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Delhi: पूजा खेडकर को कैट जाने का निर्देश, उम्मीदवारी रद्द करने के आदेश की मिलेगी कॉपी

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: विजय पुंडीर Updated Wed, 07 Aug 2024 07:18 PM IST
सार

पूजा खेडकर ने यूपीएससी द्वारा उम्मीदवारी रद्द करने को चुनौती देते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया था। यूपीएससी ने कहा कि पूजा खेडकर को उम्मीदवारी रद्द करने के आदेश की प्रति दी जाएगी।

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Puja Khedkar moved Delhi High Court challenging cancellation of candidature by UPSC
पूजा खेडकर - फोटो : एक्स/अन्य
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विस्तार
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संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि वह दो दिनों के भीतर पूर्व परिवीक्षाधीन भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी पूजा खेडकर की उम्मीदवारी रद्द करने के अपने आदेश की जानकारी उन्हें देगा। न्यायमूर्ति ज्योति सिंह ने यूपीएससी की दलीलों पर गौर करते हुए आयोग की प्रेस विज्ञप्ति को चुनौती देने वाली खेडकर की याचिका का निपटारा कर दिया, जिसमें कहा गया था कि उनकी उम्मीदवारी खारिज कर दी गई है।

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अदालत ने कहा, याचिकाकर्ता को कानून के अनुसार उचित मंच पर जाने की स्वतंत्रता देते हुए याचिका का निपटारा किया जाता है। यह स्पष्ट किया जाता है कि इस अदालत ने मामले के गुण-दोष पर न तो कोई विचार किया है और न ही कोई राय व्यक्त की है और वर्तमान याचिका दायर करने से मामले के गुण-दोष पर उचित मंच द्वारा निर्णय लिए जाने में कोई बाधा नहीं आएगी। अदालत ने खेडकर से यूपीएससी को अपना पता देने को कहा और कहा कि आदेश उन्हें भौतिक रूप से और इलेक्ट्रॉनिक रूप से दिया जाए। अदालत ने यह भी कहा कि रद्द करने के आदेश को चुनौती देने जैसी अन्य राहत के लिए खेडकर को केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) जाना होगा।

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सुनवाई के दौरान खेडकर की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने कहा कि रद्द करने के आदेश के बारे में उन्हें कभी नहीं बताया गया और उन्हें इसके बारे में केवल प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से पता चला। अदालत द्वारा यह पूछे जाने पर कि उन्होंने अपनी चुनौती के साथ कैट से संपर्क क्यों नहीं किया खेडकर के वकील ने कहा कि चूंकि उन्हें यूपीएससी द्वारा आधिकारिक आदेश नहीं दिया गया था, इसलिए प्रेस विज्ञप्ति को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय के समक्ष याचिका दायर की गई थी।

यूपीएससी की और से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता नरेश कौशिक ने कहा कि आयोग द्वारा आदेश खेडकर को दो दिनों के भीतर उनके ईमेल आईडी के साथ-साथ उनके अंतिम ज्ञात पते पर सूचित किया जाएगा। 31 जुलाई को यूपीएससी ने खेडकर की उम्मीदवारी रद्द कर दी और उन्हें भविष्य की परीक्षाओं से वंचित कर दिया। उन पर यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, 2022 के लिए अपने आवेदन में गलत जानकारी प्रस्तुत करने का आरोप लगाया गया था।

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