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कुशीनगर: नदी में दूसरे दिन भी फंसी 100 लोगों को लेकर नाव, कड़ी मशक्कत के बाद सुरक्षित निकले बाहर

संवाद न्यूज एजेंसी, कुशीनगर। Published by: vivek shukla Updated Sat, 11 Dec 2021 07:29 PM IST
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सार

बैकुंठपुर निवासी बिरझनिया देवी ने कहा कि 12 किलोमीटर दूर से रोज आना जाना रहता है। सुबह से शाम तक आधा दिन नाव से जाने में ही लग जाता तो समय से काम भी नहीं हो पाता है।

Boat carrying 100 people stuck in river for second day as well in Kushinagar
गंडक नदी में फंसी नाव। - फोटो : अमर उजाला।

विस्तार
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कुशीनगर जिले में शुक्रवार की रात मशीन चालित नाव के इंजन का पाइप फटने से 100 से अधिक लोग नदी में फंस गए थे। शनिवार की सुबह फिर एक नाव फंस गई। उसमें भी 100 से अधिक लोग सवार थे। गनीमत थी कि नाव पानी में बहकर 500 मीटर दूर किनारे लग गई। हालांकि यह सभी लोग सकुशल अपने घर चले गए।

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शनिवार की सुबह पुन: नदी उस पार दियरा में अपनी खेती करने के लिए 100 से अधिक संख्या में महिला-पुरुष ट्रैक्टर-ट्राली के साथ बरवापट्टी घाट पर पहुंचे। नाविक सभी को नाव पर चढ़ाकर नदी उस पार जाने लगा, तभी बीच धारा में उसका भी इंजन फेल हो गया। किसी तरह नाविक ने नाव को 500 मीटर दूर एक किनारे लाकर खड़ा कर दिया।
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खेती करने उस पार जाने वाले किसान खाद-बीज लेकर नदी के किनारे धूप में इंतजार करते रहे, लेकिन जब नाव ठीक नहीं हुई तो सभी निराश होकर अपने घर चले गए। यह लोग नदी पर पुल की व्यवस्था न होने से शासन-प्रशासन को कोस रहे थे।

बीते तीन माह में तीन बार गंडक नदी में नाव में लोग फंस चुके हैं और बड़ी घटना होने से बाल-बाल बची है। उसके बाद भी शासन प्रशासन की ओर से ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

 

नाव के इंतजार में बैठे रहे किसान

गंडक नदी पर पीपा पुल अथवा पक्का पुल न होने से क्षेत्र के लोगों को हमेशा जान जोखिम में डालकर नदी उस पार खेती करने जाना पड़ता है। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि यदि यहां पुल होता तो आवागमन में सहूलियत होती। शनिवार को भी कई किसान नदी के किनारे खाद-बीज लेकर नाव का इंतजार करते मिले।

दशहवा निवासी अमरजीत ने बताया कि सुबह आठ बजे से घाट पर खाद-बीज लेकर बैठा हूं, लेकिन नाव न होने से वापस घर जाना पड़ रहा है। जमुआन निवासी इंद्रासन यादव ने कहा कि गरीबों की कोई सुनने वाला नहीं है। जब चुनाव आता है तो नेताओं का हुजूम खड़ा हो जाता, लेकिन एक पुल निर्माण के लिए कोई सरकार नही हैं।

बैकुंठपुर निवासी बिरझनिया देवी ने कहा कि 12 किलोमीटर दूर से रोज आना जाना रहता है। सुबह से शाम तक आधा दिन नाव से जाने में ही लग जाता तो समय से काम भी नहीं हो पाता है। बैकुंठपुर निवासी धर्मशीला देवी ने कहा कि छोटे-छोटे बच्चों को घर पर छोड़कर खेती करने के लिए नदी उस पार जाना पड़ता है। कभी नाव खराब तो कभी नदी में बाढ़ के कारण खेती समय से नहीं हो पाती है।

विधायक ने सदन में उठाया था मामला

तमकुहीराज के विधायक एवं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने बताया कि गंडक नदी पर पुल न होने की समस्या अपने कार्यकाल में छह बार उठा चुके हैं। उन्होंने अमवादीगर व बरवापट्टी घाट पर पीपा पुल लगवाने के लिए भी सदन में मांग की थी। दो मर्तबा सर्वे भी हो चुका है लेकिन फिर वह ठंडे बस्ते में चला गया। उन्होंने बताया कि क्षेत्र के किसानों का मुख्य साधन खेती है। किसान अपनी जान जोखिम में डालकर प्रतिदिन नदी पार करते हैं जिससे कई बार दुर्घटना हो चुकी है लेकिन सरकार इनकी समस्याओं की अनदेखी करती है।

 

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