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पुलिस भर्ती परीक्षा: गोरखपुर से सॉल्वर गैंग का मास्टरमाइंड अमित फरार, फंसी जांच
अमर उजाला ब्यूरो, गोरखपुर।
Published by: vivek shukla
Updated Wed, 21 Feb 2024 11:02 AM IST
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सार
एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने कहा कि परीक्षा में साॅल्वर और अभ्यर्थी गिरफ्तार कर जेल भिजवाए जा चुके हैं। बायोमीट्रिक कंपनी के कर्मचारी की तलाश में पुलिस टीम लगी है। जल्द ही उसको भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

सांकेतिक तस्वीर।
- फोटो : ANI

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विस्तार
पुलिस भर्ती परीक्षा के साॅल्वरों के गैंग के मास्टरमाइंड और बायोमीट्रिक कंपनी के मैनेजर अमित राव की तलाश में पुलिस ने दूसरे जिलों में भी संपर्क किया है। हालांकि अमित अभी पुलिस की गिरफ्त से दूर है। पुलिस ने तीन साॅल्वरों समेत सात आरोपियों को जेल भिजवाया है। दूसरे दिन फर्जी पेपर देकर जालसाजी करने के आरोप में चार लोगों को जेल भिजवाया था। इस तरह अब तक पुलिस 11 लोगों को जेल भिजवा चुकी है।
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बताया जा रहा है कि पुलिसिया कार्रवाई के डर से अमित शहर छोड़ चुका है। इसी वजह से पुलिस ने रेंज के अन्य जिले कुशीनगर, देवरिया और महाराजगंज की पुलिस से संपर्क साधा है ताकि उसके रिश्तेदारों के घर भी पता लगाया जा सके कि वह कहीं छिपा तो नहीं है। उसके पकड़े जाने के बाद ही यह मामला साफ होगा कि उसने सिर्फ गोरखपुर में ही सॉल्वर भेजे थे या कहीं और भी सेटिंग में शामिल है।
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जानकारी के मुताबिक, पुलिस भर्ती परीक्षा के पहले दिन ही एसटीएफ ने दो और गोरखपुर पुलिस ने पांच सेंटरों से सात लोगों को पकड़ा था, इसमें दो सॉल्वर और बाकी अभ्यर्थी थे। पुलिस की पूछताछ में गिरफ्तार किया गया बिहार का निवासी और रेलवे में स्टेशन मास्टर मनीष सिंह ने बताया था कि बायोमीट्रिक कंपनी के मैनेजर अमित राव ने सेटिंग करके अभ्यर्थी दुर्गेश यादव को सिक्योरिटी गार्ड कंपनी का कर्मचारी बनकर आई कार्ड तक जारी करा दिया था और उसकी मदद से ही साल्वर अंदर दाखिल हुआ था। हालांकि परीक्षा देने से पहले ही पुलिस ने साॅल्वर को पकड़कर पूरे गिरोह का पर्दाफाश कर दिया था।
डेढ़ घंटे की देरी होती तो पुलिस की पकड़ से बाहर निकल जाते
इस मामले में पुलिस और एसटीएफ का नेटवर्क ठीक होने की वजह से ही सॉल्वर गैंग पकड़ा जा सका। अगर उन्हें डेढ़ घंटे का समय मिल गया होता तो वे आसानी से अपना काम कर निकल गए होते। सटीक सूचना पर पहुंची पुलिस ने परीक्षा शुरू होने से पहले ही इन साॅल्वरों को हिरासत में ले लिया। आशंका है कि गोरखपुर में आए साॅल्वरों को बिहार के कोचिंग सेंटर से बुलाया गया होगा। इसके पहले ग्राम पंचायत अधिकारी चयन परीक्षा में हुई सॉल्वरों की गिरफ्तारी में बिहार कनेक्शन की पुष्टि हुई थी। इनके भी तार पटना के कोचिंग से जुड़े बताए जा रहे हैं।
इनकी हुई थी गिरफ्तारी
17 फरवरी को शशिभूषण कुमार सौरबाजार सहरसा, बिहार (सॉल्वर), अंजनी कुमार उर्फ मनीष कुमार सिंह नेवादा, बिहार (सॉल्वर), विकास कुमार यादव, जगदीशपुर सुखा बक्सर बिहार (सॉल्वर), धीरेंद्र कुमार, पुराना हरिहरपुर, भोजपुर आरा (सॉल्वर), बलिराम कुमार, टिकरिया गुलरिहा गोरखपुर (अभ्यर्थी), दुर्गेश यादव मंझगांवा जगतबेला थाना चिलुआताल (अभ्यर्थी) को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। ये साॅल्वर रुपये लेकर परीक्षा दे रहे थे।
एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने कहा कि परीक्षा में साॅल्वर और अभ्यर्थी गिरफ्तार कर जेल भिजवाए जा चुके हैं। बायोमीट्रिक कंपनी के कर्मचारी की तलाश में पुलिस टीम लगी है। जल्द ही उसको भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
इस मामले में पुलिस और एसटीएफ का नेटवर्क ठीक होने की वजह से ही सॉल्वर गैंग पकड़ा जा सका। अगर उन्हें डेढ़ घंटे का समय मिल गया होता तो वे आसानी से अपना काम कर निकल गए होते। सटीक सूचना पर पहुंची पुलिस ने परीक्षा शुरू होने से पहले ही इन साॅल्वरों को हिरासत में ले लिया। आशंका है कि गोरखपुर में आए साॅल्वरों को बिहार के कोचिंग सेंटर से बुलाया गया होगा। इसके पहले ग्राम पंचायत अधिकारी चयन परीक्षा में हुई सॉल्वरों की गिरफ्तारी में बिहार कनेक्शन की पुष्टि हुई थी। इनके भी तार पटना के कोचिंग से जुड़े बताए जा रहे हैं।
इनकी हुई थी गिरफ्तारी
17 फरवरी को शशिभूषण कुमार सौरबाजार सहरसा, बिहार (सॉल्वर), अंजनी कुमार उर्फ मनीष कुमार सिंह नेवादा, बिहार (सॉल्वर), विकास कुमार यादव, जगदीशपुर सुखा बक्सर बिहार (सॉल्वर), धीरेंद्र कुमार, पुराना हरिहरपुर, भोजपुर आरा (सॉल्वर), बलिराम कुमार, टिकरिया गुलरिहा गोरखपुर (अभ्यर्थी), दुर्गेश यादव मंझगांवा जगतबेला थाना चिलुआताल (अभ्यर्थी) को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। ये साॅल्वर रुपये लेकर परीक्षा दे रहे थे।
एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने कहा कि परीक्षा में साॅल्वर और अभ्यर्थी गिरफ्तार कर जेल भिजवाए जा चुके हैं। बायोमीट्रिक कंपनी के कर्मचारी की तलाश में पुलिस टीम लगी है। जल्द ही उसको भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।