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Fatehabad News: विद्यालयों में बच्चों को मिड-डे मील के साथ गुनगुना पानी देने के आदेश
संवाद न्यूज एजेंसी, फतेहाबाद
Updated Sat, 20 Dec 2025 11:30 PM IST
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राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय अहरवां का स्कूल
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फतेहाबाद। ठंड से बचाव के लिए शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिए विंटर रेडिनेस (शीतकालीन तैयारी योजना) प्लान लागू कर दिया है। इस योजना का उद्देश्य सर्द मौसम के प्रभाव से बच्चों को सुरक्षित रखना और उनकी पढ़ाई को बिना बाधा जारी रखना है।
शिक्षा विभाग ने सभी सरकारी स्कूलों के मुखियाओं को इस बारे में आवश्यक निर्देश जारी कर दिए हैं। योजना के अंतर्गत बच्चों को मिड-डे मील में गर्म और ताजा भोजन परोसने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ विद्यार्थियों को गुनगुना पानी उपलब्ध कराना अनिवार्य किया गया है, ताकि ठंड के कारण बीमारियों से बचाव किया जा सके। स्कूल परिसरों में ठंड से बचने की पर्याप्त व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया गया है।
जिला शिक्षा विभाग के आदेशों में कहा गया है कि शिक्षक प्रतिदिन यह जांच करें कि छात्र-छात्राएं स्वेटर, मफलर, टोपी और दस्ताने पहनकर ही विद्यालय आएं। ठंड के मौसम में बच्चों की उपस्थिति और स्वास्थ्य पर विशेष निगरानी रखने के निर्देश भी दिए गए हैं, ताकि किसी प्रकार की लापरवाही न हो।
जिन विद्यार्थियों के पास गर्म कपड़ों की व्यवस्था नहीं है, उनके लिए स्कूल प्रबंधन समितियों को स्थानीय संस्थाओं और स्वयंसेवी संगठनों से सहयोग लेने के निर्देश दिए गए हैं। जरूरतमंद बच्चों तक गर्म कपड़े पहुंचाने की जिम्मेदारी स्कूल स्तर पर सुनिश्चित करने को कहा गया है। विभाग ने स्पष्ट किया है कि विद्यार्थियों की सेहत और सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। स्कूलों से निर्देशों की नियमित पालन की रिपोर्ट भी मांगी गई है।
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टूटी खिड़कियों और दरवाजे भी ठीक करने को कहा
ठंड के चलते सुबह की प्रार्थना सभा के बारे में भी बदलाव किया गया है। अब प्रार्थना सभा खुले मैदान के बजाय कक्षा कक्ष या स्कूल हॉल में कराई जाएगी। स्कूल भवनों की खिड़कियों और दरवाजों की स्थिति दुरुस्त रखने और टूट-फूट होने पर तुरंत मरम्मत कराने के आदेश दिए गए हैं। स्कूल मुखियाओं को कक्षाओं की स्थिति, मिड-डे मील, गर्म पानी और अन्य व्यवस्थाओं की रोजाना निगरानी करनी होगी। अधिक ठंड होने पर सुरक्षा कर्मियों के लिए हीटर की व्यवस्था करना भी स्कूल प्रशासन की जिम्मेदारी तय की गई है।
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स्कूलों में आयोजित किए जाएंगे जागरूकता सत्र
ठंड के दौरान बच्चों को सर्दी, फ्लू और श्वसन रोगों से बचाने के लिए स्कूलों में जागरूकता सत्र आयोजित किए जाएंगे। इन सत्रों में स्वच्छता, नियमित हाथ धोना, गर्म कपड़े पहनना और बीमार होने पर तुरंत जानकारी देने जैसे उपायों पर जोर दिया जाएगा। शिक्षा विभाग ने साफ किया है कि विद्यार्थियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य से किसी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा। निर्देशों की पालना जांचने के लिए समय-समय पर स्कूलों का निरीक्षण भी किया जाएगा।
