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गोरखपुर: नगर निगम के रिकार्ड में जीवित को मार डाला, जांच के लिए बनाई गई पांच सदस्यीय कमेटी
अमर उजाला ब्यूरो, गोरखपुर।
Published by: vivek shukla
Updated Tue, 30 Nov 2021 02:59 PM IST
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सार
भाई के आवेदन पर सफाई सुपरवाइजर ने मृत्यु की रिपोर्ट लगाई थी, मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय कमेटी बनाई गई।

गोरखपुर नगर निगम।
- फोटो : amar ujala
विस्तार
गोरखपुर नगर निगम ने अपने रिकार्ड में एक जिंदा व्यक्ति को मृत घोषित कर दिया। यानी उसका मृत्यु प्रमाणपत्र बना दिया। राप्ती नगर निवासी राकेश कुमार पांडेय का यह मृत्यु प्रमाणपत्र उनके भाई राजेश मोहन पांडेय के आवेदन के आधार पर जारी किया गया है। पीड़ित ने वकील के माध्यम से नगर निगम में शिकायत दर्ज कराते हुए प्रमाणपत्र निरस्त करने की मांग की है। नगर निगम प्रशासन ने पांच सदस्यीय टीम गठित कर जांच शुरू करा दी है।
दरअसल राकेश कुमार पांडेय राप्तीनगर के निवासी हैं और परिवार के साथ रहते हैं। उन्हें मृत बताते हुए नगर निगम की ओर से 10 अगस्त 2021 को उनका मृत्यु प्रमाणपत्र जारी कर दिया गया। दरअसल उनके भाई राजेश मोहन पांडेय ने 10 फरवरी 2021 को नगर निगम में आवेदन दिया था। आवेदन के आधार पर सफाई सुपरवाइजर मनीष साहनी ने जांच की और उनकी मौत की पुष्टि करते हुए रिपोर्ट लगा दी। इसी आधार पर मृत्यु प्रमाणपत्र जारी कर दिया गया।
नगर आयुक्त को दिए शिकायती पत्र में राकेश कुमार पांडेय ने आरोप लगाया है कि उनके भाई राजेश मोहन पांडेय ने संपत्ति हथियाने के मकसद से फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र नगर निगम की ओर से जारी करा लिया। ऐसे में इसे निरस्त किया जाए। इस मामले में नगर आयुक्त अविनाश सिंह का कहना है कि मामला संज्ञान में आया है। नगर स्वास्थ्य अधिकारी को जांच के लिए निर्देश दिया गया है।
नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मुकेश रस्तोगी ने कहा कि राकेश कुमार पांडेय ने अपने को जीवित बताते हुए वकील के माध्यम से शिकायती पत्र दिया है। जांच के लिए जोनल अधिकारी बीके लाल, कनिष्ठ प्रभारी स्वास्थ्य अखिलेश श्रीवास्तव, लिपिक दीपक श्रीवास्तव, लिपिक अकील अहमद, सफाई निरीक्षक सुनील सिंह और अकील अहमद की पांच सदस्यीय जांच टीम बनाई गई है। रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी। अगर मामला गलत पाया जाता है तो गवाह के अलावा सफाई सुपरवाइजर के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।
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दरअसल राकेश कुमार पांडेय राप्तीनगर के निवासी हैं और परिवार के साथ रहते हैं। उन्हें मृत बताते हुए नगर निगम की ओर से 10 अगस्त 2021 को उनका मृत्यु प्रमाणपत्र जारी कर दिया गया। दरअसल उनके भाई राजेश मोहन पांडेय ने 10 फरवरी 2021 को नगर निगम में आवेदन दिया था। आवेदन के आधार पर सफाई सुपरवाइजर मनीष साहनी ने जांच की और उनकी मौत की पुष्टि करते हुए रिपोर्ट लगा दी। इसी आधार पर मृत्यु प्रमाणपत्र जारी कर दिया गया।
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नगर आयुक्त को दिए शिकायती पत्र में राकेश कुमार पांडेय ने आरोप लगाया है कि उनके भाई राजेश मोहन पांडेय ने संपत्ति हथियाने के मकसद से फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र नगर निगम की ओर से जारी करा लिया। ऐसे में इसे निरस्त किया जाए। इस मामले में नगर आयुक्त अविनाश सिंह का कहना है कि मामला संज्ञान में आया है। नगर स्वास्थ्य अधिकारी को जांच के लिए निर्देश दिया गया है।
नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मुकेश रस्तोगी ने कहा कि राकेश कुमार पांडेय ने अपने को जीवित बताते हुए वकील के माध्यम से शिकायती पत्र दिया है। जांच के लिए जोनल अधिकारी बीके लाल, कनिष्ठ प्रभारी स्वास्थ्य अखिलेश श्रीवास्तव, लिपिक दीपक श्रीवास्तव, लिपिक अकील अहमद, सफाई निरीक्षक सुनील सिंह और अकील अहमद की पांच सदस्यीय जांच टीम बनाई गई है। रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी। अगर मामला गलत पाया जाता है तो गवाह के अलावा सफाई सुपरवाइजर के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।