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Fatehabad News: सरदारेवाला के पास सड़क टेढ़ी मेढ़ी होने से हो चुके कई हादसे
संवाद न्यूज एजेंसी, फतेहाबाद
Updated Tue, 09 Dec 2025 11:35 PM IST
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खाई -सरदारे वाला जाने वाली सड़क दिखाते हुए ग्रामीण:ग्रामीण
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रतिया। गांव सरदारेवाला के पास भाखड़ा नहर के पुल तक जाने वाली सड़क का आधा किलोमीटर लंबा मार्ग टेढ़ा होने के कारण पुल सामने से दिखाई नहीं देता। इसी वजह से इस मार्ग पर कई हादसे हो चुके हैं।
इस वर्ष जनवरी में हुए हादसे में सवारियों से भरी क्रूजर नहर में गिर गई थी। इसमें महमड़ा और आसपास के गांवों के 12 लोग मौत हो गई थी। धुंध और सड़क की टेढ़ी स्थिति से चालक नहर और सड़क का अनुमान नहीं लगा पाया। इसी वर्ष जनवरी बाइक सवार मिल्खा सिंह की भी नहर में गिरकर डूबने से मौत हो गई थी।
ग्रामीण कई बार प्रशासन से सड़क को सीधा करवाने की मांग कर चुका। 31 जनवरी के हादसे के बाद कमिश्नर मौके का निरीक्षण करने पहुंचे। ग्रामीणों ने बताया कि कई वर्षों तक यह मार्ग कच्चा था, लेकिन जब इसे पक्का किया गया तो ठेकेदार ने पुराने कच्चे मार्ग पर ही निर्माण कर दिया।
कागजों में सड़क भाखड़ा पुल से करीब 30-40 फुट की दूरी पर 15-20 फुट ऊंचाई से होकर गुजरती थी, जिससे सड़क सीधी होती और हादसा टल सकता था। ग्रामीण पप्पू राम ओढ़ ने कहा कि सड़क का टेढ़ा होना और किसी भी प्रकार का चेतावनी चिन्ह न होना हादसों का बड़ा कारण है। पप्पू कटारिया ने आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसा लगता है जैसे प्रशासन को और हादसों का इंतजार है।
उन्होंने बताया कि जनवरी के हादसों से पहले भी ग्रामीणों ने सुधार की मांग की थी, लेकिन प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके बावजूद कमिश्नर ने आश्वासन दिया था कि सड़क को सुरक्षित बनाने के लिए व्यवस्था की जाएगी, लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी कोई काम नहीं हुआ। प्रशासन सिर्फ आश्वासन देता रहा है और पर यह समस्या जस की तस बनी हुई है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि जल्द सुधार नहीं किया गया तो भविष्य में और हादसे होने की आशंका बनी हुई है।
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इस वर्ष जनवरी में हुए हादसे में सवारियों से भरी क्रूजर नहर में गिर गई थी। इसमें महमड़ा और आसपास के गांवों के 12 लोग मौत हो गई थी। धुंध और सड़क की टेढ़ी स्थिति से चालक नहर और सड़क का अनुमान नहीं लगा पाया। इसी वर्ष जनवरी बाइक सवार मिल्खा सिंह की भी नहर में गिरकर डूबने से मौत हो गई थी।
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ग्रामीण कई बार प्रशासन से सड़क को सीधा करवाने की मांग कर चुका। 31 जनवरी के हादसे के बाद कमिश्नर मौके का निरीक्षण करने पहुंचे। ग्रामीणों ने बताया कि कई वर्षों तक यह मार्ग कच्चा था, लेकिन जब इसे पक्का किया गया तो ठेकेदार ने पुराने कच्चे मार्ग पर ही निर्माण कर दिया।
कागजों में सड़क भाखड़ा पुल से करीब 30-40 फुट की दूरी पर 15-20 फुट ऊंचाई से होकर गुजरती थी, जिससे सड़क सीधी होती और हादसा टल सकता था। ग्रामीण पप्पू राम ओढ़ ने कहा कि सड़क का टेढ़ा होना और किसी भी प्रकार का चेतावनी चिन्ह न होना हादसों का बड़ा कारण है। पप्पू कटारिया ने आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसा लगता है जैसे प्रशासन को और हादसों का इंतजार है।
उन्होंने बताया कि जनवरी के हादसों से पहले भी ग्रामीणों ने सुधार की मांग की थी, लेकिन प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके बावजूद कमिश्नर ने आश्वासन दिया था कि सड़क को सुरक्षित बनाने के लिए व्यवस्था की जाएगी, लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी कोई काम नहीं हुआ। प्रशासन सिर्फ आश्वासन देता रहा है और पर यह समस्या जस की तस बनी हुई है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि जल्द सुधार नहीं किया गया तो भविष्य में और हादसे होने की आशंका बनी हुई है।