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बच्चों को ठंड से बचाने के लिए सरकारी स्कूलों में विंटर रेडिनेस प्लान के लिए शिक्षा विभा मुख्यालय की ओर से आदेश आए हैं। बच्चों को पीने के लिए गुनगुना पानी देना होगा। बच्चों को ठंड से बचाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने होंगे। उनके लिए ठंड से बचाव के कपड़े और अन्य कपड़ों के लिए एसएमसी और समाजसेवी संस्थाओं से मदद ली जा सकती है।
-अनीता बाई, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, फतेहाबाद।
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शिक्षा विभाग ने सभी सरकारी स्कूलों के मुखियाओं को इस बारे में आवश्यक निर्देश जारी कर दिए हैं। योजना के अंतर्गत बच्चों को मिड-डे मील में गर्म और ताजा भोजन परोसने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ विद्यार्थियों को गुनगुना पानी उपलब्ध कराना अनिवार्य किया गया है, ताकि ठंड के कारण बीमारियों से बचाव किया जा सके। स्कूल परिसरों में ठंड से बचने की पर्याप्त व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया गया है।
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जिला शिक्षा विभाग के आदेशों में कहा गया है कि शिक्षक प्रतिदिन यह जांच करें कि छात्र-छात्राएं स्वेटर, मफलर, टोपी और दस्ताने पहनकर ही विद्यालय आएं। ठंड के मौसम में बच्चों की उपस्थिति और स्वास्थ्य पर विशेष निगरानी रखने के निर्देश भी दिए गए हैं, ताकि किसी प्रकार की लापरवाही न हो।
जिन विद्यार्थियों के पास गर्म कपड़ों की व्यवस्था नहीं है, उनके लिए स्कूल प्रबंधन समितियों को स्थानीय संस्थाओं और स्वयंसेवी संगठनों से सहयोग लेने के निर्देश दिए गए हैं। जरूरतमंद बच्चों तक गर्म कपड़े पहुंचाने की जिम्मेदारी स्कूल स्तर पर सुनिश्चित करने को कहा गया है। विभाग ने स्पष्ट किया है कि विद्यार्थियों की सेहत और सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। स्कूलों से निर्देशों की नियमित पालन की रिपोर्ट भी मांगी गई है।
टूटी खिड़कियों और दरवाजे भी ठीक करने को कहा
ठंड के चलते सुबह की प्रार्थना सभा के बारे में भी बदलाव किया गया है। अब प्रार्थना सभा खुले मैदान के बजाय कक्षा कक्ष या स्कूल हॉल में कराई जाएगी। स्कूल भवनों की खिड़कियों और दरवाजों की स्थिति दुरुस्त रखने और टूट-फूट होने पर तुरंत मरम्मत कराने के आदेश दिए गए हैं। स्कूल मुखियाओं को कक्षाओं की स्थिति, मिड-डे मील, गर्म पानी और अन्य व्यवस्थाओं की रोजाना निगरानी करनी होगी। अधिक ठंड होने पर सुरक्षा कर्मियों के लिए हीटर की व्यवस्था करना भी स्कूल प्रशासन की जिम्मेदारी तय की गई है।
स्कूलों में आयोजित किए जाएंगे जागरूकता सत्र
ठंड के दौरान बच्चों को सर्दी, फ्लू और श्वसन रोगों से बचाने के लिए स्कूलों में जागरूकता सत्र आयोजित किए जाएंगे। इन सत्रों में स्वच्छता, नियमित हाथ धोना, गर्म कपड़े पहनना और बीमार होने पर तुरंत जानकारी देने जैसे उपायों पर जोर दिया जाएगा। शिक्षा विभाग ने साफ किया है कि विद्यार्थियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य से किसी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा। निर्देशों की पालना जांचने के लिए समय-समय पर स्कूलों का निरीक्षण भी किया जाएगा।
बच्चों को ठंड से बचाने के लिए सरकारी स्कूलों में विंटर रेडिनेस प्लान के लिए शिक्षा विभा मुख्यालय की ओर से आदेश आए हैं। बच्चों को पीने के लिए गुनगुना पानी देना होगा। बच्चों को ठंड से बचाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने होंगे। उनके लिए ठंड से बचाव के कपड़े और अन्य कपड़ों के लिए एसएमसी और समाजसेवी संस्थाओं से मदद ली जा सकती है।
-अनीता बाई, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, फतेहाबाद।

राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय अहरवां का स्कूल