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बिना मुखिया के शिक्षा के मंदिर: हरियाणा के सरकारी कॉलेजों में प्राचार्य के 46 % पद खाली, शिक्षकों की भी कमी
माई सिटी रिपोर्टर, हिसार (हरियाणा)
Published by: नवीन दलाल
Updated Sat, 20 Dec 2025 09:33 AM IST
सार
हरियाणा के सरकारी सहायता प्राप्त कॉलेजों की स्थिति सरकारी कॉलेजों से भी बदतर है। ऐसे कॉलेजों में प्राचार्य और शिक्षकों के पदों पर रिक्तियां और अधिक हैं। आंकड़ों के अनुसार सहायता प्राप्त कॉलेजों में स्वीकृत 97 प्राचार्य पदों में से 56 पद (57 प्रतिशत) खाली हैं।
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सांकेतिक
- फोटो : संवाद
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विस्तार
प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में उच्च शिक्षा की तस्वीर चिंताजनक होती जा रही है। हालात यह हैं कि करीब आधे सरकारी कॉलेज बिना स्थायी प्राचार्य के संचालित हो रहे हैं। उच्चतर शिक्षा विभाग के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश के 185 सरकारी कॉलेजों में से 85 कॉलेजों में स्थायी प्राचार्य नहीं हैं। करीब 46 प्रतिशत कॉलेज बिना मुखिया के चल रहे हैं। प्राचार्य के अलावा शिक्षकों की कमी ने भी संकट को और गहरा दिया है।
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सरकारी कॉलेजों में शिक्षकों के लिए स्वीकृत पदों में से करीब 56 प्रतिशत पद रिक्त पड़े हैं। इसके चलते अधिकांश कॉलेज गेस्ट और एक्सटेंशन फैकल्टी के सहारे संचालित हो रहे हैं। यही नहीं प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में करीब 40 प्रतिशत सीटें खाली पड़ी हैं। सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत मिले आंकड़ों से यह भी सामने आया है कि प्रदेश के 185 सरकारी कॉलेजों में से 85 में स्थायी प्राचार्य नहीं हैं। बिना मुखिया के कॉलेजों में प्रशासनिक निर्णय लेने, शैक्षणिक योजनाएं लागू करने और अनुशासन बनाए रखने में गंभीर दिक्कतें आ रही हैं।
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सरकारी सहायता प्राप्त कॉलेजों के हालात और भी खराब
प्रदेश के सरकारी सहायता प्राप्त कॉलेजों की स्थिति सरकारी कॉलेजों से भी बदतर है। ऐसे कॉलेजों में प्राचार्य और शिक्षकों के पदों पर रिक्तियां और अधिक हैं। आंकड़ों के अनुसार सहायता प्राप्त कॉलेजों में स्वीकृत 97 प्राचार्य पदों में से 56 पद (57 प्रतिशत) खाली हैं। शिक्षकों की स्थिति भी चिंताजनक है। स्वीकृत 2831 शिक्षक पदों के मुकाबले केवल 1394 स्थायी शिक्षक ही कार्यरत हैं। यानि 1437 पद खाली हैं और करीब 51 प्रतिशत शिक्षक पद रिक्त पड़े हुए हैं।
महेंद्रगढ़ जिले के 14 कॉलेज बिना मुखिया
जिलास्तर पर स्थिति देखें तो महेंद्रगढ़ जिला सबसे ज्यादा प्रभावित है। महेंद्रगढ़ जिले के 14 सरकारी कॉलेजों में एक भी स्थायी प्राचार्य नहीं हैं। इसके बाद भिवानी और रेवाड़ी में आठ-आठ कॉलेज बिना प्राचार्य के चल रहे हैं। झज्जर और फतेहाबाद में सात-सात कॉलेजों में प्राचार्य का पद खाली है। वहीं हिसार जिले के तीन सरकारी कॉलेजों में भी प्राचार्य नहीं हैं।
सहायता प्राप्त कॉलेजों का ब्योरा
जिला — प्राचार्य के कुल पद — खाली पद — शिक्षकों के कुल पद — खाली पद
अंबाला — 10 — 7 — 332 — 134
यमुनानगर — 8 — 6 — 281 — 136
भिवानी — 8 — 4 — 199 — 114
गुरुग्राम — 3 — 2 — 51 — 33
फरीदाबाद — 3 — 3 — 91 — 38
पलवल — 2 — 0 — 62 — 30
हिसार — 5 — 3 — 214 — 145
जींद — 3 — 1 — 71 — 35
करनाल — 5 — 1 — 155 — 104
पानीपत — 5 — 2 — 163 — 91
कैथल — 7 — 4 — 175 — 72
कुरुक्षेत्र — 7 — 3 — 175 — 113
रेवाड़ी — 6 — 5 — 141 — 57
रोहतक — 10 — 7 — 296 — 153
सिरसा — 4 — 2 — 66 — 29
झज्जर — 2 — 0 — 34 — 15
फतेहाबाद — 1 — 0 — 30 — 18
सोनीपत — 8 — 6 — 295 — 166
प्राचार्यों और शिक्षकों के पदों पर स्थायी भर्ती की मांग को लेकर हम कई बार उच्चतर शिक्षा निदेशक से मिल चुके हैं। हम इन पदों पर जल्द से जल्द सीधी भर्ती की मांग कर रहे हैं। पद खाली होने से शिक्षा पर उसका असर तो पड़ता ही है। सरकार को जल्द से जल्द इन पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए।
- प्रो. राजेश, प्रधान, हरियाणा गवर्नमेंट कॉलेज टीचर एसोसिएशन।