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एडीजीपी पूरण आत्महत्या केस: चीफ सेक्रेटरी ने एसएसपी को साैंपा रिकाॅर्ड, अब जांच में आएगी तेजी
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़
Published by: निवेदिता वर्मा
Updated Fri, 05 Dec 2025 09:06 AM IST
सार
हरियाणा के एडीजीपी वाई पूरण कुमार आत्महत्या मामले में गठित एसआईटी अब तक 28 लोगों के बयान दर्ज कर चुकी है। इनमें अधिकतर रोहतक के पुलिस मुलाजिम शामिल हैं। इसके अलावा मृतक के करीबी दोस्त वकील और अन्य परिचितों के भी बयान लिए गए हैं।
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एडीजीपी वाई पूरण कुमार की फाइल फोटो
- फोटो : पीटीआई
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विस्तार
हरियाणा के एडीजपी वाई पूरण कुमार आत्महत्या मामले में एसआईटी की सदस्य एसएसपी कंवरदीप कौर रिकॉर्ड लेने के लिए हरियाणा चीफ सेक्रेटरी के दफ्तर पहुंची। एसएसपी ने चीफ सेक्रेटरी से मुलाकात की और रिकॉर्ड लिया। लगभग 20 मिनट तक चली इस बैठक में एसएसपी के साथ एसपी सिटी भी मौजूद थी।
सूत्रों ने बताया कि चीफ सेक्रेटरी ने एसएसपी को मौके पर ही रिकॉर्ड मंगवाकर उपलब्ध करवा दिया, हालांकि बाकी रिकॉर्ड एसआईटी को देने के लिए उन्होंने हरियाणा के अफसरों को निर्देश दे दिए हैं। ्र
सूत्रों ने बताया कि एसआईटी ने हरियाणा सरकार से इस मामले में फाइनल नोट में शामिल अधिकारियों का रिकॉर्ड मांगा था। इसके अलावा रोहतक में पूरण कुमार के गनमैन के खिलाफ दर्ज केस से जुड़ा रिकॉर्ड मांगा था। इसमें से कुछ रिकॉर्ड एसआईटी को नहीं मिल पाया था। लंबे इंतजार के बाद एसआईटी चीफ आईजी पुष्पेंद्र कुमार ने एसएसपी कंवरदीप कौर और एसपी सिटी को खुद जाकर रिकॉर्ड लेने के निर्देश दिए। सूत्रों का कहना है कि रिकॉर्ड न मिलने से एसआईटी की जांच अटकी हुई थी। पूरा रिकॉर्ड मिलने पर एसआईटी फाइनल नोट में शामिल आरोपी अधिकारियों को पूछताछ के लिए नोटिस जारी कर सकती है। हालांकि एसआईटी ने अब तक इन अधिकारियों को न तो पूछताछ के लिए बुलाया और न ही कोई नोटिस जारी किया है।
हरियाणा के एडीजीपी वाई पूरण कुमार आत्महत्या मामले में गठित एसआईटी अब तक 28 लोगों के बयान दर्ज कर चुकी है। इनमें अधिकतर रोहतक के पुलिस मुलाजिम शामिल हैं। इसके अलावा मृतक के करीबी दोस्त वकील और अन्य परिचितों के भी बयान लिए गए हैं। लेकिन जिनका नाम मृतक ने आत्महत्या करने से पहले 8 पेज के फाइनल नोट में लिखा था वे अभी तक जांच के दायरे में शामिल नहीं किए गए हैं। मृतक पूरण कुमार ने अपने अंतिम नोट में कुल 15 अधिकारियों का जिक्र किया था, जिनमें से 11 पर गंभीर रूप से परेशान करने के आरोप लगाए थे।
एफआईआर के कारण यह कदम तो नहीं उठाया।
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सूत्रों ने बताया कि चीफ सेक्रेटरी ने एसएसपी को मौके पर ही रिकॉर्ड मंगवाकर उपलब्ध करवा दिया, हालांकि बाकी रिकॉर्ड एसआईटी को देने के लिए उन्होंने हरियाणा के अफसरों को निर्देश दे दिए हैं। ्र
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सूत्रों ने बताया कि एसआईटी ने हरियाणा सरकार से इस मामले में फाइनल नोट में शामिल अधिकारियों का रिकॉर्ड मांगा था। इसके अलावा रोहतक में पूरण कुमार के गनमैन के खिलाफ दर्ज केस से जुड़ा रिकॉर्ड मांगा था। इसमें से कुछ रिकॉर्ड एसआईटी को नहीं मिल पाया था। लंबे इंतजार के बाद एसआईटी चीफ आईजी पुष्पेंद्र कुमार ने एसएसपी कंवरदीप कौर और एसपी सिटी को खुद जाकर रिकॉर्ड लेने के निर्देश दिए। सूत्रों का कहना है कि रिकॉर्ड न मिलने से एसआईटी की जांच अटकी हुई थी। पूरा रिकॉर्ड मिलने पर एसआईटी फाइनल नोट में शामिल आरोपी अधिकारियों को पूछताछ के लिए नोटिस जारी कर सकती है। हालांकि एसआईटी ने अब तक इन अधिकारियों को न तो पूछताछ के लिए बुलाया और न ही कोई नोटिस जारी किया है।
28 लोगों के बयान दर्ज कर चुकी है एसआईटी
एसआईटी ने अब तक एडीजीपी वाई पूरण कुमार की तैनाती से जुड़े स्टाफ, केस से संबंधित अधिकारियों और अन्य जुड़े कर्मचारियों के बयान दर्ज किए हैं। इसके अलावा एसआईटी ने रोहतक जेल पहुंचकर मृतक एडीजीपी वाई पूरण कुमार के गनमैन सुशील से पूछताछ की थी।हरियाणा के एडीजीपी वाई पूरण कुमार आत्महत्या मामले में गठित एसआईटी अब तक 28 लोगों के बयान दर्ज कर चुकी है। इनमें अधिकतर रोहतक के पुलिस मुलाजिम शामिल हैं। इसके अलावा मृतक के करीबी दोस्त वकील और अन्य परिचितों के भी बयान लिए गए हैं। लेकिन जिनका नाम मृतक ने आत्महत्या करने से पहले 8 पेज के फाइनल नोट में लिखा था वे अभी तक जांच के दायरे में शामिल नहीं किए गए हैं। मृतक पूरण कुमार ने अपने अंतिम नोट में कुल 15 अधिकारियों का जिक्र किया था, जिनमें से 11 पर गंभीर रूप से परेशान करने के आरोप लगाए थे।
एसआईटी रोहतक में दर्ज एफआईआर की जांच में जुटी
6 अक्तूबर की रात को सुशील को रोहतक पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उस पर शराब कारोबारी प्रवीण बंसल से ढाई लाख रुपये प्रति माह रिश्वत मांगने का आरोप लगा है। गिरफ्तारी के अगले दिन सात अक्तूबर को चंडीगढ़ सेक्टर-11 स्थित अपने आवास पर वाई पूरण कुमार ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। वहीं अब एसआईटी जांच कर रही है कि क्या वाई पूरण कुमार ने रोहतक में दर्जएफआईआर के कारण यह कदम तो नहीं उठाया।