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Delhi News: सात साल बाद भी अधूरा सपना, कोटला गांव को बारात घर का इंतजार
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-लोगों ने कहा, गांव में नहीं डिस्पेंसरी भी नहीं, बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए अन्य इलाकों में जाने को मजबूर
संवाद न्यूज एजेंसी
पूर्वी दिल्ली। कोटला गांव में बेटियों की शादी धूमधाम से करना सबसे बड़ी चुनौती है, क्योंकि यहां बारात घर का शिलान्यास होने के सात साल बाद भी निर्माण कार्य अधर में लटका है। निवासी मूलभूत चिकित्सीय सुविधाओं से भी वंचित हैं, क्योंकि यहां पर कई साल से डिस्पेंसरी का भी निर्माण नहीं हुआ है। इसके चलते लोगों को दिल्ली के अन्य इलाकों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए रुख करना पड़ता है। आलम यह है कि कई बार शिकायत करने के बावजूद भी प्रशासन की तरफ से कोई सुनवाई नहीं हुई है। मंगलवार को कोटला गांव में आयोजित संवाद कार्यक्रम में लोगों ने समस्याओं पर चर्चा की।
गांव के लोगों का दावा है कि 2017 में बारात घर बनाने के लिए सरकार की ओर से शिलान्यास किया गया, लेकिन आज तक उसकी नींव नहीं रखी जा सकी। उन्होंने आरोप लगाया है कि कुछ लोग उसे बनाने में अड़चन डाल रहे हैं, जिस वजह से उसका निर्माण रुका हुआ है। यहीं नहीं, बारात घर न बनने से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोग अपनी बेटियों की शादी बड़े-बड़े गेस्ट हाउस में करने को मजबूर है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति पर बुरा असर पड़ रहा है। इसके अलावा गांव के मुख्य रोड पर अतिक्रमण होने से जाम की स्थिति बनी रहती है। गांव में बच्चों के खेलने के लिए एक भी पार्क नहीं है, जिस वजह से बच्चे सड़कों पर खेलने को मजबूर हैं। लोगों ने बताया कि गांव में लगी स्ट्रीट लाइटें खराब हो चुकी हैं। ऐसे में रात के अंधेरे में असामाजिक तत्व नशा कर चोरी और झपटमारी की वारदातों को अंजाम देते हैं।
लोगों से बातचीत
सड़क किनारे पीडब्ल्यूडी के छोटे-छोटे पार्क बने हैं, लेकिन इनकी मरम्मत नहीं हुई है, जिस वजह से यहां गंदगी फैली रहती है। - चौधरी देवेंद्र सिंह, निवासी।
डिस्पेंसरी न होने से महिलाओं को काफी परेशानी होती है। छोटी-छोटी बीमारियों के लिए कई किलोमीटर दूर अन्य इलाकों में जाना पड़ता है। - चौधरी विनोद कुमार, निवासी।
कई महीनों पहले गांव की गली का मेन गेट टूट गया, लेकिन अभी तक उसे ठीक नहीं किया गया है, जिस वजह से कोई भी गांव में घुस जाता है। - संजू, निवासी।
लोगों ने नालियों के ऊपर अतिक्रमण फैला दिया है, जिस वजह से नालियों की सफाई नहीं होती और इलाके में दुर्गंध फैली रहती है। - महेश चंद्रा, निवासी।
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संवाद न्यूज एजेंसी
पूर्वी दिल्ली। कोटला गांव में बेटियों की शादी धूमधाम से करना सबसे बड़ी चुनौती है, क्योंकि यहां बारात घर का शिलान्यास होने के सात साल बाद भी निर्माण कार्य अधर में लटका है। निवासी मूलभूत चिकित्सीय सुविधाओं से भी वंचित हैं, क्योंकि यहां पर कई साल से डिस्पेंसरी का भी निर्माण नहीं हुआ है। इसके चलते लोगों को दिल्ली के अन्य इलाकों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए रुख करना पड़ता है। आलम यह है कि कई बार शिकायत करने के बावजूद भी प्रशासन की तरफ से कोई सुनवाई नहीं हुई है। मंगलवार को कोटला गांव में आयोजित संवाद कार्यक्रम में लोगों ने समस्याओं पर चर्चा की।
गांव के लोगों का दावा है कि 2017 में बारात घर बनाने के लिए सरकार की ओर से शिलान्यास किया गया, लेकिन आज तक उसकी नींव नहीं रखी जा सकी। उन्होंने आरोप लगाया है कि कुछ लोग उसे बनाने में अड़चन डाल रहे हैं, जिस वजह से उसका निर्माण रुका हुआ है। यहीं नहीं, बारात घर न बनने से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोग अपनी बेटियों की शादी बड़े-बड़े गेस्ट हाउस में करने को मजबूर है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति पर बुरा असर पड़ रहा है। इसके अलावा गांव के मुख्य रोड पर अतिक्रमण होने से जाम की स्थिति बनी रहती है। गांव में बच्चों के खेलने के लिए एक भी पार्क नहीं है, जिस वजह से बच्चे सड़कों पर खेलने को मजबूर हैं। लोगों ने बताया कि गांव में लगी स्ट्रीट लाइटें खराब हो चुकी हैं। ऐसे में रात के अंधेरे में असामाजिक तत्व नशा कर चोरी और झपटमारी की वारदातों को अंजाम देते हैं।
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लोगों से बातचीत
सड़क किनारे पीडब्ल्यूडी के छोटे-छोटे पार्क बने हैं, लेकिन इनकी मरम्मत नहीं हुई है, जिस वजह से यहां गंदगी फैली रहती है। - चौधरी देवेंद्र सिंह, निवासी।
डिस्पेंसरी न होने से महिलाओं को काफी परेशानी होती है। छोटी-छोटी बीमारियों के लिए कई किलोमीटर दूर अन्य इलाकों में जाना पड़ता है। - चौधरी विनोद कुमार, निवासी।
कई महीनों पहले गांव की गली का मेन गेट टूट गया, लेकिन अभी तक उसे ठीक नहीं किया गया है, जिस वजह से कोई भी गांव में घुस जाता है। - संजू, निवासी।
लोगों ने नालियों के ऊपर अतिक्रमण फैला दिया है, जिस वजह से नालियों की सफाई नहीं होती और इलाके में दुर्गंध फैली रहती है। - महेश चंद्रा, निवासी।