पुलिस को हाथ जोड़कर पिता बोला: मेरा बेटा तो गया, दूसरों के बच्चों को बचा लो; गैंगवार में मारा गया था दीपांशु
पिता से बताया कि दीपांशु शनिवार को घर से शिमला दोस्तों के साथ घूमने की बात कहकर गया था। दो दिन पहले दीपांशु ने अपनी माता को फ़ोन भी किया था और कहा था मैं शुक्रवार को आ जाऊंगा। हमने कल तक उसका इंतजार किया, लेकिन कल उसको गोली लगने की सूचना मिली।
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रोहतक के रिटोली में हुई गैंगवार में मारे गए महराणा निवासी दीपांशु के पिता सोमबीर भावुक हो गए। उन्होंने डीसीपी क्राइम अमित दहिया के सामने हाथ जोड़कर कहा कि सर मेरा बेटा तो चला गया, लेकिन गांव के दूसरे बेटों को बचा लीजिये। गांव में माहौल ठीक नहीं हैं और गांव में कई बैठके होती हैं, जहां पर गांव के बच्चों को बरगलाने का काम किया जाता है। 20 साल से कम उम्र के बच्चों को बहकाया जा रहा हैं। यदि प्रशासन गंभीर हो जाए तो गांव का उद्धार हो जाएगा। कुछ क्रिमिनल तरह के लोग बच्चों को प्यार से बोलकर घर से लें जाते हैं। पता नहीं क्या लोभ लालच दिया जाता हैं कि बच्चों से काम निकलवा देते हैं। प्रशासन कम से कम मेरे गांव को बचाये। मेरा लड़का गया, लेकिन किसी और का ना जाए।
पिता बोले दीपांशु के भाऊ गैंग से जुड़ने की नहीं जानकारी
दीपांशु के पिता ने बताया कि उनको नहीं पता कि वह कब भाऊ गैंग से जुडा। वह केवल पढ़ाई करता था। इस समय गाय के सरकारी स्कूल से बारहवी कार रहा था। जब भी वह शाम को ड्यूटी से आते थे तो वह घर पर ही मिलता था।
पुराने केस का भी एक साल बाद पता लगा
पिता ने बताया कि उनको दीपांशु पर केस के बारे में एक साल बाद पता लगा था। उसमें भी जब भी उसकी पेशी पर होती थी तो वह शादी में जाने की बात कहकर झूठ बोलकर जाता था। उसके साथी ही उसे लेकर जाते थे। जब उनको दीपांशु के गलत रास्ते पर पड़ने के बारे में पता चला तो उसे समझाया गया। उसने कहा कि आगे से वह ये काम नहीं करेगा।
शनिवार को घर से शिमला घूमने जाने की कहकर गया था दीपांशु
पिता से बताया कि दीपांशु शनिवार को घर से शिमला दोस्तों के साथ घूमने की बात कहकर गया था। दो दिन पहले दीपांशु ने अपनी माता को फ़ोन भी किया था और कहा था मैं शुक्रवार को आ जाऊंगा। हमने कल तक उसका इंतजार किया, लेकिन कल उसको गोली लगने की सूचना मिली। गांव के रिंकू ने बताया कि उसका एक्सीडेंट हुआ हैं, लेकिन बाद मैं आता चला कि गोली लगी है।