{"_id":"6946e2ea5ddc66437d0313ed","slug":"the-common-market-fell-victim-to-the-administrations-negligence-shops-were-closed-fatehabad-news-c-127-1-ftb1001-145621-2025-12-20","type":"story","status":"publish","title_hn":"Fatehabad News: प्रशासन की अनदेखी की भेंट चढ़ गया साझा बाजार, बंद हुईं दुकानें","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Fatehabad News: प्रशासन की अनदेखी की भेंट चढ़ गया साझा बाजार, बंद हुईं दुकानें
संवाद न्यूज एजेंसी, फतेहाबाद
Updated Sat, 20 Dec 2025 11:24 PM IST
विज्ञापन
फतेहाबाद के थाना रोड पर बंद हो चुकी सांझा बाजार की दुकानें। संवाद
विज्ञापन
फतेहाबाद। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उनके उत्पादों को एक मंच प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू किया गया साझा बाजार बंद हो चुका है। नगर परिषद की ओर से शहर के कार पार्किंग परिसर में 6 दुकानों में साझा बाजार बनाया गया था। इसमें काम करने वाली स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने बिक्री न होने से लगातार हो रहे नुकसान के चलते बंद कर दी है।
करीब एक वर्ष पूर्व 6 दुकानों के साथ इस साझा बाजार की शुरुआत की गई थी। नगर परिषद का दावा था कि शहर के बीचों-बीच स्थित इस बाजार से महिलाओं की आर्थिक स्थिति सुधरेगी लेकिन हकीकत इसके उलट रही। जिस जगह पर ये दुकानें आवंटित की गई थीं, वह असल में शहर की एक व्यस्त कार पार्किंग है। शुरुआत में लगा कि फुटफॉल अच्छा रहेगा, लेकिन धीरे-धीरे सुविधाओं के अभाव और अतिक्रमण के चलते महिलाएं दुकानें बंद करने पर मजबूर हो गईं।
-- -- -
पार्किंग संचालक दुकानें के बाहर नहीं रखने देते सामान
दुकानदार महिलाओं सुमित्रा ने बताया कि साझा बाजार पूरी तरह से पार्किंग के वाहनों के बीच घिर गया है। दुकानों के ठीक सामने रेहड़ियों पर ठंड से बचाव के कपड़ों के रेडिमेड की दुकानें लगाई जाती है। जिससे ग्राहकों का दुकानों तक पहुंचना भी दूभर हो जाता है। वहीं राहगीरों को साझा बाजार की दुकानों का पता नहीं लग पाता। नगर परिषद को इस बारे में कई बार लिखित शिकायतें दी गईं, लेकिन अधिकारियों ने सुध लेना उचित नहीं समझा। पिछले कई महीनों से बिक्री न के बराबर थी, जबकि महिलाओं को अपना कीमती समय और संसाधन इसमें झोंकने पड़ रहे थे।
-- -
खुद ताला लगाने को हुईं मजबूर
साझा बाजार दुकानदार महिला दुकानदार सुमित्रा और राज रानी आदि ने बताया कि उन्होंने अपना रोजगार स्थापित करने के लिए कार पार्किंग में 6 दुकानें ली थी, लेकिन नगर परिषद के कर्मचारियों व कार पार्किंग ठेकेदार ने खुद ही उनकी दुकानों के ठीक बाहर रेहड़ियां लगवा दी। इससे अतिक्रमण इतना अधिक हो गया है कि ग्राहकों के लिए उनकी दुकानों तक पहुंचना मुश्किल हो गया है। इससे उनकी बिक्री तेजी से गिरी है और उन्हें भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा। स्वयं सहायता समूह के तहत जारी लखपति दीदी योजना के तहत महिलाओं ने हाथों से बने सामान, हस्तशिल्प और खाद्य पदार्थ बेचने आई थीं, लेकिन नगर परिषद से कोई मदद न मिलने के चलते, समूह की महिलाओं ने सर्वसम्मति से अपनी दुकानें बंद करने का निर्णय लिया है।
