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Chandigarh-Haryana News: चरखी दादरी सबसे प्रदूषित शहर, अब तक 210 फैक्टरियों पर कार्रवाई
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रविवार को भी सात शहरों की हवा गुणवत्ता खराब रही
चंडीगढ़। हरियाणा के शहरों को वायु प्रदूषण से निजात नहीं मिल पा रही है। रविवार को भी सात जिलों की हवा की गुणवत्ता काफी खराब रही है। इससे निपटने के लिए राज्य प्रदूषण नियंत्रण विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है जब से वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ा है तब से बहादुरगढ़, सोनीपत, पानीपत और रेवाड़ी की 210 से ज्यादा फैक्टरियों पर कार्रवाई की जा चुकी है।
इसके साथ ही पराली जलाने से रोकने में नाकाम 258 नोडल व सुपरवाइजरों को कारण बताओ नोटिस दिए जा चुके हैं। हिसार में पांच नोडल अधिकारी और सुपरवाइजर निलंबित किए जा चुके हैं। कृषि विभाग 12.25 लाख रुपये का जुर्माना लगा चुका है। 220 किसानों पर एफआईआर दर्ज कर 238 किसानों की रेड एंट्री दर्ज की जा चुकी है।
करीब एक महीने से हरियाणा के एक दर्जन शहरों की हवा की गुणवत्ता खराब चल रही है। रविवार को चरखी दादरी सबसे प्रदूषित शहर दर्ज किया गया जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक एक्यूआई 396 दर्ज किया गया। वहीं, भिवानी में 328, जींद में 306, मानेसर में 321, पानीपत में 351, सोनीपत में 343 और यमुनानगर में 279 दर्ज किया गया है।
विशेषज्ञ कहते हैं कि हवा की गुणवत्ता खराब होने के पीछे एक बड़ी वजह यह है कि इस रीजन में इस बार पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय नहीं हुआ है जिसकी वजह से बारिश नहीं हुई है। वहीं, स्थानीय प्रदूषण को रोकने के लिए जिसमें वाहनों का धुआं, वाहनों के चलने से उड़ने वाली धूल और कचरे में लगने वाली आग का धुंआ है। इस पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को एक्शन लेना होगा।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
पीजीआई के इन्वायरमेंट हेल्थ के प्रोफेसर रविंद्रा खैवाल ने बताया, हरियाणा में प्रदूषण के एक नहीं बल्कि कई कारण हैं। ला नीना का असर होने की वजह से ठंड जल्दी आ गई जिससे क्षोभमंडल की परतें और नीचे आती है। इसकी वजह से कण ऊपर नहीं जाते। नीचे ही रह जाते हैं। पिछले एक महीने से बारिश भी नहीं हुई है जिससे प्रदूषण के कण हवा में है। वहीं, शहरों का स्थानीय प्रदूषण भी इसमें अहम रोल निभा रहा है। प्रदूषण विभाग को इसमें सख्त कार्रवाई करनी होगी।
इन जिलों को सबसे खराब हवा
जिला एक्यूआई
भिवानी 328
दादरी 396
जींद 306
मानेसर 321
पानीपत 351
सोनीपत 343
यमुनानगर 279
किस जिले में अब तक क्या हुई कार्रवाई
रेवाड़ी में प्रदूषण फैलाने पर अभी तक 15 नोटिस औद्योगिक इकाईयों को दिए गए हैं। बहादुरगढ़ में 150 से अधिक प्लास्टिक पिघलाने, वाशिंग, प्रदूषण फैलाने वाली इकाईयों को सील किया गया है। प्लास्टिक पिघलाने वाली भट्ठियों को तोड़ा गया है। करनाल के घरौंडा में एक डाई हाउस सील किया गया है। औद्योगिक क्षेत्र के सेक्टर-37 में एक फैक्टरी के निर्माण कार्य को बंद करवाया गया है। पानीपत में नदियों और नालों में केमिकल युक्त पानी डालने पर 13 ट्रैक्टर-डंपर को जब्त किया गया। चार फैक्टरियों को भी सील किया गया है। सोनीपत में 19 अवैध भटि्ठयों को तोड़ा गया। 11 फैक्टरियां सील की गई। वहीं, 30 फैक्टरियों में अनियमितता मिलने पर उनकी रिपोर्ट वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ( सीएएक्यूएम) को भेजी गई है।
प्रदूषण से निपटने के लिए यह कार्रवाई की जा रही है
सड़कों पर धूल साफ करने के लिए स्वीपिंग मशीन व स्मॉग गन मशीन का इस्तेमाल हो रहा है। दमकल गाड़ियों से पेड़ों पर पानी का छिड़काव करने के आदेश जारी किए गए हैं। ट्रैफिक पुलिस की ओर से मियाद पूरी कर चुके वाहनों पर कार्रवाई की जा रही है। कचरा जलाने वालों भी कार्रवाई की जा रही है।
