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Hisar News: भागदौड़ भरी जिंदगी बढ़ा रही झाइयों का खतरा

Amar Ujala Bureau अमर उजाला ब्यूरो
Updated Fri, 26 Dec 2025 12:54 AM IST
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Busy life is increasing the risk of freckles
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हिसार। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी, बदलती जीवनशैली और बढ़ते मानसिक तनाव का असर महिलाओं के स्वास्थ्य के साथ-साथ उनकी त्वचा पर भी साफ नजर आने लगा है। इन्हीं कारणों से महिलाओं में चेहरे और शरीर पर झाइयों यानी पिगमेंटेशन की समस्या तेजी से बढ़ रही है। विशेषज्ञों के अनुसार यह समस्या केवल सौंदर्य तक सीमित नहीं है, बल्कि महिलाओं के शारीरिक स्वास्थ्य और हार्मोनल संतुलन से भी गहराई से जुड़ी हुई है। झाइयां चेहरे के अलावा गर्दन, हाथों और शरीर के अन्य हिस्सों पर भी दिखाई दे सकती हैं।
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हार्मोनल बदलाव मुख्य कारण
महिलाओं में झाइयों का सबसे बड़ा कारण हार्मोनल बदलाव माना जाता है। विशेषकर गर्भावस्था के दौरान शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के स्तर में परिवर्तन होने से चेहरे पर काले धब्बे उभरने लगते हैं, जिसे मेडिकल भाषा में मेलाज्मा कहा जाता है। आंकड़ों के अनुसार डिलीवरी के बाद करीब 75 प्रतिशत महिलाएं किसी न किसी रूप में पिगमेंटेशन की समस्या से प्रभावित होती हैं। कई मामलों में गर्भावस्था के दौरान खून की कमी यानी एनीमिया भी झाइयों को बढ़ा देता है।
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पोषण की कमी से बढ़ती परेशानी
गर्भावस्था के अलावा सामान्य जीवन में भी आयरन, विटामिन बी-12, फोलिक एसिड और विटामिन डी की कमी से पिगमेंटेशन बढ़ सकता है। घरेलू और कार्यस्थल की जिम्मेदारियों के चलते महिलाएं अक्सर अपने खान-पान और आराम पर ध्यान नहीं दे पातीं, जिससे पोषक तत्वों की कमी हो जाती है और झाइयां गहरी होती चली जाती हैं।
डिलीवरी के बाद असर
विशेषज्ञों का कहना है कि कई महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान बनी झाइयां डिलीवरी के बाद धीरे-धीरे हल्की हो जाती हैं और कुछ मामलों में पूरी तरह समाप्त भी हो जाती हैं, लेकिन कई महिलाओं में यह समस्या बनी रहती है। ऐसे में समय पर उपचार और सही देखभाल आवश्यक है।
बचाव और देखभाल
स्किन स्पेशलिस्ट डॉ. सोनिया श्योराण के अनुसार झाइयों से बचाव के लिए संतुलित आहार बेहद जरूरी है। महिलाओं को आयरन, कैल्शियम और विटामिन से भरपूर भोजन लेना चाहिए। हरी पत्तेदार सब्जियां, फल, दूध, दही, दालें और सूखे मेवे डाइट में शामिल करें। पर्याप्त नींद लें, स्क्रीन टाइम कम करें और तनाव से बचें। धूप में निकलते समय सनस्क्रीन का उपयोग करें और बिना विशेषज्ञ की सलाह के किसी भी दवा या क्रीम का इस्तेमाल न करें। संतुलित जीवनशैली और सही इलाज से पिगमेंटेशन की समस्या को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।
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