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Railways: दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग पर रफ्तार बढ़ाने की तैयारी, तुगलकाबाद में जल्द शुरू होगा ये काम

शनि पाथौली, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: अनुज कुमार Updated Tue, 25 Nov 2025 08:42 AM IST
सार

रेलवे ने दिल्ली-मुंबई कॉरिडोर पर ट्रेनों व मालगाड़ियों की गति 160-200 किमी/घंटा तक बढ़ाने की तैयारी कर ली है। तुगलकाबाद में 2x25 केवी टीपीएसएस का निर्माण जल्द शुरू करने की योजना बनाई है।

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Preparations underway for 160-200 km/h speeds on Delhi-Mumbai railway line
भारतीय रेलवे - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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रेलवे ने दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग पर मालगाड़ियों और ट्रेनों की अधिकतम गति 160 से 200 किलोमीटर प्रति घंटा तक बढ़ाने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके तहत तुगलकाबाद में प्रस्तावित 2x25 केवी ट्रैक्शन पावर सब-स्टेशन (टीपीएसएस) का काम जल्द शुरू किया जाएगा। यह पूरे अपग्रेडेशन प्रोजेक्ट का अहम हिस्सा है और तेज रफ्तार ट्रेनों के लिए मजबूत विद्युत आपूर्ति और अत्याधुनिक सिग्नलिंग सिस्टम अनिवार्य है।

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दिल्ली-मुंबई रेलखंड करीब 1384 किलोमीटर लंबा है। इसे देश का सबसे व्यस्त और आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण कॉरिडोर माना जाता है। यहां ट्रेनों की औसत स्पीड 100-130 किलोमीटर प्रति घंटा के बीच है। इस परियोजना के तहत ट्रैक की गति क्षमता को 160 किलोमीटर प्रति घंटा तक अपग्रेड किया जा रहा है, जिससे 200 की गति प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त होगा। इस ट्रैक पर न केवल लंबी दूरी की ट्रेनें तेज दौड़ेंगी बल्कि मालगाड़ियां भी तेज रफ्तार से माल ढुलाई कर सकेंगी।  
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3 महीने में पूरा होगा तुगलकाबाद टीपीएसएस का काम
इस परियोजना का आधार मजबूत करने के लिए अपग्रेडेशन के तहत ट्रैक, सिग्नलिंग सिस्टम और इलेक्ट्रिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर किया जा रहा है। तुगलकाबाद का टीपीएसएस प्रोजेक्ट इसी का हिस्सा है, जो हाई वोल्टेज पावर सप्लाई सुनिश्चित करेगा और ट्रेनों को बिना रुके तेज स्पीड पर चलाने में मदद करेगा। इस कार्य को पूरा करने के लिए तीन महीने का लक्ष्य रखा गया है।

वंदे भारत जैसी ट्रेनों के लिए भी रास्ता होगा साफ
दिल्ली से मुंबई के बीच अभी सबसे कम समय में नई दिल्ली-मुंबई राजधानी करीब 16 घंटे में पहुंचती है। ट्रैक की गति क्षमता बढ़ने से यह दूरी लगभग 12 घंटे में तय होगी। इस कॉरिडोर पर अपग्रेडेशन पूरा होने के बाद वंदे भारत जैसी सेमी-हाई स्पीड ट्रेनों के संचालन का रास्ता भी साफ हो जाएगा। रेलवे ने परियोजना को ‘मिशन रफ्तार’ के तहत शामिल किया है। इसका उद्देश्य प्रमुख रेल मार्गों पर ट्रेनों की औसत गति में वृद्धि करना है।

डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर से जुड़कर अर्थव्यवस्था को फायदा
इस कॉरिडोर पर मालगाड़ियों की स्पीड बढ़ने से लॉजिस्टिक्स सेक्टर में फायदा होगा। वर्तमान में माल ढुलाई में देरी के कारण उद्योगों को नुकसान होता है। ट्रेन की रफ्तार बढ़ने से माल जल्दी पहुंचेगा, जिससे सप्लाई चेन मजबूत होगी। डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) के साथ मिलकर यह रूट भी भारत की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार बनेगा। डीएफसी पहले से ही निर्माणाधीन है।

मुंबई-अहमदाबाद कॉरिडोर हाई-स्पीड ट्रेन का एकमात्र प्रोजेक्ट
भारत में हाई-स्पीड ट्रेन की बात करें तो मुंबई-अहमदाबाद कॉरिडोर एकमात्र स्वीकृत प्रोजेक्ट है, जहां 350 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाली बुलेट ट्रेन चलाई जाएगी। दिल्ली-मुंबई अपग्रेडेशन इससे अलग है, लेकिन यह सेमी-हाई स्पीड की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

सहारनपुर-बनारस के बीच चलेगी अनारक्षित स्पेशल ट्रेन
नई दिल्ली। उत्तर रेलवे की ओर से सहारनपुर जंक्शन और बनारस के बीच एक अनारक्षित विशेष ट्रेन का संचालन शुरू किया गया है। यह ट्रेन एक-एक ट्रिप के लिए संचालित की जाएगी। रेलवे के अनुसार ट्रेन संख्या 04552 सहारनपुर से बनारस के लिए चलेगी। साथ ही ट्रेन संख्या 04551 बनारस से सहारनपुर के बीच चलेगी।

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