Education for Bharat: तकनीकी शिक्षा के लिए यह 'गोल्डन एरा', एआई की मदद से छात्र खुद बन रहे गुरु: प्रो. सीताराम
Amar Ujala Education for Bharat: एजुकेशन फॉर भारत के आठवें पैनल में हमारे साथ अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के चेयरमैन मौजूद रहें। इन्होंने व्यवधान के युग में विश्वविद्यालय पर अपनी बातें रखी। चलिए जानतें है इन्होंने क्या कहा?
विस्तार
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के चेयरमैन प्रोफेसर टीजी सीताराम ने शनिवार को अमर उजाला एजुकेशन फॉर भारत-2025' कॉन्क्लेव में तकनीकी शिक्षा के भविष्य पर उत्साहजनक तस्वीर पेश की। यूनिवर्सिटी इन द एज ऑफ डिसरप्शन विषय पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) ने सीखने के तौर-तरीकों को पूरी तरह बदल दिया है।
यह हमारा गोल्डन एरा
प्रो. सीताराम ने भारत में तकनीकी प्रगति की सराहना करते हुए कहा कि एआई की मदद से हम बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं। यह हमारा गोल्डन एरा है। तकनीकी बदलावों ने हमारे लिए अनंत संभावनाओं के द्वार खोल दिए हैं।
आजकल के बच्चे खुद से सीख रहे
सीखने की प्रक्रिया में आए बदलाव पर उन्होंने कहा कि हमें हमेशा सीखने पर फोकस करना चाहिए। अब शिक्षा केवल क्लासरूम तक सीमित नहीं रह गई है। आजकल के बच्चे खुद से भी सीख रहे हैं। उन्होंने विश्वविद्यालयों को सलाह दी कि वे इस बदलाव को स्वीकार करें और छात्रों को केवल डिग्री देने के बजाय उन्हें एआई और नई तकनीकों के साथ प्रयोग करने के लिए प्रेरित करें।
डिजिटल बदलाव को पूरी दुनिया देख रही है
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के चेयरमैन प्रो. टीजी सीताराम ने कहा कि पूरी दुनिया हमें देख रही है कि हमने डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल करके कैसे बदलाव लाया है। चाहे वह आधार हो, आयुष्मान भारत हो या फिर यूपीआई सब कुछ डिजिटाइज कर दिया गया है। आज एआई के साथ मुझे लगता है कि हम और भी बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि हम एक डिसरप्टेड दुनिया में रह रहे हैं। टेक्नोलॉजी तेजी से बदल रही है। एक दिन फोन भी गायब हो जाएंगे। एलन मस्क को कहते सुना होगा कि दो साल में ये फोन वैसे नहीं होंगे जो आप इस्तेमाल कर रहे हैं। आप कुछ अलग इस्तेमाल करेंगे, जो हममें से कोई नहीं जानता कि वह क्या होगा। ऐसे में लगातार सीखना बहुत जरूरी है। एनईपी जीवनभर सीखने पर जोर देती है और यह सिर्फ छात्रों के लिए नहीं है। हम सभी को कौशल, कार्य निपुणता और कुशलता से काम करना होगा।