नशा मुक्ति केंद्र में युवक ने 'छोड़े' प्राण: दीवार पर विज्ञापन देख पिता ने करवाया भर्ती, चौथे दिन बाद मिली लाश
बाबा हरिदास नगर इलाके में नशा मुक्ति केंद्र में युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पिटाई से मौत का खुलासा हुआ है। पुलिस ने गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया है।
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रेवाड़ी हरियाणा के रहने वाले 61 साल के तेजपाल अपने जवान बेटे की नशे की आदत से परेशान थे। बेटा भी अपनी लत को छोड़ना चाहता था। लेकिन पिता को इस बात का तनिक भी आभास नहीं था कि नशा मुक्ति केंद्र में बेटे को भर्ती कराना उनके बेटे के लिए जानलेवा साबित होगा। आईएमटी मानेसर में चाय का खोखा लगाकर परिवार का पालन पोषण करने वाले तेजपाल ने दीवार पर ढिचाऊं गांव के नशा मुक्ति केंद्र का विज्ञापन देखकर उसे वहां भर्ती करा दिया।
पीड़ित का कहना है कि चौथे दिन ही अस्पताल से बेटे की मौत की सूचना मिली। डॉक्टरों के पैनल से पोस्टमार्टम के रिपोर्ट में उसकी पिटाई से मौत की बात सामने आई। बाबा हरिदास नगर थाना पुलिस ने केंद्र के मालिक के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।
जानकारी के मुताबिक तेजपाल मूलत: रेवाड़ी हरियाणा के गढ़ी अलावलपुर के रहने वाले हैं। परिवार में उनकी पत्नी सुनरो देवी, बहू और उसके तीन बच्चे और 27 साल के बेटे ऋषिपाल के साथ रहते थे। वह मानेसर के आईएमटी के पास खोखा लगाकर चाय बेचते हैं। बाबा हरिदास नगर थाना में दर्ज प्राथमिकी में उन्होंने बताया कि उनका बेटा ऋषिपाल शराब पीने का आदी था, जिसको लेकर पूरा परिवार परेशान था। बेटा भी लत से परेशान था, वह बीच बीच में शराब पीना बंद कर देता था, लेकिन बाद में शुरू कर देता था।
तेजपाल ने बताया कि वह अपने गांव के एक मकान पर ढिचाऊं गांव स्थित नशा मुक्ति केंद्र का विज्ञापन देखा। एक दिन उन्होंने विज्ञापन में दिए नंबर पर संपर्क किया। उनकी बात अनुज से हुई, जिसने केंद्र चलाने और कई लोगों को नशा छुड़ाने की बात कही। उसने एक हजार रुपये फीस और आठ हजार रुपये महीना देने की बात कही। उसने दो माह में नशा छुड़ाने का दावा किया।
3 दिसंबर को उन्होंने चाय के खोखे से अनुज को फोन किया। लोकेशन लेकर अनुज अपने एक साथी के साथ कार से वहां पहुंचा। उसने नशा छुड़ाने का दावा कर एक वीडियो दिखाया और बताया कि यह उसके केंद्र का वीडियो है। यहां डॉक्टर, काउंसलर और मेडिटेशन करवाया जाता है। केंद्र बड़ा और सुंदर दिख रहा था। उसकी बातों पर विश्वास कर उसने अपने बेटे को केंद्र में भर्ती के लिए अनुज को एक हजार रुपये फीस और तीन हजार रुपये दे दिए। वह ऋषिपाल को लेकर कार से चला गया।
चौथे दिन मिली बेटे की मौत की खबर
तेजपाल ने बताया कि बेटे के जाने के बाद वह लगातार तीन दिन तक बेटे से बात करने की कोशिश की, लेकिन हर बार अनुज ने बेटे के ठीक होने की बात कही। सात दिसंबर की सुबह भी उसने बेटे के ठीक होने की बात कही। शाम में उसके एक परिचित के पास फोन कर अनुज ने ऋषिपाल की मौत होने की बात कही और बताया कि उसका शव राव तुलाराम अस्पताल में है। वहां पहुंचने पर उनलोगों ने देखा कि उसका शव स्ट्रेचर पर रखा था। उसके शरीर पर काफी चोट के निशान थे।
अनुज से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उसने बात नहीं की। बाद में पता चला कि एक छोटे से कमरे में केंद्र चलता था, वहां कोई डॉक्टर नहीं आता था। पुलिस ने डॉक्टरों के पैनल से पोस्टमार्टम कराया। 10 दिसंबर को उसके शव का पोस्टमार्टम हुआ। 19 दिसंबर को पोस्टमार्टम रिपोर्ट आया। जिसमें चोट की वजह से उसकी मौत की बात सामने आई। इसके आधार पर पुलिस ने गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कर लिया।
आरोपी मालिक गिरफ्तार, एक अन्य की तलाश जारी
मामले की छानबीन करने के बाद पुलिस ने केंद्र चलाने वाले अनुज को गिरफ्तार कर लिया। जांच में पता चला कि वह बिना लाइसेंस के नशा मुक्ति केंद्र चला रहा था। उसके साथ एक अन्य सहयोगी भी था। द्वारका जिला पुलिस उपायुक्त अंकित सिंह ने आरोपी की गिरफ्तारी की पुष्टि की है। पुलिस आरोपी के भागे हुए साथी की तलाश कर रही है।