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धरती से नभ तक दिखी भारत की ताकत
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राजपथ पर फुल ड्रेस रिहर्सल में शामिल सेना के टैंक।
- फोटो : Ashram
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नई दिल्ली। राजपथ पर शनिवार को दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के 72वें गणतंत्र दिवस की तैयारियों की धूम नजर आई। फुल ड्रेस रिहर्सल में राजपथ से लालकिले तक चप्पे-चप्पे पर दिल्ली पुलिस की किलेबंदी और सड़क पर सैनिक, अर्द्घसैनिक बल समेत एनसीसी कैडेट्स कदमताल करते हुए देश के विकास, भाईचारे और शान की कहानी बयां कर रहे थे। वहीं, 18 राज्यों, मंत्रालयों, भारतीय सेना की झांकियों ने भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को एक साथ समेटते हुए मिनी भारत की झलक दिखाई।
कोरोना के कारण इस साल परेड लालकिले के बजाय मेजर ध्यान चंद नेशनल स्टेडियम पर समाप्त हो गई। इस बार लोग 3.3 किलोमीटर तक ही दर्शक परेड को देख पाएंगे।
सुबह साढ़े नौ पर रायसीना हिल्स से चले अति विशिष्ट डमी काफिले
रायसीना हिल्स की ओर से विजय पथ पर सबसे पहले सेना के तीनों अंग थल, वायु व नौसेना अध्यक्ष, उनके पीछे रक्षा राज्य मंत्री, रक्षा मंत्री और फिर प्रधानमंत्री, उपराष्ट्रपति के डमी काफिले पहुंचे। फुल ड्रेस रिहर्सल में अति विशिष्ठ अतिथियों के डमी काफिलों को वैसे ही लाल बत्ती की गाड़ियां व लाव लश्कर के साथ लाया गया। सबसे आखिर में राष्ट्रपति के 46 सजीले घुड़सवार अंगरक्षकों (घोड़ों) का दस्ता और फिर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का अति विशिष्ठ काफिला रहा।
10 बजे 21 तोपों की सलामी से परेड का आगाज
10 बजे सबसे पहले सेना की ओर से राष्ट्रपति और विदेशी मेहमानों को 21 तोपों की सलामी दी गई। भारतीय थल सेना के अधिकारी ने ध्वजारोहण और उसके बाद राष्ट्रगान के साथ फुल ड्रेस रिहर्सल का आगाज होता है। इसी बीच रायसीना हिल्स की ओर से चार एमआई 17 और रुद्रा हेलीकॉप्टर आते हैं। इन पर थल, वायु और जल सेना के ध्वज के साथ तिरंगा झंडा लगा होता है। मेहमानों के ऊपर से गुजरते हुए हेलीकॉप्टर से गुलाबों की पंखुड़ियों की बरसात करके स्वागत किया गया।
ले. जनरल विजय कुमार मिश्रा की अध्यक्षता में परेड
सेना मेडल व विशिष्ट सेवा मेडल लेफ्टिनेंट जनरल विजय कुमार मिश्रा की अध्यक्षता और उप कमांडर मेजर जनरल आलोक के सहयोग से गणतंत्र दिवस परेड का नेतृत्व करेंगे। इसके साथ बेहतरीन सेवाओं के लिए परमवीर चक्र और अशोक चक्र विजेता पूर्व सैनिकों का दस्ता सलामी देता है। मार्चिंग दस्ते में सबसे पहले सेना अधिकारी के नेतृत्व में 61 कैवलरी का 51 घुड़सवार दस्ता अश्व शक्ति यशोबल की धुन के साथ आगे बढ़ता है। इसके बाद तीनों सेनाओं, अर्द्घसैनिक बल, दिल्ली पुलिस, एनसीसी व मिलिट्री बैंड समेत मार्चिंग दस्ते राजपथ से गुजरे। राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम के समापन के साथ संतरी, सफेद व हरे रंग के गुब्बारों ने आकाश तक भारत माता की जयकार की।
बांग्लादेश का मार्चिंग दस्ता और बैंड
राजपथ पर बांग्लादेश का मार्चिंग दस्ता व बैंड भी नजर आएगा। 122 सदस्यों का मार्चिंग दस्ता होगा, इसमें वहां की तीनों सेनाओं के जवान शामिल होंगे। इसकी अध्यक्षता ले. कर्नल अबु मोहम्मद शाहनूर करेंगे।
