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छात्र महापंचायत : हरिकेश ढांडा का निलंबन वापसी पर जीजेयू प्रशासन ने मांगा एक सप्ताह का समय
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जीजेयू के प्रवेश द्वार पर बैठ रोष जताते छात्र संघ के सदस्य।
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हिसार। गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय (जीजेयू) में छात्र नेता हरिकेश ढांडा के निलंबन के विरोध में मंगलवार सुबह सवा 11 बजे विभिन्न छात्र व किसान संगठनों ने महापंचायत कर विरोध जताया। जीजेयू प्रशासन ने छात्र नेता से महिला स्टाफ से अभद्र व्यवहार के लिए माफी मांगने को कहा और निलंबन वापसी पर निर्णय के लिए 16 दिसंबर तक का समय मांगा। प्रशासन ने स्पष्ट किया कि मामला प्रॉक्टोरियल कमेटी की अगली बैठक में रखा जाएगा, जिसके बाद ही अंतिम फैसला होगा।
महापंचायत में केएसओ, आईएसओ, इनसो, एनएसयूआई सहित कई किसान संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए और नारेबाजी कर निलंबन तुरंत रद्द करने की मांग उठाई। दोपहर करीब 12 बजे 9 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को विश्वविद्यालय प्रशासन ने वार्ता के लिए बुलाया, जहां छात्रों ने चेतावनी दी कि यदि तय समय तक निलंबन समाप्त नहीं किया गया तो छात्र और किसान संगठन संयुक्त रणनीति के तहत अगला कदम तय करेंगे। स्थिति को नियंत्रित रखने के लिए प्रशासन की ओर से मुख्य द्वार पर पुलिस बल की तैनाती की गई और केवल आईकार्ड चेकिंग के बाद ही छात्रों को प्रवेश दिया गया।
प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि जीजेयू प्रशासन तानाशाही रवैया अपनाकर छात्रों की आवाज दबा रहा है और जो भी छात्र विश्वविद्यालय की समस्याओं पर सवाल उठाता है, उसे निशाना बनाकर निलंबित किया जा रहा है। हरिकेश ढांडा ने कहा कि उन्होंने हमेशा छात्रों से जुड़े मुद्दों फीस वृद्धि, मूलभूत सुविधाओं की कमी, दूषित पेयजल, टूटे बेंच-कुर्सियां, हॉस्टल व मैस व्यवस्थाओं की बदहाली को उठाया है। उनका कहना था कि निलंबन से उनकी परीक्षाएं प्रभावित हो रही हैं और आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों पर ज्यादा दबाव पड़ रहा है।
प्रदर्शन में आईएसओ प्रदेशाध्यक्ष साहिलदीप कस्वां, इनसो के अज्जू घणघस, एनएसयूआई के रोहित दलाल, किसान नेता अमित सिवाच, रवि आजाद, विकास सीसर, खटकड़ टोल प्रधान लीला छापड़ा, नसीब, जींद कॉलेज से सुमित लाठर व गोविंद सैनी, कैथल के युवा नेता गुरदीप ढांडा सहित अनेक छात्र व किसान नेता मौजूद रहे।
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छात्र हरिकेश ढांडा के खिलाफ कई शिकायतें थीं। इसके बाद विश्वविद्यालय से निलंबित किया गया था। अब निलंबन के मामले में प्रॉक्टोरियल कमेटी की बैठक 16 दिसंबर को होगी।
- अनिल भानखड़, प्रॉक्टर, जीजेयू।
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महापंचायत में केएसओ, आईएसओ, इनसो, एनएसयूआई सहित कई किसान संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए और नारेबाजी कर निलंबन तुरंत रद्द करने की मांग उठाई। दोपहर करीब 12 बजे 9 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को विश्वविद्यालय प्रशासन ने वार्ता के लिए बुलाया, जहां छात्रों ने चेतावनी दी कि यदि तय समय तक निलंबन समाप्त नहीं किया गया तो छात्र और किसान संगठन संयुक्त रणनीति के तहत अगला कदम तय करेंगे। स्थिति को नियंत्रित रखने के लिए प्रशासन की ओर से मुख्य द्वार पर पुलिस बल की तैनाती की गई और केवल आईकार्ड चेकिंग के बाद ही छात्रों को प्रवेश दिया गया।
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प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि जीजेयू प्रशासन तानाशाही रवैया अपनाकर छात्रों की आवाज दबा रहा है और जो भी छात्र विश्वविद्यालय की समस्याओं पर सवाल उठाता है, उसे निशाना बनाकर निलंबित किया जा रहा है। हरिकेश ढांडा ने कहा कि उन्होंने हमेशा छात्रों से जुड़े मुद्दों फीस वृद्धि, मूलभूत सुविधाओं की कमी, दूषित पेयजल, टूटे बेंच-कुर्सियां, हॉस्टल व मैस व्यवस्थाओं की बदहाली को उठाया है। उनका कहना था कि निलंबन से उनकी परीक्षाएं प्रभावित हो रही हैं और आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों पर ज्यादा दबाव पड़ रहा है।
प्रदर्शन में आईएसओ प्रदेशाध्यक्ष साहिलदीप कस्वां, इनसो के अज्जू घणघस, एनएसयूआई के रोहित दलाल, किसान नेता अमित सिवाच, रवि आजाद, विकास सीसर, खटकड़ टोल प्रधान लीला छापड़ा, नसीब, जींद कॉलेज से सुमित लाठर व गोविंद सैनी, कैथल के युवा नेता गुरदीप ढांडा सहित अनेक छात्र व किसान नेता मौजूद रहे।
छात्र हरिकेश ढांडा के खिलाफ कई शिकायतें थीं। इसके बाद विश्वविद्यालय से निलंबित किया गया था। अब निलंबन के मामले में प्रॉक्टोरियल कमेटी की बैठक 16 दिसंबर को होगी।
- अनिल भानखड़, प्रॉक्टर, जीजेयू।