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Jhajjar-Bahadurgarh News: हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर निर्माण में दो साल की देरी, खर्च दोगुना बढ़ा
संवाद न्यूज एजेंसी, झज्जर/बहादुरगढ़
Updated Fri, 26 Dec 2025 01:40 AM IST
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-फोटो 51 : हरियाणा रेल आर्बिटल रेल कॉरिडोर का नक्शा। स्रोत सोशल मीडिया
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बहादुरगढ़। कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस वे (केएमपी) के साथ पलवल से सोनीपत तक बनने वाले रेल प्रोजेक्ट यानी हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर (एचओआरसी) का निर्माण अब 2027 के बजाय 2029 में पूरा होगा। इसके निर्माण में समय के साथ लागत भी लगभग दोगुनी हो गई है।
शिलान्यास के दौरान जहां इस प्रोजेक्ट की लागत 5618 रुपये थी जो अब बढ़कर 11 हजार 709 करोड़ हो गई है। प्रोजेक्ट के रिवाइज कोस्ट एस्टीमेट को सीएम नायब सैनी की ओर से पिछले दिनों स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। फिलहाल यह एस्टीमेट मंजूरी के लिए रेल मंत्रालय को भेजा गया है जहां बजट की स्वीकृति का इंतजार है।
इसी बीच प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य और लागत खर्च पूरा करने के लिए हरियाणा रेल अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एचआरआईडीसी) ने अब 386 करोड़ के शेयर बेचने की तैयारी की है। इस संबंध में निगम ने इक्विटी सहभागिता के लिए एक्सप्रेशन आफ इंटरेस्ट(ईओआई) जारी किया है। उधर प्रोजेक्ट के बनने वाले पुल व अन्य संरचनाओं के लिए टेंडर भी जारी किया है।
गौरतलब है कि इस प्रोजेक्ट की आधारशिला 27 अक्टूबर 2022 को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव और हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल की उपस्थिति में रखी थी। उस समय इसके निर्माण की अवधि पांच साल रखी थी। यानी वर्ष 2027 तक इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। यह प्रोजेक्ट भविष्य में माल परिवहन की रीढ़ बनेगा। इससे न केवल लॉजिस्टिक्स लागत में कमी आएगी, बल्कि हरियाणा और एनसीआर क्षेत्र में औद्योगिक विकास को भी नई गति मिलेगी।
इंसेट
प्रोजेक्ट लागत बढ़ने के मुख्य कारण
- एनसीआर क्षेत्र में भूमि दरों में वृद्धि
- सामान्य लागत वृद्धि (कॉस्ट एस्केलेशन)
- वर्क्स कॉन्ट्रैक्ट पर जीएसटी दर 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत किया जाना
- रेलवे बोर्ड के दिशा-निर्देशों के अनुरूप 1गुणा 25 केवी के स्थान पर 2गुणा 25 केवी ट्रैक्शन सिस्टम का प्रावधान
- अधिक एक्सल लोड पर ट्रेनों के संचालन के लिए रेलवे बोर्ड के नवीनतम दिशा-निर्देशों के अनुसार 90 यूटीएस रेल के स्थान पर उच्च विशिष्टता वाली आर 350 रेल का प्रावधान
- ऑटोमेटिक सिग्नलिंग सिस्टम को अपनाना
