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रेलू राम हत्याकांड: सोनिया ने जेल में रहते हुए 17 अपराध किए, जमानत पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे परिजन

माई सिटी रिपोर्टर, हिसार (हरियाणा) Published by: नवीन दलाल Updated Fri, 12 Dec 2025 12:21 PM IST
सार

अधिवक्ता लाल बहादुर खोवाल ने बताया कि उनके क्लाइंट जितेंद्र पुनिया तथा सतपाल ने इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला लिया है। इस बारे में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र भेज कर सुरक्षा की गुहार भी लगाई है।

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Reluram murder case: Sonia committed 17 crimes while in jail, family to approach Supreme Court for bail
मीडिया से बातचीत करते एडवोकेट लाल बहादुर खोवाल, रेलूराम के भतीजे जितेंद्र व अन्य।  - फोटो : संवाद
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विस्तार
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रेलू राम हत्याकांड के दोषियों संजीव-सोनिया को अंतरिम जमानत दिए जाने के बाद परिजन सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। रेलू राम के भतीजे जितेंद्र पूनिया ने बताया कि स्टेट लेवल कमेटी के फैसले को लागू कराने की मांग करेंगे। वहीं, सोनिया ने जेल में रहते हुए 17 अपराध किए। मीडिया से बातचीत करते हुए जितेंद्र पूनिया ने कहा कि 45 दिन के बच्चे से लेकर 60 साल के बुजुर्ग तक 8 साेते हुए लोगाें की निर्ममता से हत्या के दोषियों पर किसी तरह का रहम नहीं होना चाहिए।

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24 साल जेल में रहने के बाद भी इन लोगों का व्यवहार नहीं बदला है। यह लोग जेल से बाहर आने के बाद हमारे के लिए खतरा हो सकते हैं। ऐसे लोगों को किसी कीमत पर नहीं छोड़ा जाना चाहिए। सोनिया तथा संजीव ने स्टेट लेवल कमेटी के समक्ष समयपूर्व रिहाई की एप्लीकेशन दी थी, जिसको समिति ने खारिज कर दिया था। समिति ने अपने फैसले में बताया था कि सोनिया ने जेल में रहते हुए 17 अपराध किए। उस पर 4 नई प्राथमिकी दर्ज हुई।
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संजीव पर जेल में रहते हुए 5 अपराध दर्ज हुए। उस पर दो नई प्राथमिकी दर्ज की गई। जितेंद्र पुनिया ने बताया कि संजीव पेरोल पर आया तो वह फरार हो गया था। करीब ढाई साल बाद पुलिस ने उसे दोबारा से गिरफ्तार किया था। जब उसे पकड़ा गया तो वह एक साधु का वेश बना कर रह रहा था। उसकी जेल से भागने की नीयत थी। जेल में रहने के दौरान भी सोनिया व संजीव का व्यवहार अच्छा नहीं रहा।

अधिवक्ता लाल बहादुर खोवाल ने बताया कि उनके क्लाइंट जितेंद्र पुनिया तथा सतपाल ने इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला लिया है। इस बारे में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र भेज कर सुरक्षा की गुहार भी लगाई है। प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति को भी इस बारे में ईमेल की है।जितेंद्र पूनिया ने बताया कि सेक्शन सर्टिफिकेट के लिए पिता राम सिंह ने कोर्ट में केस किया था। इसमें कोर्ट ने उनके पिता के हक में फैसला सुनाया और सेक्शन सर्टिफिकेट उनके नाम किया था।

सेक्शन सर्टिफिकेट एक कानूनी दस्तावेज है, जो उस व्यक्ति के कानूनी उत्तराधिकारियों को जारी किया जाता है, जिनकी मृत्यु बिना वसीयत छोड़े हुई हो। यह प्रमाणपत्र उत्तराधिकारियों को मृतक की चल संपत्ति (जैसे बैंक जमा, फिक्स्ड डिपॉजिट, शेयर, आदि) पर दावा करने और उन्हें प्राप्त करने के लिए अधिकृत करता है।

सोनिया जेल से जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण को पत्र भेजकर पिता रेलू राम की संपत्ति पर हक जता चुकी है। सोनिया का तर्क है कि संपत्ति उसे मिलनी चाहिए और उसका बेटा प्रशांत भी संपत्ति का हकदार है। सोनिया ने कहा था कि लितानी मोड़ स्थित कोठी और कृषि भूमि, दौलतपुर की कृषि भूमि, नांगलोई की दुकानों और अन्य संपत्ति पर उसका ही हक बनता है।

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