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चंडीगढ़। हरियाणा के शहरों को वायु प्रदूषण से निजात नहीं मिल पा रही है। रविवार को भी सात जिलों की हवा की गुणवत्ता काफी खराब रही है। इससे निपटने के लिए राज्य प्रदूषण नियंत्रण विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है जब से वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ा है तब से बहादुरगढ़, सोनीपत, पानीपत और रेवाड़ी की 210 से ज्यादा फैक्टरियों पर कार्रवाई की जा चुकी है।
इसके साथ ही पराली जलाने से रोकने में नाकाम 258 नोडल व सुपरवाइजरों को कारण बताओ नोटिस दिए जा चुके हैं। हिसार में पांच नोडल अधिकारी और सुपरवाइजर निलंबित किए जा चुके हैं। कृषि विभाग 12.25 लाख रुपये का जुर्माना लगा चुका है। 220 किसानों पर एफआईआर दर्ज कर 238 किसानों की रेड एंट्री दर्ज की जा चुकी है।
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करीब एक महीने से हरियाणा के एक दर्जन शहरों की हवा की गुणवत्ता खराब चल रही है। रविवार को चरखी दादरी सबसे प्रदूषित शहर दर्ज किया गया जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक एक्यूआई 396 दर्ज किया गया। वहीं, भिवानी में 328, जींद में 306, मानेसर में 321, पानीपत में 351, सोनीपत में 343 और यमुनानगर में 279 दर्ज किया गया है।
विशेषज्ञ कहते हैं कि हवा की गुणवत्ता खराब होने के पीछे एक बड़ी वजह यह है कि इस रीजन में इस बार पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय नहीं हुआ है जिसकी वजह से बारिश नहीं हुई है। वहीं, स्थानीय प्रदूषण को रोकने के लिए जिसमें वाहनों का धुआं, वाहनों के चलने से उड़ने वाली धूल और कचरे में लगने वाली आग का धुंआ है। इस पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को एक्शन लेना होगा।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
पीजीआई के इन्वायरमेंट हेल्थ के प्रोफेसर रविंद्रा खैवाल ने बताया, हरियाणा में प्रदूषण के एक नहीं बल्कि कई कारण हैं। ला नीना का असर होने की वजह से ठंड जल्दी आ गई जिससे क्षोभमंडल की परतें और नीचे आती है। इसकी वजह से कण ऊपर नहीं जाते। नीचे ही रह जाते हैं। पिछले एक महीने से बारिश भी नहीं हुई है जिससे प्रदूषण के कण हवा में है। वहीं, शहरों का स्थानीय प्रदूषण भी इसमें अहम रोल निभा रहा है। प्रदूषण विभाग को इसमें सख्त कार्रवाई करनी होगी।
इन जिलों को सबसे खराब हवा
जिला एक्यूआई
भिवानी 328
दादरी 396
जींद 306
मानेसर 321
पानीपत 351
सोनीपत 343
यमुनानगर 279
किस जिले में अब तक क्या हुई कार्रवाई
रेवाड़ी में प्रदूषण फैलाने पर अभी तक 15 नोटिस औद्योगिक इकाईयों को दिए गए हैं। बहादुरगढ़ में 150 से अधिक प्लास्टिक पिघलाने, वाशिंग, प्रदूषण फैलाने वाली इकाईयों को सील किया गया है। प्लास्टिक पिघलाने वाली भट्ठियों को तोड़ा गया है। करनाल के घरौंडा में एक डाई हाउस सील किया गया है। औद्योगिक क्षेत्र के सेक्टर-37 में एक फैक्टरी के निर्माण कार्य को बंद करवाया गया है। पानीपत में नदियों और नालों में केमिकल युक्त पानी डालने पर 13 ट्रैक्टर-डंपर को जब्त किया गया। चार फैक्टरियों को भी सील किया गया है। सोनीपत में 19 अवैध भटि्ठयों को तोड़ा गया। 11 फैक्टरियां सील की गई। वहीं, 30 फैक्टरियों में अनियमितता मिलने पर उनकी रिपोर्ट वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ( सीएएक्यूएम) को भेजी गई है।
प्रदूषण से निपटने के लिए यह कार्रवाई की जा रही है
सड़कों पर धूल साफ करने के लिए स्वीपिंग मशीन व स्मॉग गन मशीन का इस्तेमाल हो रहा है। दमकल गाड़ियों से पेड़ों पर पानी का छिड़काव करने के आदेश जारी किए गए हैं। ट्रैफिक पुलिस की ओर से मियाद पूरी कर चुके वाहनों पर कार्रवाई की जा रही है। कचरा जलाने वालों भी कार्रवाई की जा रही है।