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किसान आंदोलन: किसान नेता बोले- चार दिसंबर को होगी निर्णायक बैठक, सरकार से बात करने वाले प्रतिनिधि बुधवार को चर्चा करेंगे
एएनआई, नई दिल्ली
Published by: शाहरुख खान
Updated Mon, 29 Nov 2021 08:23 PM IST
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सार
संसद में कृषि कानून निरस्त विधेयक पारित होने पर पंजाब के किसान नेता ने कहा कि यह हम लोगों की जीत है। उन्होंने कहा कि एक दिसंबर को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक होगी, जिसमें हम आगे की कार्रवाई पर चर्चा करेंगे।

जानकारी देते किसान नेता
- फोटो : एएनआई
विस्तार
कुंडली बॉर्डर पर पंजाब की 32 जत्थेबंदियों ने बैठक के बाद एमएसपी व दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग की। संसद के दोनों सदनों में 3 कृषि कानून वापसी बिल पास होने पर किसानों ने नरम रुख दिखाते हुए अपनी रणनीति बदल दी है। अब संयुक्त किसान मोर्चा ने 4 दिसंबर को प्रस्तावित बैठक 1 दिसंबर को करने की बात कही है। साथ ही कहा कि यह अहम बैठक होगी।
सोमवार को कुंडली बॉर्डर पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए किसान जत्थेबंदियों के नेताओं ने बताया कि सोमवार का दिन किसानों के लिए ऐतिहासिक है। इस दिन किसानों की सबसे बड़ी जीत हुई है। सरकार को झुकना पड़ा और अपने बनाए काले कानून वापस लेने पड़े। इससे साबित हो गया कि हुकूमत नहीं बल्कि जनता बड़ी होती है।
अब सरकार को चाहिए कि वह एमएसपी गारंटी, शहीद किसानों को मुआवजा, किसानों पर दर्ज केस वापस लेने समेत सभी 6 मांगों पर मंगलवार को अपना फैसला दें। इसी के आधार पर संयुक्त किसान मोर्चा अब एक दिसंबर को अहम बैठक करेगा और आगे की रणनीति तय करेगा। किसानों का आंदोलन खत्म करना या आंदोलन जारी रखवाना अब सरकार के हाथ में है। किसान जत्थेबंदियों के नेताओं ने साफ किया कि वह मांगें पूरी होने से पहले यहां से जाने वाले नहीं हैं।
तीन कृषि कानूनों के विरोध में एक साल से चल रहा किसान आंदोलन जल्द खत्म हो सकता है। सिंघु बॉर्डर पर सोमवार को पंजाब के 32 किसान संगठनों की बैठक हुई। बैठक में आंदोलन खत्म करने पर सहमति बन गई है। हालांकि अंतिम फैसला एक दिसंबर को ही लिया जाएगा। फैसला लेने के लिए बनाए गए संयुक्त किसान मोर्चा के 42 लोगों की समिति की आपातकालीन बैठक भी अब एक दिसंबर को ही होगी।
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सोमवार को कुंडली बॉर्डर पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए किसान जत्थेबंदियों के नेताओं ने बताया कि सोमवार का दिन किसानों के लिए ऐतिहासिक है। इस दिन किसानों की सबसे बड़ी जीत हुई है। सरकार को झुकना पड़ा और अपने बनाए काले कानून वापस लेने पड़े। इससे साबित हो गया कि हुकूमत नहीं बल्कि जनता बड़ी होती है।
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अब सरकार को चाहिए कि वह एमएसपी गारंटी, शहीद किसानों को मुआवजा, किसानों पर दर्ज केस वापस लेने समेत सभी 6 मांगों पर मंगलवार को अपना फैसला दें। इसी के आधार पर संयुक्त किसान मोर्चा अब एक दिसंबर को अहम बैठक करेगा और आगे की रणनीति तय करेगा। किसानों का आंदोलन खत्म करना या आंदोलन जारी रखवाना अब सरकार के हाथ में है। किसान जत्थेबंदियों के नेताओं ने साफ किया कि वह मांगें पूरी होने से पहले यहां से जाने वाले नहीं हैं।
तीन कृषि कानूनों के विरोध में एक साल से चल रहा किसान आंदोलन जल्द खत्म हो सकता है। सिंघु बॉर्डर पर सोमवार को पंजाब के 32 किसान संगठनों की बैठक हुई। बैठक में आंदोलन खत्म करने पर सहमति बन गई है। हालांकि अंतिम फैसला एक दिसंबर को ही लिया जाएगा। फैसला लेने के लिए बनाए गए संयुक्त किसान मोर्चा के 42 लोगों की समिति की आपातकालीन बैठक भी अब एक दिसंबर को ही होगी।
