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कम उम्र के बच्चों को बनाया जा रहा ट्रक ड्राईवर
ब्यूरो/अमर उजाला, गुड़गांव
Updated Thu, 12 Nov 2015 05:32 PM IST
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अगर आप मेवात में कहीं कम उम्र के युवकों को किसी ट्रक या डंपर सहित किसी अन्य बड़े वाहन पर चालक के रूप में देखें तो हैरान होने की जरूरत नहीं है क्यूंकि मेवात में पिछले कई सालों से कम उम्र के नवयुवकों को भारी संख्या में ट्रक ड्राईवर बनाया जा रहा है।
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इन नवयुवकों को ट्रक चालक बनाने के पिछे उनके परिजनों की पूरी सहमती है। अब यहां ऐसा क्यूं हो रहा है आइऐ इसे भी जान लेंते हैं। प्रदेश के सबसे पिछड़े जिलों में शुमार मेवात इतने वर्ष बाद भी आर्थिक अर्थव्यवस्था नही बदली।
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मेवात प्रदेश के अन्य जिलों के मुकाबले तरक्की करने में आी भी वहीं पर अटका हुआ है जहां पहले था। अब ऐसे में यहां रोजगार के साधन ना होने के चलते मेवात के ज्यादात्तर युवा ट्रक ड्राईवर बन मजबूरी वश अपना और अपने परिवार का पालन पोषण कर रहें हैं।
गौरतलब है कि मेवात जिला आबादी के हिसाब से 12 लाख से ऊपर है। यहां की अर्थव्यवस्था मुख्यत रूप से खनन व इस कार्य से जुड़े हजारों वाहनों पर निर्भर है।
यहां के ज्यादात्तर लोग डंपरों पर ड्राईविंग कर दिल्ली, गुड़गांव, नोएडा, गाजियाबाद आदि प्रमुख शहरों में पत्थर, क्रेशर, रोड़ी आदि की ढुलाई करते हैं। इनमें ज्यादातर मेवात के युवा ही इस कार्य को करने में लगे हुए हैं।
वहीं क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता तथा इससे जुडे संगठित लोगों का कहना है कि मेवात में बाल श्रम में हजारों बच्चों को झोंका जा रहा है। इस विषय पर आज तक किसी संस्था ने कोई गौर नही की है ना ही इन पर सरकार द्वारा कोई पाबंदी लगाई है।
मेवात में बच्चों की जिन्दगी अंधकार में जबरदस्ती झोंकी जा रही है। इस और सरकार को ठोस कदम उठाने की जरूरत है। ताकि यहां के बच्चों के भविष्य को बचाया जा सके।
इस विषय पर जिला यातायात अधिकारी विनोद कुमार ने बताया कि डंपर सहित अन्य वाहनों पर यातायात पुलिस द्वारा कम उम्र के चालकों को वाहन चलाने से रोकने पर पूरी मुस्तेदी रखी जा रही है।
अगर इस बीच पुलिस को नौशिखिये चालक मिलते हैं तो उनका चालान काट उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा।