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Gorakhpur: कायस्थ समाज के कार्यक्रम में सीएम योगी बोले- कलम ही नहीं, तलवार की भी पूजा की है कायस्थ समाज ने

अमर उजाला नेटवर्क, गोरखपुर Published by: आकाश दुबे Updated Tue, 09 Sep 2025 09:53 PM IST
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सार

सीएम योगी ने कहा कि कायस्थ समाज को प्रबुद्ध समाज माना जाता है। धर्म, अर्थ, प्रशासन, व्यवसाय, विधि, कला, चिकित्सा, शिक्षा समेत हरेक क्षेत्र में इस समाज ने विशिष्ट योगदान दिया है।

CM Yogi said Kayastha society has worshipped not only pen but also sword
सीएम योगी - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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विस्तार
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जीवन का ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जिसमें कायस्थ समाज के महापुरुषों ने अपना विशिष्ट योगदान न दिया हो। कायस्थ समाज ने सिर्फ कलम ही नहीं, तलवार की भी पूजा की है। यह समाज यह जानता है कि कलम और तलवार दोनों के समन्वय से ही समाज व राष्ट्र की व्यवस्था चलती है। 

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सीएम योगी मंगलवार को श्रीचित्रगुप्त मंदिर सभा गोरखपुर की नवनिर्वाचित कार्यकारिणी के शपथ ग्रहण समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। गोरखपुर क्लब में आयोजित समारोह में नवनिर्वाचित कार्यकारिणी को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि माना गया है कि सृष्टि के रचयिता भगवान ब्रह्मा की विशिष्ट काया से कायस्थ का प्रादुर्भाव हुआ है। भगवान श्रीचित्रगुप्त को कर्म की साधना के अनुसार सृष्टि का लेखा-जोखा रखने वाले और श्रेष्ठ कार्य करने की प्रेरणा देने वाले भगवान की प्रतिष्ठा प्राप्त है। 
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सीएम योगी ने कहा कि कायस्थ समाज को प्रबुद्ध समाज माना जाता है। धर्म, अर्थ, प्रशासन, व्यवसाय, विधि, कला, चिकित्सा, शिक्षा समेत हरेक क्षेत्र में इस समाज ने विशिष्ट योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि गुलामी के कालखंड में देश जब भारतीयता की विस्मृति के दौर से गुजर रहा था तब शिकागो में गर्व से कहो हम हिन्दू हैं का उद्घोष कर भारतीयता के मानव कल्याण का मंत्र का स्मरण कराने वाले स्वामी विवेकानंद कायस्थ कुल परंपरा से ही थे। 

स्वाधीनता आंदोलन में तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा का उद्घोष करने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस इसी परंपरा के थे। जब सभी मत, मजहब, क्षेत्र, भाषा को एकसूत्र में पिरोने वाले संविधान के निर्माण की बात आई तो जो नाम सामने आया, वह डॉ. राजेंद्र प्रसाद जो देश के पहले राष्ट्रपति बने, इसी परंपरा के थे। स्वतंत्र भारत में देश के दुश्मनों को जवाब देने वाले, 1965 की लड़ाई में नाको चने चबवाकर पाकिस्तान को उसकी औकात बताने वाले लाल बहादुर शास्त्री जी भी इसी परंपरा के थे। 1975 में जब देश में लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा था तब लोकतंत्र को बचाने के लिए सामने आए जयप्रकाश जी इसी समाज के थे। यही नहीं जब अयोध्या में राम मंदिर बनने की बात दुरूह लग रही थी तब इसी समाज के महर्षि महेश योगी ने हॉलैंड में भगवान राम के नाम का सिक्का जारी कर दिया था। हिंदी साहित्य में उपन्यास की विशिष्ट शैली देने वाले मुंशी प्रेमचंद जी भी इसी समाज के महापुरुष थे। 

हर दौर में देश के लिए योगदान दिया कायस्थ समाज ने
मुख्यमंत्री ने कहा कि शालीनता और सहजता व्यक्ति के आंतरिक गुण हैं। उसमें भी राष्ट्र प्रेम और क्रांति के ज्वार होते हैं। स्वामी विवेकानंद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, डॉ. राजेंद्र प्रसाद, लाल बहादुर शास्त्री, जय प्रकाश, मुंशी प्रेमचंद आदि ने यही सिद्ध किया। कोई ऐसा दौर नहीं जब कायस्थ समाज ने देश के लिए योगदान न दिया हो। 

