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हरियाणा में खत्म हुई डॉक्टरों की हड़ताल: सरकार के साथ बनी सहमति, चार दिनों तक चला चिकित्सकों का प्रदर्शन

अमर उजाला ब्यूरो, चंडीगढ़ Published by: शाहिल शर्मा Updated Thu, 11 Dec 2025 10:29 PM IST
सार

हरियाणा में डॉक्टरों की हड़ताल खत्म हो गई है। बैठक में सरकार के साथ डॉक्टरों की सहमति बन गई है। बीते चार दिनों से हरियाणा में डॉक्टरों की हड़ताल चल रही थी। 

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Doctors strike ends in Haryana
स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव के साथ डॉक्टर - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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हरियाणा के हड़ताली डॉक्टरों और राज्य सरकार के बीच वीरवार रात सहमति बन गई। सहमति बनने के बाद हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन (एचसीएमएसए) के डॉक्टर देर रात काम पर लौट आए हैं। स्वास्थ्य मंत्री आरती राव की अध्यक्षता में राज्य सरकार और एसोसिएशन के बीच करीब पांच घंटे चली बैठक में मॉडिफाइड एश्योर्ड करियर प्रोग्रेशन (एसीपी) पर तो सहमति नहीं बनी, मगर उसकी सरकार ने विकल्प के तौर पर आयुष्मान योजना के तहत ऑपरेशन व इलाज करने पर इन्सेंटिव देने का प्रस्ताव दिया। इस पर डॉक्टरों की सहमति बन गई। बाकी तीन अन्य मांगों पर भी राज्य सरकार और डॉक्टरों के बीच सहमति बन गई।

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बैठक के बाद स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक डॉ. मनीष बंसल ने बताया, आयुष्मान योजना पर इन्सेंटिव का प्रारूप तैयार करने के लिए एक कमेटी का गठन किया जाएगा, जिसमें एसोसिएशन का एक सदस्य भी शामिल होगा। यह समिति अन्य राज्य सरकारों की प्रोत्साहन योजनाओं और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के दिशा-निर्देशों की जांच कर एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौपेंगी। अन्य मांगों में एसएमओ की सीधी भर्ती पर भी सहमति बन गई है। इस पर राज्य सरकार की ओर से कहा गया है कि अन्य राज्यों के प्रावधानों का अध्ययन करने के बाद उचित अवधि के भीतर लागू किया जाएगा।
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इन मांगों पर भी बनी सहमति

बैठक के दौरान एसोसिएशन ने जिला अस्पतालों में नवनियुक्त चिकित्सा अधिकारियों की तैनाती का मुद्दा उठाया। दरअसल इस बार राज्य सरकार ने कई नवनियुक्त डॉक्टरों को सिविल अस्पताल में सीधे नियुक्त किया है, जबकि उन्हें ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ समय के लिए तैनाती दी जानी थी। इससे उनकी समयबद्ध अवधि में एसीपी नहीं मिलने का खतरा पैदा हो गया था। इस पर सहमति बनी कि यदि सरकार नव भर्ती चिकित्सा अधिकारियों को ग्रामीण क्षेत्रों में तैनात नहीं करती है, तो शहरी स्वास्थ्य सुविधा में तैनाती के कारण उन्हें एसीपी मिलने में कोई परेशानी नहीं होगी। बैठक में इस बात पर भी सहमति बनी कि हड़ताल की अवधि के दौरान डॉक्टरों की अनुपस्थिति की अवधि को देय अवकाश माना जाएगा, बशर्ते एचसीएमएस एसोसिएशन स्वास्थ्य सेवाओं को फिर से बाधित नहीं करेगा। इन सहमति के बाद डॉक्टरों ने तत्काल हड़ताल वापस लेने पर सहमति बन गई।

दो दौर की बातचीत में बनी सहमति

वीरवार शाम करीब साढ़े छह बजे बैठक शुरू हुई। बैठक के दौरान डॉक्टरों ने अपनी सभी मांगें एक बार फिर से उठाई। इस पर सरकार ने कहा कि एसीपी पर सहमति नहीं बन सकती, मगर इसके एवज में आयुष्मान योजना के तहत इलाज करने वाले डॉक्टरों को इन्सेंटिव दिया जाएगा। डॉक्टर इस पर राजी हो गए और लिखित आश्वासन की मांग की। इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री आला अधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के आवास जाकर उनसे मुलाकात की और डॉक्टरों को दिए गए प्रस्ताव और उनके आश्वासन के बारे में अवगत कराया। इस पर सैनी ने भी कहा कि जिन बातों पर सहमति बनी है, उस बारे उन्हें लिखित आश्वासन दे दिया जाए। इसके बाद डॉक्टर हड़ताल तोड़ने के लिए राजी हो गए।

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