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Hisar News: नियुक्ति का इंतजार...बिना मुखिया के 46 फीसदी सरकारी कॉलेज, शिक्षकों के भी 56 प्रतिशत पद रिक्त
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हिसार। प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में उच्च शिक्षा की तस्वीर चिंताजनक होती जा रही है। हालात यह हैं कि करीब आधे सरकारी कॉलेज बिना स्थायी प्राचार्य के संचालित हो रहे हैं। उच्चतर शिक्षा विभाग के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश के 185 सरकारी कॉलेजों में से 85 कॉलेजों में स्थायी प्राचार्य नहीं हैं। करीब 46 प्रतिशत कॉलेज बिना मुखिया के चल रहे हैं।
प्राचार्य के अलावा शिक्षकों की कमी ने भी संकट को और गहरा दिया है। सरकारी कॉलेजों में शिक्षकों के लिए स्वीकृत पदों में से करीब 56 प्रतिशत पद रिक्त पड़े हैं। इसके चलते अधिकांश कॉलेज गेस्ट और एक्सटेंशन फैकल्टी के सहारे संचालित हो रहे हैं। यही नहीं प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में करीब 40 प्रतिशत सीटें खाली पड़ी हैं। सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत मिले आंकड़ों से यह भी सामने आया है कि प्रदेश के 185 सरकारी कॉलेजों में से 85 में स्थायी प्राचार्य नहीं हैं। बिना मुखिया के कॉलेजों में प्रशासनिक निर्णय लेने, शैक्षणिक योजनाएं लागू करने और अनुशासन बनाए रखने में गंभीर दिक्कतें आ रही हैं।
जिलास्तर पर स्थिति देखें तो महेंद्रगढ़ जिला सबसे ज्यादा प्रभावित है। महेंद्रगढ़ जिले के 14 सरकारी कॉलेजों में एक भी स्थायी प्राचार्य नहीं हैं। इसके बाद भिवानी और रेवाड़ी में आठ-आठ कॉलेज बिना प्राचार्य के चल रहे हैं। झज्जर और फतेहाबाद में सात-सात कॉलेजों में प्राचार्य का पद खाली है। हिसार के तीन सरकारी कॉलेजों में भी प्राचार्य नहीं हैं।
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प्राचार्य के अलावा शिक्षकों की कमी ने भी संकट को और गहरा दिया है। सरकारी कॉलेजों में शिक्षकों के लिए स्वीकृत पदों में से करीब 56 प्रतिशत पद रिक्त पड़े हैं। इसके चलते अधिकांश कॉलेज गेस्ट और एक्सटेंशन फैकल्टी के सहारे संचालित हो रहे हैं। यही नहीं प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में करीब 40 प्रतिशत सीटें खाली पड़ी हैं। सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत मिले आंकड़ों से यह भी सामने आया है कि प्रदेश के 185 सरकारी कॉलेजों में से 85 में स्थायी प्राचार्य नहीं हैं। बिना मुखिया के कॉलेजों में प्रशासनिक निर्णय लेने, शैक्षणिक योजनाएं लागू करने और अनुशासन बनाए रखने में गंभीर दिक्कतें आ रही हैं।
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जिलास्तर पर स्थिति देखें तो महेंद्रगढ़ जिला सबसे ज्यादा प्रभावित है। महेंद्रगढ़ जिले के 14 सरकारी कॉलेजों में एक भी स्थायी प्राचार्य नहीं हैं। इसके बाद भिवानी और रेवाड़ी में आठ-आठ कॉलेज बिना प्राचार्य के चल रहे हैं। झज्जर और फतेहाबाद में सात-सात कॉलेजों में प्राचार्य का पद खाली है। हिसार के तीन सरकारी कॉलेजों में भी प्राचार्य नहीं हैं।