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UP: 'गैंगस्टर' के हैं रिश्तेदार...तो हो जाएं तैयार, ऐसों की संपत्तियां भी जांची जाएंगी- हो सकती हैं जब्त

अमर उजाला नेटवर्क, गोरखपुर Published by: गोरखपुर ब्यूरो Updated Wed, 27 Aug 2025 12:55 AM IST
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सार

डीजीपी ने संपत्ति को तीन वर्ग में बांटा है। चल में वाहन, नकदी, अचल में भवन, जमीन और तीसरा नया मूर्त/अमूर्त शामिल किया है। इसमें शेयर, क्रिफ्टो, बांड को शामिल किया गया है। संपत्ति जांच के दौरान पुलिस देखेगी कि बदमाश के अपराध से पहले की संपत्ति कितनी थी और बाद में कितनी हुई। मूल निवास की तुलना में अधिक आलीशान मकान में रहने पर संपत्ति की जांच की जाएगी।

In Gorakhpur, Now the property of relatives of criminals will also be investigated under Gangster Act
सांकेतिक 
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विस्तार
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गैंगस्टर एक्ट की तरह ही दर्ज केस में बीएनएस की धारा 107 के तहत बदमाशों की चल-अचल संपत्ति की जांच के दौरान ऐसे रिश्तेदारों की संपत्ति की भी जांच की जाएगी, जिनकी आमदनी से ज्यादा संपत्ति हो। अगर ऐसा मिला तो यह माना जाएगा कि बदमाश ने अपराध से अर्जित रुपये से ही रिश्तेदार के नाम पर संपत्ति खरीदी है, उसे भी इस धारा के दायरे में लाकर जब्त किया जाएगा।

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ऐसे मामलों में विवेचक को पूरा ब्योरा एसएसपी को उपलब्ध कराना होगा। अनुमति मिलने के बाद ही कार्रवाई की जाएगी। शेयर और क्रिफ्टो करेंसी को भी पुलिस जब्त कर सकती है। कार्रवाई के लिए गिरोहबंद बदमाशों की दस बिंदुओं पर संपत्ति जांच के दौरान पुलिस शामिल करेगी, जिसके आधार पर उनकी संपत्तियों का ब्योरा जुटाकर कार्रवाई की जाएगी।
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अभी तक पुलिस सिर्फ बैंक अकाउंट और जमीन, मकान, वाहनों पर ही कार्रवाई करती थी लेकिन अब डीजीपी ने जारी पत्र में साफ कर दिया है कि शेयर मार्केट के पैसे भी जब्त किए जाएंगे। डीजीपी ने संपत्ति को तीन वर्ग में बांटा है। चल में वाहन, नकदी, अचल में भवन, जमीन और तीसरा नया मूर्त/अमूर्त शामिल किया है।

इसमें शेयर, क्रिफ्टो, बांड को शामिल किया गया है। संपत्ति जांच के दौरान पुलिस देखेगी कि बदमाश के अपराध से पहले की संपत्ति कितनी थी और बाद में कितनी हुई। मूल निवास की तुलना में अधिक आलीशान मकान में रहने पर संपत्ति की जांच की जाएगी।

रिश्तेदार के अलावा मित्रों की संपत्ति भी पुलिस देख सकती है कि उसने खुद की आमदनी से खरीदी है या फिर अपराधी ने उसके नाम का इस्तेमाल संपत्ति खरीदने में किया। डीजीपी ने पत्र में लिखा है कि जब्त की गई संपत्ति को न्यायालय से आदेश लेकर विवेचक 60 दिन के अंदर डीएम की अनुमति लेकर पीड़ितों में वितरित करने की प्रक्रिया करें।

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