किसान नेता धर्मबीर सिंह ने कहा कि पीएम को चाहिए कि वह एमएसपी को लेकर कमेटी बनाए उसमें किसानों को शामिल किया जाए। साथ ही उसके सदस्यों से लेकर कानून बनाने में लगने वाले समय की पहले ही जानकारी साझा की जाए।
साथ ही किसान नेताओं ने कहा कि किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने के लिए गृह मंत्रालय की तरफ से सभी प्रदेश सरकारों को आदेश जारी किए जाने चाहिए। वहीं लखीमपुर मामले में आरोपी मंत्री को बर्खास्त करने समेत अन्य मांगों पर सरकार के सकारात्मक रुख को देखकर 1 दिसंबर की बैठक में फैसला लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि एक साल तक आंदोलन को पूरी तरह गैर राजनीतिक रखा गया है।
साथ ही उन्होंने कहा कि अब पंजाब में किसानों के कर्ज माफ करने की घोषणा पूरी कराने को कहा जाएगा। ऐसा नहीं हुआ तो वहां आंदोलन शुरू किया जा सकता है। उन्होंने आंदोलन में सहयोग करने वाले सभी संगठनों, सामाजिक लोगों व किसानों को इस जीत की बधाई दी।
पंजाब के किसान नेता हरमीत कादियां ने कहा कि एक दिसंबर को एसकेएम (संयुक्त किसान मोर्चा) की बैठक होगी। एमएसपी कमेटी को लेकर आंदोलन पर अगला फैसला अगली बैठक में लिया जाएगा।
हरमीत सिंह कादियान ने कहा कि चार दिसंबर को होने वाली बैठक तय कार्यक्रम के अनुसार ही होगी। कहा कि एक दिसंबर को विशेष बैठक होगी। किसान संगठनों के प्रतिनिधियों द्वारा आयोजित की जाएगी, जो सरकार के साथ 11 दौर की वार्ता के लिए गए थे।
वहीं, दिल्ली में भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि ये काला क़ानून एक बिमारी थी, जितना जल्दी कट गई उतनी जल्दी ठीक है। अब इस बिल पर राष्ट्रपति की मुहर लग जाएगी तो यह ख़त्म हो जाएगा। सरकार जहां बुलाएगी हम वहां बात करने जाएंगे।
साथ ही किसान नेताओं ने कहा कि किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने के लिए गृह मंत्रालय की तरफ से सभी प्रदेश सरकारों को आदेश जारी किए जाने चाहिए। वहीं लखीमपुर मामले में आरोपी मंत्री को बर्खास्त करने समेत अन्य मांगों पर सरकार के सकारात्मक रुख को देखकर 1 दिसंबर की बैठक में फैसला लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि एक साल तक आंदोलन को पूरी तरह गैर राजनीतिक रखा गया है।
साथ ही उन्होंने कहा कि अब पंजाब में किसानों के कर्ज माफ करने की घोषणा पूरी कराने को कहा जाएगा। ऐसा नहीं हुआ तो वहां आंदोलन शुरू किया जा सकता है। उन्होंने आंदोलन में सहयोग करने वाले सभी संगठनों, सामाजिक लोगों व किसानों को इस जीत की बधाई दी।
पंजाब के किसान नेता हरमीत कादियां ने कहा कि एक दिसंबर को एसकेएम (संयुक्त किसान मोर्चा) की बैठक होगी। एमएसपी कमेटी को लेकर आंदोलन पर अगला फैसला अगली बैठक में लिया जाएगा।
A meeting of SKM (Samyukta Kisan Morcha) will be held on December 1st. The next decisions on agitation, over MSP Committee, will be taken in the next meeting: Harmeet Singh Kadian, president BKU Kadian#FarmersProtest pic.twitter.com/n21HhBCEqW
— ANI (@ANI) November 29, 2021
हरमीत सिंह कादियान ने कहा कि चार दिसंबर को होने वाली बैठक तय कार्यक्रम के अनुसार ही होगी। कहा कि एक दिसंबर को विशेष बैठक होगी। किसान संगठनों के प्रतिनिधियों द्वारा आयोजित की जाएगी, जो सरकार के साथ 11 दौर की वार्ता के लिए गए थे।
वहीं, दिल्ली में भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि ये काला क़ानून एक बिमारी थी, जितना जल्दी कट गई उतनी जल्दी ठीक है। अब इस बिल पर राष्ट्रपति की मुहर लग जाएगी तो यह ख़त्म हो जाएगा। सरकार जहां बुलाएगी हम वहां बात करने जाएंगे।
Farm laws have been a disease and it’s good that they are revoked. Let the President put the stamp on the bill then we will discuss other issues like 750 farmers who died, MSP, and quashing the cases lodged against farmers: Bharatiya Kisan Union (BKU) leader Rakesh Tikait pic.twitter.com/hZuvgzeNPo
— ANI (@ANI) November 29, 2021