{"_id":"693b11d8b9e3675d4300de64","slug":"give-complainants-a-chance-to-be-heard-dc-charkhi-dadri-news-c-126-1-cdr1009-148680-2025-12-12","type":"story","status":"publish","title_hn":"शिकायतकर्ताओं को दें सुनवाई का मौका : डीसी","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
शिकायतकर्ताओं को दें सुनवाई का मौका : डीसी
संवाद न्यूज एजेंसी, चरखी दादरी
Updated Fri, 12 Dec 2025 12:17 AM IST
विज्ञापन
विज्ञापन
चरखी दादरी। एससी, एसटी एक्ट से संबंधित मामलों का निपटारा करने से पूर्व शिकायतकर्ता को सुनवाई का अवसर अवश्य प्रदान करें। यह बात उपायुक्त डॉ. मुनीश नागपाल ने वीरवार को अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत आयोजित जिला सतर्कता एवं निगरानी कमेटी की त्रैमासिक बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।
डॉ. नागपाल ने कहा कि प्राकृतिक न्याय के अनुसार शिकायतकर्ता को सुनवाई का मौका देना जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि जांच के दौरान पुलिस किसी मामले को रद्द करती है तो उसके पुख्ता सबूत होने जरूरी हैं। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि बैठक के एजेंडा में शामिल सभी मामलों के शिकायतकर्ताओं के मोबाइल नंबर भी लिखे जाएं ताकि समिति के अन्य सदस्य शिकायतकर्ताओं से बातचीत करके उनकी संतुष्टि की जानकारी ले सकें।
उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि बैठक का एजेंडा कम से कम एक सप्ताह पूर्व समिति के सदस्यों को भेजा जाए ताकि वे इसका आसानी से अध्ययन कर सकें। बैठक में बताया गया कि अगर कोई गैर अनुसूचित वर्ग का व्यक्ति किसी अनुसूचित वर्ग के व्यक्ति पर किसी भी तरह का अत्याचार करता है तो उस स्थिति में एक्ट के तहत कार्रवाई करने का प्रावधान है। इस स्थिति में पीड़ित को 85 हजार से लेकर आठ लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता देने का प्रावधान किया गया है। यह राशि विभिन्न प्रकार के अत्याचारों जैसे चल-अचल संपत्ति का नुकसान, स्थायी अथवा अस्थायी दिव्यांगता, दुष्कर्म और हत्या आदि के मामलों में प्रदान की जाती है।
बैठक में जिला कल्याण अधिकारी एवं समिति के सदस्य सचिव नरेंद्र सिंह ने बताया कि अधिनियम के तहत पीड़ित व्यक्तियों को राहत व पुनर्वास की सुविधा भी प्रदान की जाती है।
बैठक में 16 जुलाई से लेकर 30 नवंबर तक के दर्ज मामलों में प्रदान की गई राशि का विवरण प्रस्तुत किया गया। अब तक 17 लाख 60 हजार रुपये की आर्थिक सहायता पीड़ितों को दी जा चुकी है। उन्होंने बताया कि कुल दर्ज 11 मामलों में तीन को अखराज किया जा चुका है। इस अवसर पर डीएसपी रमेश कुमार, टीडब्ल्यूओ कविराज सांगवान, सुरेश कुमार, विनोद कुमार, प्रवीण सैनी, संदीप भगत सिंह, कृष्ण कुमार आदि भी मौजूद रहे।
Trending Videos
डॉ. नागपाल ने कहा कि प्राकृतिक न्याय के अनुसार शिकायतकर्ता को सुनवाई का मौका देना जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि जांच के दौरान पुलिस किसी मामले को रद्द करती है तो उसके पुख्ता सबूत होने जरूरी हैं। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि बैठक के एजेंडा में शामिल सभी मामलों के शिकायतकर्ताओं के मोबाइल नंबर भी लिखे जाएं ताकि समिति के अन्य सदस्य शिकायतकर्ताओं से बातचीत करके उनकी संतुष्टि की जानकारी ले सकें।
विज्ञापन
विज्ञापन
उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि बैठक का एजेंडा कम से कम एक सप्ताह पूर्व समिति के सदस्यों को भेजा जाए ताकि वे इसका आसानी से अध्ययन कर सकें। बैठक में बताया गया कि अगर कोई गैर अनुसूचित वर्ग का व्यक्ति किसी अनुसूचित वर्ग के व्यक्ति पर किसी भी तरह का अत्याचार करता है तो उस स्थिति में एक्ट के तहत कार्रवाई करने का प्रावधान है। इस स्थिति में पीड़ित को 85 हजार से लेकर आठ लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता देने का प्रावधान किया गया है। यह राशि विभिन्न प्रकार के अत्याचारों जैसे चल-अचल संपत्ति का नुकसान, स्थायी अथवा अस्थायी दिव्यांगता, दुष्कर्म और हत्या आदि के मामलों में प्रदान की जाती है।
बैठक में जिला कल्याण अधिकारी एवं समिति के सदस्य सचिव नरेंद्र सिंह ने बताया कि अधिनियम के तहत पीड़ित व्यक्तियों को राहत व पुनर्वास की सुविधा भी प्रदान की जाती है।
बैठक में 16 जुलाई से लेकर 30 नवंबर तक के दर्ज मामलों में प्रदान की गई राशि का विवरण प्रस्तुत किया गया। अब तक 17 लाख 60 हजार रुपये की आर्थिक सहायता पीड़ितों को दी जा चुकी है। उन्होंने बताया कि कुल दर्ज 11 मामलों में तीन को अखराज किया जा चुका है। इस अवसर पर डीएसपी रमेश कुमार, टीडब्ल्यूओ कविराज सांगवान, सुरेश कुमार, विनोद कुमार, प्रवीण सैनी, संदीप भगत सिंह, कृष्ण कुमार आदि भी मौजूद रहे।