सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Delhi ›   Delhi NCR News ›   police asked how fake death certificate of accused was made

जिंदा अपराधी की 'फर्जी मौत': जाली प्रमाण पत्र पर थे पूर्व पार्षद के साइन, 14 दिन में बताए पुलिस; ऐसे खुली पोल

पुरुषोत्तम वर्मा, अमर उजाला, दिल्ली Published by: अनुज कुमार Updated Wed, 15 Oct 2025 09:03 AM IST
विज्ञापन
सार

वीरेंद्र विमल ने आपराधिक मामलों से बचने के लिए जाली मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाकर कोर्ट को गुमराह किया। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने उसकी पोल खोलकर उसे गिरफ्तार किया।

police asked how fake death certificate of accused was made
सांकेतिक तस्वीर - फोटो : एआई तस्वीर
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर निवासी आरोपी वीरेंद्र विमल का जाली मृत्यु प्रमाण पर कैसे बना अब यह सवाल रोहिणी कोर्ट के न्यायिक मजिस्ट्रेट, प्रथम श्रेणी सार्थक पंवार ने पुलिस से पूछा है। दिल्ली पुलिस के बवाना थानाध्यक्ष को इस मामले की जांच करने और इसकी रिपोर्ट 14 दिनों में दाखिल करने के निर्देश भी दिए हैं।
Trending Videos


दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा के सीनियर पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी ने दिल्ली नगर निगम से वर्ष 2021 में जाली मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाया था। आरोपी बदमाश वीरेंद्र विमल ने जाली मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए जो एप्लीकेशन दी थी उस पर बवाना की पूर्व निगम पार्षद पूनम के हस्ताक्षर थे। हालांकि सीनियर पुलिस अधिकारी ने हस्ताक्षर के असली-नकली होने की पुष्टि नहीं की और इसे जांच का विषय बताया।
विज्ञापन
विज्ञापन


पूर्व निगम पार्षद के पति पवन सेहरावत (बवाना से वर्तमान में निगम पार्षद) ने अमर उजाला को बताया कि उनकी पत्नी के हस्ताक्षर नहीं है। वह निर्दलीय चुनाव जीती थीं और बाद में भाजपा में शामिल हो गईं थीं। वह वर्ष 2021 तक निगम पार्षद थीं।

खुद को बचाने को रची ये कहानी
वीरेंद्र विमल ने आपराधिक मुकदमों से बचने के लिए खुद को मृत घोषित कर दिया। उसने दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) से अपनी मृत्यु का प्रमाण पत्र भी बनवा लिया। इसे अदालत में जमा करा दिया था। कोर्ट ने उसके खिलाफ चल रहे चार केसों को बंद कर दिया था। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने जांच के बाद आरोपी बदमाश के झूठ से पर्दा उठाते हुए उसे जिंदा कर दिया।

आईएससी में तैनात इंस्पेक्टर सतेंद्र पूनिया व सोहनलाल की टीम ने उसे कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने उसे 6 मई, 2026 तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। पुलिस उपायुक्त आदित्य गौतम ने बताया कि दिल्ली के मुंगेशपुर में रह रहा वीरेंद्र विमल बाहरी उत्तरी जिले के बवाना थाना अंतर्गत घर में सेंधमारी, चोरी और अवैध हथियार रखने के कई मामलों में शामिल रहा है। उसने 24 अगस्त, 2021 को अपनी मौत का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा लिया था।

आरोपी की ऐसे खुली पोल
अपराध कुंडली एप्लिकेशन के माध्यम से डिजिटल सत्यापन से आरोपी की पहचान साबित कर दी गई। फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम (एफआरआरएस) ने उसकी वर्तमान तस्वीर का मिलान उसके पिछले पुलिस दस्तावेज से किया, जिससे यह संदेह दूर हो गया कि गिरफ्तार व्यक्ति वही व्यक्ति है जिसने अदालत में फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र जमा किया था। इसके खिलाफ चार आपराधिक मामले दर्ज हैं।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed