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Noida News: एनजीटी ने गांवों में सीवर के पानी की निकासी पर समिति से मांगी रिपोर्ट
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- सोमवार को एनजीटी ने की ग्रेनो के 93 गांवों में सीवर के पानी निकासी की याचिका पर सुनवाई
- संयुक्त समिति में पुलिस को भी जोड़ा, अगली सुनवाई से पहले जमा करनी होगी अपनी रिपोर्ट
माई सिटी रिपोर्टर
ग्रेटर नोएडा। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने सोमवार को ग्रेटर नोएडा के 93 गांवों में सीवर के पानी की निकासी की व्यवस्था नहीं होने की याचिका पर सुनवाई की। एनजीटी ने संयुक्त समिति से अगली सुनवाई से पहले जांच रिपोर्ट मांगी है। समिति में पुलिस आयुक्त को भी शामिल किया है। हरित अधिकरण ने ग्रेनो प्राधिकरण के उस दावे को मानने से इन्कार किया है जिसमें ग्रामीणों के कनेक्शन नहीं लेने का दावा किया गया है।
याचिकाकर्ता प्रदीप कुमार और कर्मवीर सिंह नागर ने ग्रेटर नोएडा के 93 गांवों में सीवर के पानी की निकासी नहीं होने की समस्या को एनजीटी में चुनौती दी थी। वर्ष 2022 में एनजीटी ने प्राधिकरण को सीवर के पानी को तालाब व नालियों में जाने से रोकने का आदेश दिया था। तभी से इस मामले में सुनवाई चल रही है। याचिकाकर्ताओं ने बताया कि समस्या को लेकर संयुक्त समिति का गठन पूर्व में किया गया था, लेकिन वह सक्रिय नहीं है। समिति में डीएम, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण, यूपीपीसीबी के अफसर शामिल थे, लेकिन अब इसमें पुलिस आयुक्त को भी शामिल कर दिया गया है। समिति से रिपोर्ट मांगी है। यूपीपीसीबी से कहा है कि सीवर का पानी जमीन, नाली या जल निकायों में नहीं जाना चाहिए। ग्रेनो प्राधिकरण के उस तर्क को भी अस्वीकार किया है जिसमें कहा है कि ग्रामीणों को सीवर कनेक्शन लेने के लिए राजी करने में असमर्थ है।
जबकि उनको निशुल्क कनेक्शन दिए जा रहे हैं। समिति को लोग व परिवारों को कनेक्शन लेने के लिए तैयार करने के साथ सीवर के पानी को खुली नाली में बहने से रोकना होगा। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता आकाश वशिष्ठ ने बताया कि अभी भी अधिकांश गांवों में सीवर का पानी खुले में बहाया जा रहा है। एनजीटी ने समिति से अगली सुनवाई से पहले रिपोर्ट मांगी है। जल्द ही सुनवाई का आदेश भी अपलोड हो जाएगा।
कोट
एनजीटी का आदेश अभी मिला नही हैं। अगर कोई आदेश आता है तो उसका पालन किया जाएगा। सीवर के पानी की निकासी की व्यवस्था प्राधिकरण को करनी है। - विकास मिश्रा, क्षेत्रीय अधिकारी ग्रेनो यूपीपीसीबी
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ग्रेटर नोएडा। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने सोमवार को ग्रेटर नोएडा के 93 गांवों में सीवर के पानी की निकासी की व्यवस्था नहीं होने की याचिका पर सुनवाई की। एनजीटी ने संयुक्त समिति से अगली सुनवाई से पहले जांच रिपोर्ट मांगी है। समिति में पुलिस आयुक्त को भी शामिल किया है। हरित अधिकरण ने ग्रेनो प्राधिकरण के उस दावे को मानने से इन्कार किया है जिसमें ग्रामीणों के कनेक्शन नहीं लेने का दावा किया गया है।
याचिकाकर्ता प्रदीप कुमार और कर्मवीर सिंह नागर ने ग्रेटर नोएडा के 93 गांवों में सीवर के पानी की निकासी नहीं होने की समस्या को एनजीटी में चुनौती दी थी। वर्ष 2022 में एनजीटी ने प्राधिकरण को सीवर के पानी को तालाब व नालियों में जाने से रोकने का आदेश दिया था। तभी से इस मामले में सुनवाई चल रही है। याचिकाकर्ताओं ने बताया कि समस्या को लेकर संयुक्त समिति का गठन पूर्व में किया गया था, लेकिन वह सक्रिय नहीं है। समिति में डीएम, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण, यूपीपीसीबी के अफसर शामिल थे, लेकिन अब इसमें पुलिस आयुक्त को भी शामिल कर दिया गया है। समिति से रिपोर्ट मांगी है। यूपीपीसीबी से कहा है कि सीवर का पानी जमीन, नाली या जल निकायों में नहीं जाना चाहिए। ग्रेनो प्राधिकरण के उस तर्क को भी अस्वीकार किया है जिसमें कहा है कि ग्रामीणों को सीवर कनेक्शन लेने के लिए राजी करने में असमर्थ है।
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जबकि उनको निशुल्क कनेक्शन दिए जा रहे हैं। समिति को लोग व परिवारों को कनेक्शन लेने के लिए तैयार करने के साथ सीवर के पानी को खुली नाली में बहने से रोकना होगा। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता आकाश वशिष्ठ ने बताया कि अभी भी अधिकांश गांवों में सीवर का पानी खुले में बहाया जा रहा है। एनजीटी ने समिति से अगली सुनवाई से पहले रिपोर्ट मांगी है। जल्द ही सुनवाई का आदेश भी अपलोड हो जाएगा।
कोट
एनजीटी का आदेश अभी मिला नही हैं। अगर कोई आदेश आता है तो उसका पालन किया जाएगा। सीवर के पानी की निकासी की व्यवस्था प्राधिकरण को करनी है। - विकास मिश्रा, क्षेत्रीय अधिकारी ग्रेनो यूपीपीसीबी