IIT Delhi: आईआईटी दिल्ली के अबू धाबी कैंपस में अगले साल होंगे करीब 400 छात्र, एआई और सस्टेनेबिलिटी पर फोकस
IIT Delhi: आईआईटी दिल्ली के अबू धाबी कैंपस में अगले साल छात्रों की संख्या बढ़कर 400 के करीब हो जाएगी। यह कैंपस यूएई की प्राथमिकताओं के अनुसार एआई, ऊर्जा और सस्टेनेबिलिटी पर फोकस करता है और आईआईटी दिल्ली के साथ पूरी तरह अकादमिक रूप से जुड़ा हुआ है।
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IIT Delhi: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) दिल्ली के अंतरराष्ट्रीय कैंपस आईआईटी दिल्ली-अबू धाबी में अगले साल छात्रों की संख्या लगभग दोगुनी होने वाली है। कैंपस में फिलहाल 182 छात्र पढ़ाई कर रहे हैं, जो 2026 में बढ़कर करीब 400 हो जाएंगे। यह जानकारी आईआईटी दिल्ली-अबू धाबी के कार्यकारी निदेशक शंतनु रॉय ने दी।
शंतनु रॉय ने बताया कि जहां आईआईटी दिल्ली के भारत स्थित कैंपस में लगभग 12 हजार छात्र पढ़ते हैं, वहीं अबू धाबी कैंपस तेजी से विस्तार के दौर में है। उन्होंने कहा कि यह कैंपस यूएई की प्राथमिकताओं और जरूरतों को ध्यान में रखते हुए विकसित किया जा रहा है।
रॉय के मुताबिक, अबू धाबी और पूरा मिडिल ईस्ट क्षेत्र लंबे समय तक जीवाश्म ईंधन आधारित अर्थव्यवस्था पर निर्भर रहा है, लेकिन अब यूएई तेजी से विविधीकरण (Diversification) की दिशा में आगे बढ़ रहा है। इसी वजह से यहां का शिक्षा और नवाचार इकोसिस्टम ऊर्जा, सस्टेनेबिलिटी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और स्मार्ट मटीरियल्स जैसे क्षेत्रों पर केंद्रित है।
आईआईटी दिल्ली का पहला अंतरराष्ट्रीय कैंपस अबू धाबी
उन्होंने स्पष्ट किया कि आईआईटी दिल्ली-अबू धाबी और आईआईटी दिल्ली को अलग-अलग संस्थान के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। रॉय ने कहा, "हम एक ही संस्थान हैं, दो नहीं। आईआईटी दिल्ली एक वैश्विक संस्थान है, जिसके अब तीन कैंपस हैं और अबू धाबी हमारा पहला अंतरराष्ट्रीय कैंपस है।"
धीरे-धीरे किया जा रहा पीएचडी कार्यक्रमों का विस्तार
कैंपस की शुरुआत बेहद छोटे स्तर पर हुई थी। पहले सेमेस्टर में सिर्फ 17 छात्रों के साथ एक मास्टर प्रोग्राम शुरू किया गया था। इसके बाद छह महीनों के भीतर दो अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम शुरू किए गए, जिनमें लगभग 50 छात्रों ने दाखिला लिया। रॉय ने बताया कि अब हर साल एक नया अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम, एक नया मास्टर प्रोग्राम और धीरे-धीरे पीएचडी कार्यक्रमों का विस्तार किया जा रहा है।
एआई को लेकर रॉय ने कहा कि यह आईआईटी दिल्ली के पाठ्यक्रम का अहम हिस्सा है और मास्टर डिग्री प्रोग्राम भी उपलब्ध हैं। अबू धाबी कैंपस में पढ़ाया जाने वाला पाठ्यक्रम मूल रूप से आईआईटी दिल्ली जैसा ही है, हालांकि मिडिल ईस्ट की जरूरतों के अनुसार कुछ स्थानीय अनुकूलन किए गए हैं।
आईआईटी दिल्ली-अबू धाबी की मोहम्मद बिन जायद आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस विश्वविद्यालय (MBZUAI) के साथ भी रणनीतिक साझेदारी है। यहां एआई में मास्टर प्रोग्राम शुरू किया जा रहा है, जो पहले से आईआईटी दिल्ली में चल रहा है।
यह कैंपस फिलहाल ट्रांजिट कैंपस है और स्थायी कैंपस के निर्माण में अभी कुछ साल लग सकते हैं। स्थायी कैंपस को अंतरराष्ट्रीय मानकों और सस्टेनेबिलिटी को ध्यान में रखकर विकसित किया जाएगा।
अबू धाबी के खलीफा सिटी में स्थित यह कैंपस 2 सितंबर 2024 को भारत और यूएई के बीच हुए समझौते के तहत शुरू किया गया था। अंडरग्रेजुएट दाखिले जेईई एडवांस्ड और सीएईटी के जरिए होते हैं, जिसमें सीएईटी खासतौर पर यूएई में रहने वाले छात्रों के लिए है।