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Education for Bharat: छात्रों का 'पैशन' ही तय करेगा डिग्री, जम्मू-कश्मीर दिखा रहा देश को नई रोशनी: प्रो. उमेश

न्यूज डेस्क, अमर उजाला Published by: जागृति Updated Tue, 09 Dec 2025 04:36 PM IST
सार

Amar Ujala Education for Bharat: अमर उजाला एजुकेशन फॉर भारत की शुरुआत हो चुकी है। दूसरे पैनल में जम्मू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. उमेश राय और एआईयू की महासचिव पंकज मित्तल ने अपनी बात रखी।
 

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Education for Bharat second session experts spoke about  changing nature education emphasis skills  innovation
अमर उजाला एजुकेशन फॉर भारत में बोले विशेषज्ञ। - फोटो : अमर उजाला
अमर उजाला एजुकेशन फॉर भारत-2025 कॉन्क्लेव के 'चेंजिंग लैंडस्केप ऑफ एजुकेशन सेक्टर' सत्र में शिक्षा जगत के बदलते आयामों पर चर्चा हुई। जम्मू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. उमेश राय और एआईयू की महासचिव पंकज मित्तल ने माना कि भारतीय शिक्षा व्यवस्था एक बड़े बदलाव के दौर से गुजर रही है, जहां छात्र अब अपनी पसंद और पैशन को ही अपना करियर बना सकेंगे।
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अमर उजाला एजुकेशन फॉर भारत में बोले विशेषज्ञ। - फोटो : अमर उजाला
जम्मू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. उमेश राय ने एक बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि उनका संस्थान देश में एक नई पहल कर रहा है। उन्होंने कहा, "जम्मू यूनिवर्सिटी 'डिजाइन योर डिग्री' शुरू करने वाला देश का पहला विश्वविद्यालय बन गया है। इसमें किसी भी विषय का छात्र भाग ले सकता है, किसी के लिए कोई रोक नहीं है।"

प्रो. राय ने आगे कहा, "अब छात्रों का पैशन ही उनकी डिग्री तय करेगा। हमारा पूरा सिस्टम इसे सफल बनाने के लिए काम कर रहा है। मुझे खुशी है कि आज जम्मू-कश्मीर पूरे देश को शिक्षा के मामले में नई रोशनी दिखा रहा है।"  प्रोफेसर राय ने कहा कि रोजगार के लिए जो चीजें जरूरी है उसे लागू करने की जरूरत है। साथ ही टीचिंग को इंप्लाएबल बनाने की जरूरत है। हमारा काम है जो सूचनाएं काम की हैं उसे छात्रों की जिज्ञासा के हिसाब से डिजाइन किया जाए।
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अमर उजाला एजुकेशन फॉर भारत में बोले विशेषज्ञ। - फोटो : अमर उजाला
एआईयू की महासचिव पंकज मित्तल ने शिक्षा में छात्र की स्वायत्तता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "एआईयू शुरू से ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को समझने और उसे लागू करने की दिशा में प्रयासरत है। यूनिवर्सिटी को कैसे बदलना है और कितने आगे तक ले जाना है, इसका निर्णय हमें खुद ही लेना होगा।"

मित्तल ने भविष्य की शिक्षा की तस्वीर रखते हुए कहा, "अब वह समय आ गया है जब सिर्फ विद्यार्थी ही यह डिसाइड कर सकता है कि उसे किस यूनिवर्सिटी से पढ़ना है और क्या पढ़ना है। संस्थान अब छात्रों पर अपनी मर्जी नहीं थोप सकते।"
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