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तीन बच्चों की मौत मामला: नवजात की मौत मामले में स्वास्थ्य विभाग ने ग्रीन लैंड हॉस्पिटल को दी क्लीन चिट
अमर उजाला ब्यूरो गोरखपुर।
Published by: vivek shukla
Updated Wed, 31 May 2023 06:20 AM IST
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सार
ग्रीनलैंड हॉस्पिटल में पांच मार्च को तीन नवजातों को नियमित टीका के तहत बीसीजी, हेपेटाइटिस बी और ओरल पोलियो वैक्सीन लगाई गई थी। टीका लगने के बाद से तीनों बच्चों की हालत बिगड़ गई। इसमें से एक की छह मार्च और दूसरे की 12 मार्च को मौत हो गई।

ग्रीनलैंड हॉस्पिटल।
- फोटो : अमर उजाला।
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विस्तार
गोरखपुर जिले के करीम नगर चरगांवा स्थित ग्रीनलैंड हॉस्पिटल में तीन नवजातों की मौत के मामले में स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल को क्लीन चिट दे दी है। क्लीन चिट मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने कानूनी सलाह लेते हुए अस्पताल को खुलवा दिया है।
बताया जा रहा है कि जिन लोगों ने प्रशासन में शिकायत दर्ज कराई थी, उन्होंने बाद में प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को लिखित तौर पर यह जानकारी दे दी है कि बच्चों के मौत के मामले में अस्पताल का कोई दोष नहीं है। इसके बाद प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया था कि इसी आधार पर कानूनी सलाह ली जाए। प्रशासन के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने कानूनी सलाह लेते हुए अस्पताल को खुलवा दिया है।
वहीं, दूसरी ओर ड्रग विभाग को दूसरी बार जांच के लिए बीसीजी, हेपेटाइटिस-बी और ओरल पोलियो वैक्सीन का वायल भी नहीं मिला था, जिसकी वजह से वैक्सीन की भी जांच नहीं हो सकी है। इसके अलावा तीनोंं नवजातों का पोस्टमार्टम भी कराया गया था, जिसमें मौत का कारण न पता चलने की वजह से बिसरा भी सुरक्षित रखा गया है।
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अब तक बिसरा जांच की रिपोर्ट भी नहीं आ सकी है। सीएमओ डॉ. आशुतोष कुमार दूबे ने बताया कि मामले में जांच कराई गई थी। जांच में अस्पताल का कोई दोष नहीं मिला है। इसी के आधार पर कानूनी सलाह ली गई, जिसके बाद अस्पताल को खुलवा दिया गया है।
यह था है मामला
ग्रीनलैंड हॉस्पिटल में पांच मार्च को तीन नवजातों को नियमित टीका के तहत बीसीजी, हेपेटाइटिस बी और ओरल पोलियो वैक्सीन लगाई गई थी। टीका लगने के बाद से तीनों बच्चों की हालत बिगड़ गई। इसमें से एक की छह मार्च और दूसरे की 12 मार्च को मौत हो गई। जबकि, तीसरे मासूम की मौत 17 मार्च को हो गई थी। तीनोंं नवजातोंं का इलाज बीआरडी मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग में चल रहा था। मामले में तीनों नवजातोंं के परिजनों की तरफ से डॉ. सुधीर गुप्ता और उनके सहयोगियों के खिलाफ चिलुआताल थाना में केस दर्ज कराया गया है।

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बताया जा रहा है कि जिन लोगों ने प्रशासन में शिकायत दर्ज कराई थी, उन्होंने बाद में प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को लिखित तौर पर यह जानकारी दे दी है कि बच्चों के मौत के मामले में अस्पताल का कोई दोष नहीं है। इसके बाद प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया था कि इसी आधार पर कानूनी सलाह ली जाए। प्रशासन के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने कानूनी सलाह लेते हुए अस्पताल को खुलवा दिया है।
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वहीं, दूसरी ओर ड्रग विभाग को दूसरी बार जांच के लिए बीसीजी, हेपेटाइटिस-बी और ओरल पोलियो वैक्सीन का वायल भी नहीं मिला था, जिसकी वजह से वैक्सीन की भी जांच नहीं हो सकी है। इसके अलावा तीनोंं नवजातों का पोस्टमार्टम भी कराया गया था, जिसमें मौत का कारण न पता चलने की वजह से बिसरा भी सुरक्षित रखा गया है।
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अब तक बिसरा जांच की रिपोर्ट भी नहीं आ सकी है। सीएमओ डॉ. आशुतोष कुमार दूबे ने बताया कि मामले में जांच कराई गई थी। जांच में अस्पताल का कोई दोष नहीं मिला है। इसी के आधार पर कानूनी सलाह ली गई, जिसके बाद अस्पताल को खुलवा दिया गया है।
यह था है मामला
ग्रीनलैंड हॉस्पिटल में पांच मार्च को तीन नवजातों को नियमित टीका के तहत बीसीजी, हेपेटाइटिस बी और ओरल पोलियो वैक्सीन लगाई गई थी। टीका लगने के बाद से तीनों बच्चों की हालत बिगड़ गई। इसमें से एक की छह मार्च और दूसरे की 12 मार्च को मौत हो गई। जबकि, तीसरे मासूम की मौत 17 मार्च को हो गई थी। तीनोंं नवजातोंं का इलाज बीआरडी मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग में चल रहा था। मामले में तीनों नवजातोंं के परिजनों की तरफ से डॉ. सुधीर गुप्ता और उनके सहयोगियों के खिलाफ चिलुआताल थाना में केस दर्ज कराया गया है।