- एचओआरसी के अलाइनमेंट को केएमपी की ओर स्थानांतरित किया गया। इस परिवर्तन के कारण फरूखनगर और खरखौदा में केएमपी के क्लोवरलीफ/स्लिप रोड पर एचओआरसी अलाइनमेंट को पार करना पड़ रहा है, जिससे अतिरिक्त पुलों का निर्माण आवश्यक हो गया है।
- नई दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे तथा डीएनडी-केएमपी एक्सप्रेसवे के ऊपर नए पुलों का निर्माण होना
- विभिन्न हितधारकों (एनएचएआई, राज्य राजमार्ग विभाग, सिंचाई विभाग, रेलवे आदि) की मांग एवं आवश्यकताओं के अनुसार कुछ पुलों के स्पैन में वृद्धि
- डबल स्टैक कंटेनर ट्रेनों के संचालन के लिए सुरंग के क्रॉस-सेक्शन का डिजाइन करना
- डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) से क्रॉसिंग सुनिश्चित करने तथा पुनर्वास से बचने के लिए आबादी वाले क्षेत्रों से बचते हुए अलाइनमेंट में परिवर्तन
- भूमि अधिग्रहण को न्यूनतम रखने एवं रखरखाव में सुविधा के लिए पारंपरिक मिट्टी के तटबंध के स्थान पर अधिकतम 26 मीटर ऊंचाई वाले 3.9 किलोमीटर लंबे वायाडक्ट का प्रावधान
- धुलावट-न्यू तावडू कनेक्टिविटी (4.6 किमी) को शामिल किया जाना
इंसेट
पलवल से सोनीपत तक बनने वाले रेल कॉरिडोर की विशेषता
-सोनीपत से पलवल के बीच दौड़ेंगी सेमी हाईस्पीड सब-अर्बन ट्रेन
-सालाना 60 लाख टन माल ढुलाई करने के लिए प्रोजेक्ट किया डिजाइन
-सालाना 40 लाख यात्री सफर कर सकेंगे
-इस रेल मार्ग पर यात्री ट्रेनों के साथ मालगाड़ी भी चलेंगी, जो सीधे गुरुग्राम के क्षेत्र को दिल्ली के बाहर से राज्य की राजधानी चंडीगढ़ से जोड़ेंगी।
-यह मार्ग यात्रा के समय को कम करेगा।
-दिल्ली को बाईपास करते हुए इस रेल मार्ग पर शताब्दी, सुपरफास्ट एक्सप्रेस जैसी ट्रेनें चलेंगी ताकि राज्य के लोगों को तेज, विश्वसनीय, सुरक्षित और आरामदायक यात्रा प्रदान की जा सके।
-इस प्रोजेक्ट से हरियाणा के एनसीआर क्षेत्र में मल्टीमाडल हब विकसित करने में मदद मिलेगी।
-यह रेल मार्ग राज्य के सभी प्रमुख औद्योगिक शहरों को जोड़ने वाला होगा।
-यह दिल्ली से पलवल और सोनीपत के बीच सीधी रेल कनेक्टिविटी और असावटी (दिल्ली-मथुरा मार्ग पर), पातली (दिल्ली-रेवाड़ी मार्ग पर), आसौदा (दिल्ली-रोहतक मार्ग पर) और हरसाना कलां (दिल्ली-अंबाला मार्ग) को जोड़ने का काम करेगा।
-कुल लंबाई: 126 किलोमीटर
-अधिकतम गति: 160 किलोमीटर प्रति घंटा
-नए स्टेशनों की संख्या: 17
-प्रमुख पुल: 84
-लघु पुल: 360
-सुरंग: 2 सुरंगें, प्रत्येक की लंबाई 4.7 किलोमीटर
-वायाडक्ट (ऊंचा पुल): 3.9 किलोमीटर
-अधिकतम ऊंचाई: 26 मीटर
इंसेट
मालगाड़ियां चलाने का लक्ष्य
वर्ष
प्रतिदिन मालगाड़ियों की संख्या
2028
11
2038
83
2048
109
2058
153
2068
233
इंसेट
पैसेंजर ट्रेन चलाने का लक्ष्य
वर्ष
प्रतिदिन पैसेंजर ट्रेन की संख्या
2028
20
2038
24
2048
28
2058
33
2068
39
इंसेट
प्रोजेक्ट में इस तरह होगा लाभ
वित्तीय अवधि
औसतन शुद्ध मुनाफा
2028-37
102 करोड़