::स्वयं सहायता समूह के तहत 3 शहरी और 3 ग्रामीण महिलाओं में दुकानों का वितरण की गई है। तीन दुकानें जो शहरी क्षेत्र की हैं वे बंद है। ग्रामीण महिलाओं की दुकानें चल रही हैं। शनिवार को किसी कारणवश दुकानें नहीं खुली होंगी।
-सतबीर सिहं, जिला कार्यक्रम अधिकारी, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, फतेहाबाद।
Trending Videos
करीब एक वर्ष पूर्व 6 दुकानों के साथ इस साझा बाजार की शुरुआत की गई थी। नगर परिषद का दावा था कि शहर के बीचों-बीच स्थित इस बाजार से महिलाओं की आर्थिक स्थिति सुधरेगी लेकिन हकीकत इसके उलट रही। जिस जगह पर ये दुकानें आवंटित की गई थीं, वह असल में शहर की एक व्यस्त कार पार्किंग है। शुरुआत में लगा कि फुटफॉल अच्छा रहेगा, लेकिन धीरे-धीरे सुविधाओं के अभाव और अतिक्रमण के चलते महिलाएं दुकानें बंद करने पर मजबूर हो गईं।
विज्ञापन
विज्ञापन
पार्किंग संचालक दुकानें के बाहर नहीं रखने देते सामान
दुकानदार महिलाओं सुमित्रा ने बताया कि साझा बाजार पूरी तरह से पार्किंग के वाहनों के बीच घिर गया है। दुकानों के ठीक सामने रेहड़ियों पर ठंड से बचाव के कपड़ों के रेडिमेड की दुकानें लगाई जाती है। जिससे ग्राहकों का दुकानों तक पहुंचना भी दूभर हो जाता है। वहीं राहगीरों को साझा बाजार की दुकानों का पता नहीं लग पाता। नगर परिषद को इस बारे में कई बार लिखित शिकायतें दी गईं, लेकिन अधिकारियों ने सुध लेना उचित नहीं समझा। पिछले कई महीनों से बिक्री न के बराबर थी, जबकि महिलाओं को अपना कीमती समय और संसाधन इसमें झोंकने पड़ रहे थे।
खुद ताला लगाने को हुईं मजबूर
साझा बाजार दुकानदार महिला दुकानदार सुमित्रा और राज रानी आदि ने बताया कि उन्होंने अपना रोजगार स्थापित करने के लिए कार पार्किंग में 6 दुकानें ली थी, लेकिन नगर परिषद के कर्मचारियों व कार पार्किंग ठेकेदार ने खुद ही उनकी दुकानों के ठीक बाहर रेहड़ियां लगवा दी। इससे अतिक्रमण इतना अधिक हो गया है कि ग्राहकों के लिए उनकी दुकानों तक पहुंचना मुश्किल हो गया है। इससे उनकी बिक्री तेजी से गिरी है और उन्हें भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा। स्वयं सहायता समूह के तहत जारी लखपति दीदी योजना के तहत महिलाओं ने हाथों से बने सामान, हस्तशिल्प और खाद्य पदार्थ बेचने आई थीं, लेकिन नगर परिषद से कोई मदद न मिलने के चलते, समूह की महिलाओं ने सर्वसम्मति से अपनी दुकानें बंद करने का निर्णय लिया है।
::स्वयं सहायता समूह के तहत 3 शहरी और 3 ग्रामीण महिलाओं में दुकानों का वितरण की गई है। तीन दुकानें जो शहरी क्षेत्र की हैं वे बंद है। ग्रामीण महिलाओं की दुकानें चल रही हैं। शनिवार को किसी कारणवश दुकानें नहीं खुली होंगी।
-सतबीर सिहं, जिला कार्यक्रम अधिकारी, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, फतेहाबाद।

फतेहाबाद के थाना रोड पर बंद हो चुकी सांझा बाजार की दुकानें। संवाद