज को पुरानी शैली में बहाल किया। इसके लिए चूना, लखौरी ईंटें, गुड़ और उड़द जैसे पारंपरिक सामग्रियों का इस्तेमाल हुआ। बाग में मुगलकालीन चारबाग शैली का फिर से इस्तेमाल किया गया है।
पुस्तक कैफे व शालीमार कैफे पसंद आएंगे
डीडीए और एएसआई ने महरौली पुरातत्व पार्क और अनंगपाल तोमर वन की बहाली के बाद इस परियोजना को पूरा किया है। शालीमार बाग अब दिल्लीवासियों और पर्यटकों के लिए एक नया सांस्कृतिक और मनोरंजन स्थल बन गया है, जो इतिहास और आधुनिकता का अनूठा संगम है। दो कॉटेज को अब रीडर्स कैफे कॉर्नर और कैफे शालीमार के रूप में बदला गया है, जो किताब प्रेमियों और पर्यटकों के लिए सांस्कृतिक केंद्र बनेंगे। तीसरी कॉटेज को आधुनिक उपयोग के लिए तैयार किया गया है।
विकास भी, विरासत भी’ विजन : गजेंद्र सिंह शेखावत
डीडीए और एएसआई ने महरौली पुरातत्व पार्क और अनंगपाल तोमर वन की बहाली के बाद इस परियोजना को पूरा किया है। शालीमार बाग अब दिल्लीवासियों और पर्यटकों के लिए एक नया सांस्कृतिक और मनोरंजन स्थल बन गया है, जो इतिहास और आधुनिकता का अनूठा संगम है। दो कॉटेज को अब रीडर्स कैफे कॉर्नर और कैफे शालीमार के रूप में बदला गया है, जो किताब प्रेमियों और पर्यटकों के लिए सांस्कृतिक केंद्र बनेंगे। तीसरी कॉटेज को आधुनिक उपयोग के लिए तैयार किया गया है।
जनता के लिए बनाया महल : सीएम
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शालीमार बाग के शीश महल के अनावरण के मौके पर पूर्व सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि एक शीश महल पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने ऐशोआराम के लिए जनता के पैसे से बनवाया था, लेकिन आज का शीश महल जनता की सुविधा के लिए बनाया गया है। यह फर्क है हमारी और पुरानी सरकारों की सोच में। जनता का पैसा केवल जनता की सेवा में लगना चाहिए। स्वार्थ के लिए बने शीश महल का पैसा जनता के खजाने में वापस लौटना है। शालीमार बाग का असली शीश महल जनता को सौंपा गया है, जहां सभी का स्वागत है।