2038-47
895 करोड़
2048-57
1698 करोड़
2058-67
3508 करोड़
2068-72
6025 करोड़
इंसेट
इस तरह बढ़ी प्रोजेक्ट की लागत
मद का विवरण
एस्टीमेट (करोड़)
रिवाइज एस्टीमेट (करोड़)
सिविल इंजीनियरिंग
3357.7
6263.2
सिग्नलिंग एवं टेलीकम्युनिकेशन
161.5
398.7
ओवरहेड इलेक्ट्रिफिकेशन एवं सामान्य विद्युत कार्य
348.8
765.3
कुल निर्माण लागत
3868.0
7427.2
भूमि लागत (पुनर्वास एवं पुनर्स्थापन सहित)
1358.7
2438.5
निर्माण अवधि के दौरान ब्याज
391.0
746.7
कंटीजेंसी
1 प्रतिशत
074.3
पर्यावरण शुल्क
6 प्रतिशत
074.3
विभागीय शुल्क
5.33 प्रतिशत
0 684.9
रेवाड़ी छोर पर पाटली यार्ड में संशोधन (फेज-2)
-- --
28.8
धुलावट से न्यू तावडू कनेक्टिविटी
-- --
234.4
कुल परियोजना लागत
5617.7
11709.10
नोट: सभी आंकड़े इक्विटी सहभागिता के लिए जारी ईओआई पर आधारित।
वर्जन...
एचओआरसी प्रोजेक्ट पर काम तेजी से चल रहा है। प्रोजेक्ट के तहत बनने वाले पुल और दूसरे कार्यों का जियोग्राफिकल टेक्निकल सर्वे के लिए कंसलटेंट हायर करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। इसके लिए टेंडर लगा दिया गया है।-विशाल गुप्ता, मुख्य परियोजना अधिकारी, एचओआरसी
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शिलान्यास के दौरान जहां इस प्रोजेक्ट की लागत 5618 रुपये थी जो अब बढ़कर 11 हजार 709 करोड़ हो गई है। प्रोजेक्ट के रिवाइज कोस्ट एस्टीमेट को सीएम नायब सैनी की ओर से पिछले दिनों स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। फिलहाल यह एस्टीमेट मंजूरी के लिए रेल मंत्रालय को भेजा गया है जहां बजट की स्वीकृति का इंतजार है।
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इसी बीच प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य और लागत खर्च पूरा करने के लिए हरियाणा रेल अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एचआरआईडीसी) ने अब 386 करोड़ के शेयर बेचने की तैयारी की है। इस संबंध में निगम ने इक्विटी सहभागिता के लिए एक्सप्रेशन आफ इंटरेस्ट(ईओआई) जारी किया है। उधर प्रोजेक्ट के बनने वाले पुल व अन्य संरचनाओं के लिए टेंडर भी जारी किया है।
गौरतलब है कि इस प्रोजेक्ट की आधारशिला 27 अक्टूबर 2022 को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव और हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल की उपस्थिति में रखी थी। उस समय इसके निर्माण की अवधि पांच साल रखी थी। यानी वर्ष 2027 तक इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। यह प्रोजेक्ट भविष्य में माल परिवहन की रीढ़ बनेगा। इससे न केवल लॉजिस्टिक्स लागत में कमी आएगी, बल्कि हरियाणा और एनसीआर क्षेत्र में औद्योगिक विकास को भी नई गति मिलेगी।
इंसेट
प्रोजेक्ट लागत बढ़ने के मुख्य कारण
- एनसीआर क्षेत्र में भूमि दरों में वृद्धि
- सामान्य लागत वृद्धि (कॉस्ट एस्केलेशन)
