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Delhi: जहरीली हवा से अस्पतालों में आंख के 60 फीसदी मरीज बढ़े, ट्रैफिक पुलिसकर्मी और स्कूली बच्चे अधिक प्रभावित

अमर उजाला नेटवर्क, दिल्ली Published by: दुष्यंत शर्मा Updated Fri, 31 Oct 2025 06:48 AM IST
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Toxic air increases eye patients in hospitals by 60%
demo - फोटो : Freepik.com
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जहरीली हवा ने सबसे अधिक आंखों पर प्रभाव डाला है। दिल्ली के अस्पतालों में करीब 60 फीसदी आंखों के मरीज बढ़े हैं। ओपीडी में आने वाले अधिकतर मरीजों में एलर्जी, सूखापन, तेज जलन और आंखों से लगातार पानी आने की शिकायतें मिली हैं। यह परेशानियां बच्चों, युवाओं, बुजुर्गों और बाहर काम करने वालों को सबसे ज्यादा सता रही हैं।



विशेषज्ञ बताते हैं कि अगर समय रहते सावधानी नहीं बरती गई तो ये छोटी-छोटी दिक्कतें आंखों की गंभीर बीमारियों में बदल सकती हैं। दिल्ली आई सेंटर के अध्यक्ष और वरिष्ठ नेत्र विशेषज्ञ डॉ. हरबंश लाल ने बताया कि दीपावली के बाद ये समस्या हर साल बढ़ती है, लेकिन इस बार हालात चिंताजनक हैं। सेंटर में आंखों की शिकायतों वाले मरीजों की संख्या में 50-60 फीसदी उछाल आया है। 
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एम्स के आरपी सेंटर फॉर नेत्र रोगों के प्रोफेसर डॉ. राजेश सिन्हा ने भी इसे खतरे की घंटी बताई। उन्होंने बताया कि पिछले 72 घंटों में हमारे पास आंखों में सूखापन, चुभन और पानी आने के केस 50 फीसदी बढ़े हैं। हवा के छोटे कण आंखों की सुरक्षात्मक परत को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे सूजन हो जाती है। अगर ये लंबे समय तक चला तो संक्रमण, कॉर्निया की क्षति या अस्थायी धुंधली दृष्टि जैसी जटिलताएं हो सकती हैं। 

ट्रैफिक पुलिस से लेकर स्कूली बच्चे तक ज्यादा प्रभावित
प्रदूषण का सबसे बुरा असर उन पर पड़ रहा है, जो घंटों बाहर रहते हैं। ट्रैफिक पुलिसकर्मी, डिलीवरी बॉय, निर्माण मजदूर और स्ट्रीट वेंडर जैसे लोग लगातार जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर हैं। स्कूलों में छुट्टियां होने के बावजूद, पार्कों या खेलने जाते बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। वहीं, बुजुर्गों में आंसू ग्रंथियां कमजोर होती हैं, जिससे सूखापन और जलन दोगुनी हो जाती है। डॉ. लाल ने बताया कि कॉन्टैक्ट लेंस वाले और मेकअप करने वाले विशेष रूप से जोखिम में हैं। 

आंखों की सुरक्षा जरूरी
डॉ. सिन्हा ने बताया कि आंखों की सुरक्षा फेफड़ों जितनी ही जरूरी है। चश्मा पहनना और ड्रॉप इस्तेमाल करना जैसे छोटे कदम आंखों को बचा सकते हैं। अगर लालिमा, दर्द या धुंधली नजर बनी रहे, तो तुरंत नेत्र विशेषज्ञ से मिलें। खुद दवा न लें।

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