जाति नहीं देश के लिए थी डॉ. राजेंद्र प्रसाद की साधना
मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ. राजेंद्र प्रसाद देश के ऐसे पहले राष्ट्रपति हैं जो माघ मेले के दौरान एक माह प्रयागराज में प्रवास कर सनातन संस्कृति को मजबूती देने का कार्य करते थे। उनकी साधना जाति नहीं बल्कि देश के लिए थी। उनके योगदान के सम्मान में प्रदेश सरकार प्रयागराज में नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी बना रही है। उन्होंने कहा कि देश की पुरातन संस्थाओं में कायस्थ पाठशाला प्रयागराज का नाम आता है। शिक्षा के क्षेत्र में कायस्थ समाज के लोगों द्वारा स्थापित महात्मा गांधी इंटर और डिग्री कॉलेज सहित अनेक संस्थाएं भी उल्लेखनीय हैं। 

अमिताभ बच्चन के योगदान की सीएम ने की सराहना
कार्यक्रम के दौरान कायस्थ समाज के उल्लेखनीय लोगों की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रसिद्ध फ़िल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन का भी जिक्र किया। कहा-कला के क्षेत्र में अमिताभ बच्चन का मुकाबला है क्या। उनमें काफी सहजता है। आज भी लोग उन्हें छोरा गंगा किनारे वाला कहकर याद करते हैं। खुद भी कहते हैं कि वह प्रयागराज को कभी नहीं भूल सकते। उनके मन में अपनी धरती के प्रति अत्यंत आत्मीयता का भाव है। मुख्यमंत्री ने इसी क्रम में शत्रुघ्न के कई बार गोरखपुर आने का भी उल्लेख किया। 

महापुरुषों से बनती है समाज की पहचान, प्रेरणा ले वर्तमान व भावी पीढ़ी
सीएम योगी ने कहा कि किसी भी समाज की पहचान उसके महापुरुषों से बनती है। समाज की संस्थाओं को चाहिए कि वे वर्तमान और भावी पीढ़ी को प्रेरणा देने के लिए महापुरुषों के जीवन से उन्हें परिचित कराएं। श्रीचित्रगुप्त मंदिर सभा जैसी संस्थाएं समाज के अच्छे कार्यों को हाइलाइट करने तथा बुराई को दूर करने के लिए प्रयास करें। कार्यक्रम में मंच पर जाने से पूर्व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भगवान श्रीचित्रगुप्त जी के चित्र पर पुष्पार्चन किया। 

भगवान श्रीचित्रगुप्त के नाम पर होगा बक्शीपुर चौक
श्री चित्रगुप्त मंदिर सभा की नवनिर्वाचित कार्यकारिणी के शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री ने मंदिर सभा की तरफ से पूर्व अध्यक्ष हरिनंदन श्रीवास्तव की मांग पर  बक्शीपुर चौक का नाम भगवान श्री चित्रगुप्त के नाम पर करने पर अपनी स्वीकृति दे दी। इसे लेकर उन्होंने महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव को प्रस्ताव बनाने को कहा। सीएम ने कहा कि बक्शीपुर बाजार की पहचान ही कलम और किताब से है। ऐसे में यहां के चौराहे का नाम भगवान श्री चित्रगुप्त को समर्पित होना सराहनीय पहल होगी। 

महापौर ने दिलाई नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को शपथ
महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव ने श्रीचित्रगुप्त मंदिर सभा गोरखपुर के नवनिर्वाचित अध्यक्ष राजेश चंद्र श्रीवास्तव, मंत्री अम्बरीश कुमार श्रीवास्तव सहित कार्यकारिणी के 13 पदाधिकारियों, सौ से अधिक कार्यकारिणी सदस्यों, सोलह समितियों के संयोजकों व सह संयोजकों को शपथ दिलाई। स्वागत संबोधन श्रीचित्रगुप्त मंदिर सभा के पूर्व अध्यक्ष हरिनंदन श्रीवास्तव ने तथा संचालन रीता श्रीवास्तव ने किया। 
 

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