पंजाब बजट: 65 लाख परिवारों को 10 लाख का कैशलेस उपचार, कैसे मिलेगी सुविधा? सरकार के लिए पांच चुनौतियां
पंजाब के आम आदमी पार्टी की सरकार ने आम लोगों को बड़ी राहत दी है। बुधवार को पेश किए गए बजट में मुख्यमंत्री सरबत सेहत बीमा योजना के तहत 65 लाख परिवारों को 10-10 लाख रुपये का कैशलेस उपचार का लाभ दिया है।
विस्तार
पंजाब सरकार ने ‘मुख्यमंत्री सरबत सेहत बीमा योजना’ का लाभ प्रदेश के सभी 65 लाख परिवारों को देने का फैसला किया है, ताकि ग्रामीण, शहरी, अमीर हो या गरीब हर वर्ग के लोगों को इसका लाभ दिया जा सके। बीमा कवरेज की राशि 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दी है। इसमें वे लोग भी शामिल हैं, जो केंद्र सरकार की योजना के अंतर्गत आते हैं। उन्हें राज्य सरकार से 5 लाख का अतिरिक्त टॉप-अप कवर मिलेगा। इस योजना के लिए बजट में 778 करोड़ का प्रावधान किया गया है। साथ ही स्वास्थ्य विभाग के लिए वर्ष 2025-26 में कुल 5,598 करोड़ रुपये बजट आवंटित किया है, जिसमें 10% की बढ़ोतरी की गई है।
इस योजना के तहत सभी परिवारों को अगले वर्ष एक ‘सेहत कार्ड मिलेगा, जिसके माध्यम से वे पंजाब भर के अस्पतालों में 10 लाख तक का कैशलेस उपचार का लाभ उठा सकेंगे। वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने कहा कि पंजाब के प्रत्येक परिवार को बिना भेदभाव गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना सरकार का मकसद है। अब तक पंजाब के 45 लाख परिवार सरकारी स्वास्थ्य बीमा योजनाओं में नामांकित हैं, जिनमें से 16 लाख परिवार केंद्र सरकार की ‘आयुष्मान भारत योजना’ के अंतर्गत और शेष 29 लाख परिवार पंजाब सरकार की ‘मुख्यमंत्री सरबत सेहत बीमा योजना’ के अंतर्गत आते हैं। इन योजनाओं में पूरे परिवार के लिए बीमा कवरेज केवल 5 लाख प्रति वर्ष था, लेकिन राज्य सरकार ने अपनी योजना के लिए बीमा कवरेज बढ़ा दिया है।
आम आदमी क्लीनिकों के लिए 268 करोड़
स्वास्थ्य विभाग ने राज्य में 881 आम आदमी क्लीनिक स्थापित किए हैं, ताकि लोगों को मुफ्त इलाज प्रदान कराया जा सके। वित्तीय वर्ष 2025-26 में इस काम के लिए 268 करोड़ का बजट रखा गया है। इसमें प्रत्येक व्यक्ति को मुफ्त डॉक्टर परामर्श, मुफ्त दवाएं और मुफ्त परीक्षण प्रदान किया जाता है। आम आदमी क्लीनिकों में प्रतिदिन 70,000 से अधिक लोग मुफ्त उपचार प्राप्त करते हैं। अब तक 3 करोड़ से अधिक रोगियों को सेवाएं प्रदान की जा चुकी हैं।
फरिश्ते स्कीम के लिए भी बजट आवंटित
दुर्घटना पीड़ितों को तत्काल उपचार प्रदान करने और मददगारों को प्रोत्साहित करने के लिए ‘फरिश्ते’ योजना के तहत 10 करोड़ दिए गए। सरकार ने यह योजना सड़क हादसों से मृत्यु दर में कमी लाने के लिए की है, ताकि लोगों को समय पर अस्पताल पहुंचाया जा सके। वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने कहा कि आजादी के 78 वर्ष बाद भी कोई भी सरकार सभी नागरिकों के लिए सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज सुनिश्चित नहीं कर पाई है, लेकिन पंजाब सरकार ने सभी लोगों को स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ देकर यह सुविधा दी है।
सरकार के आगे ये बड़ी चुनौतियां
- राज्य सरकार ने बीमा कवरेज तो बढ़ा दिया, लेकिन इससे सरकार पर अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा। पिछले साल निजी अस्पतालों ने योजना के तहत
- राशि न मिलने के कारण इलाज बंद कर दिया था। हालांकि सरकार का दावा है कि अब बकाया राशि जारी कर दी गई है।
- प्रदेश में विशेषज्ञ डॉक्टरों की भारी कमी है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर 72 प्रतिशत विशेषज्ञ डॉक्टर कम हैं। मंत्रालय ने संसद में यह रिपोर्ट पेश की थी।
- प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की भी यही स्थिति है। यहां भी डॉक्टरों के पद खाली पड़े हैं। इन केंद्रों में डॉक्टरों के स्वीकृत पद 586 हैं, जबकि सिर्फ 411 डॉक्टर काम कर रहे हैं।
- प्रदेश में नर्सिंग स्टाफ के 2018 स्वीकृत पद हैं, लेकिन सिर्फ 1114 नर्सिंग स्टाफ ही तैनात है।