राफेल, ब्रह्मोस, खोजी रडार स्वाति से दिखी ताकत
सैन्य वाहनों में टैंक टी 90, ब्रह्मोस, राफेल, सर्वतरा ब्रिज सिस्टम, शार्ट स्पेन ब्रिजिंग सिस्टम, 155/45सीएएल धनुष गन सिस्टम, के 9व्रज टी, ट्रांसपोर्टेबल सेटेलाइट टर्मिनल, आकाश मिसाइल लांचर से रूबरू होने का मौका मिलेगा।
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कोरोना के कारण इस साल परेड लालकिले के बजाय मेजर ध्यान चंद नेशनल स्टेडियम पर समाप्त हो गई। इस बार लोग 3.3 किलोमीटर तक ही दर्शक परेड को देख पाएंगे।
सुबह साढ़े नौ पर रायसीना हिल्स से चले अति विशिष्ट डमी काफिले
रायसीना हिल्स की ओर से विजय पथ पर सबसे पहले सेना के तीनों अंग थल, वायु व नौसेना अध्यक्ष, उनके पीछे रक्षा राज्य मंत्री, रक्षा मंत्री और फिर प्रधानमंत्री, उपराष्ट्रपति के डमी काफिले पहुंचे। फुल ड्रेस रिहर्सल में अति विशिष्ठ अतिथियों के डमी काफिलों को वैसे ही लाल बत्ती की गाड़ियां व लाव लश्कर के साथ लाया गया। सबसे आखिर में राष्ट्रपति के 46 सजीले घुड़सवार अंगरक्षकों (घोड़ों) का दस्ता और फिर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का अति विशिष्ठ काफिला रहा।
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10 बजे 21 तोपों की सलामी से परेड का आगाज
10 बजे सबसे पहले सेना की ओर से राष्ट्रपति और विदेशी मेहमानों को 21 तोपों की सलामी दी गई। भारतीय थल सेना के अधिकारी ने ध्वजारोहण और उसके बाद राष्ट्रगान के साथ फुल ड्रेस रिहर्सल का आगाज होता है। इसी बीच रायसीना हिल्स की ओर से चार एमआई 17 और रुद्रा हेलीकॉप्टर आते हैं। इन पर थल, वायु और जल सेना के ध्वज के साथ तिरंगा झंडा लगा होता है। मेहमानों के ऊपर से गुजरते हुए हेलीकॉप्टर से गुलाबों की पंखुड़ियों की बरसात करके स्वागत किया गया।
ले. जनरल विजय कुमार मिश्रा की अध्यक्षता में परेड
सेना मेडल व विशिष्ट सेवा मेडल लेफ्टिनेंट जनरल विजय कुमार मिश्रा की अध्यक्षता और उप कमांडर मेजर जनरल आलोक के सहयोग से गणतंत्र दिवस परेड का नेतृत्व करेंगे। इसके साथ बेहतरीन सेवाओं के लिए परमवीर चक्र और अशोक चक्र विजेता पूर्व सैनिकों का दस्ता सलामी देता है। मार्चिंग दस्ते में सबसे पहले सेना अधिकारी के नेतृत्व में 61 कैवलरी का 51 घुड़सवार दस्ता अश्व शक्ति यशोबल की धुन के साथ आगे बढ़ता है। इसके बाद तीनों सेनाओं, अर्द्घसैनिक बल, दिल्ली पुलिस, एनसीसी व मिलिट्री बैंड समेत मार्चिंग दस्ते राजपथ से गुजरे। राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम के समापन के साथ संतरी, सफेद व हरे रंग के गुब्बारों ने आकाश तक भारत माता की जयकार की।
बांग्लादेश का मार्चिंग दस्ता और बैंड
राजपथ पर बांग्लादेश का मार्चिंग दस्ता व बैंड भी नजर आएगा। 122 सदस्यों का मार्चिंग दस्ता होगा, इसमें वहां की तीनों सेनाओं के जवान शामिल होंगे। इसकी अध्यक्षता ले. कर्नल अबु मोहम्मद शाहनूर करेंगे।
राफेल, ब्रह्मोस, खोजी रडार स्वाति से दिखी ताकत
सैन्य वाहनों में टैंक टी 90, ब्रह्मोस, राफेल, सर्वतरा ब्रिज सिस्टम, शार्ट स्पेन ब्रिजिंग सिस्टम, 155/45सीएएल धनुष गन सिस्टम, के 9व्रज टी, ट्रांसपोर्टेबल सेटेलाइट टर्मिनल, आकाश मिसाइल लांचर से रूबरू होने का मौका मिलेगा।