- वर्क्स कॉन्ट्रैक्ट पर जीएसटी दर 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत किया जाना
- रेलवे बोर्ड के दिशा-निर्देशों के अनुरूप 1गुणा 25 केवी के स्थान पर 2गुणा 25 केवी ट्रैक्शन सिस्टम का प्रावधान
- अधिक एक्सल लोड पर ट्रेनों के संचालन के लिए रेलवे बोर्ड के नवीनतम दिशा-निर्देशों के अनुसार 90 यूटीएस रेल के स्थान पर उच्च विशिष्टता वाली आर 350 रेल का प्रावधान
- ऑटोमेटिक सिग्नलिंग सिस्टम को अपनाना
- एचओआरसी के अलाइनमेंट को केएमपी की ओर स्थानांतरित किया गया। इस परिवर्तन के कारण फरूखनगर और खरखौदा में केएमपी के क्लोवरलीफ/स्लिप रोड पर एचओआरसी अलाइनमेंट को पार करना पड़ रहा है, जिससे अतिरिक्त पुलों का निर्माण आवश्यक हो गया है।
- नई दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे तथा डीएनडी-केएमपी एक्सप्रेसवे के ऊपर नए पुलों का निर्माण होना
- विभिन्न हितधारकों (एनएचएआई, राज्य राजमार्ग विभाग, सिंचाई विभाग, रेलवे आदि) की मांग एवं आवश्यकताओं के अनुसार कुछ पुलों के स्पैन में वृद्धि
- डबल स्टैक कंटेनर ट्रेनों के संचालन के लिए सुरंग के क्रॉस-सेक्शन का डिजाइन करना
- डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) से क्रॉसिंग सुनिश्चित करने तथा पुनर्वास से बचने के लिए आबादी वाले क्षेत्रों से बचते हुए अलाइनमेंट में परिवर्तन
- भूमि अधिग्रहण को न्यूनतम रखने एवं रखरखाव में सुविधा के लिए पारंपरिक मिट्टी के तटबंध के स्थान पर अधिकतम 26 मीटर ऊंचाई वाले 3.9 किलोमीटर लंबे वायाडक्ट का प्रावधान
- धुलावट-न्यू तावडू कनेक्टिविटी (4.6 किमी) को शामिल किया जाना
इंसेट
पलवल से सोनीपत तक बनने वाले रेल कॉरिडोर की विशेषता
-सोनीपत से पलवल के बीच दौड़ेंगी सेमी हाईस्पीड सब-अर्बन ट्रेन
-सालाना 60 लाख टन माल ढुलाई करने के लिए प्रोजेक्ट किया डिजाइन
-सालाना 40 लाख यात्री सफर कर सकेंगे
-इस रेल मार्ग पर यात्री ट्रेनों के साथ मालगाड़ी भी चलेंगी, जो सीधे गुरुग्राम के क्षेत्र को दिल्ली के बाहर से राज्य की राजधानी चंडीगढ़ से जोड़ेंगी।
-यह मार्ग यात्रा के समय को कम करेगा।
-दिल्ली को बाईपास करते हुए इस रेल मार्ग पर शताब्दी, सुपरफास्ट एक्सप्रेस जैसी ट्रेनें चलेंगी ताकि राज्य के लोगों को तेज, विश्वसनीय, सुरक्षित और आरामदायक यात्रा प्रदान की जा सके।
-इस प्रोजेक्ट से हरियाणा के एनसीआर क्षेत्र में मल्टीमाडल हब विकसित करने में मदद मिलेगी।
-यह रेल मार्ग राज्य के सभी प्रमुख औद्योगिक शहरों को जोड़ने वाला होगा।
-यह दिल्ली से पलवल और सोनीपत के बीच सीधी रेल कनेक्टिविटी और असावटी (दिल्ली-मथुरा मार्ग पर), पातली (दिल्ली-रेवाड़ी मार्ग पर), आसौदा (दिल्ली-रोहतक मार्ग पर) और हरसाना कलां (दिल्ली-अंबाला मार्ग) को जोड़ने का काम करेगा।
-कुल लंबाई: 126 किलोमीटर
-अधिकतम गति: 160 किलोमीटर प्रति घंटा
-नए स्टेशनों की संख्या: 17
-प्रमुख पुल: 84
-लघु पुल: 360
-सुरंग: 2 सुरंगें, प्रत्येक की लंबाई 4.7 किलोमीटर
-वायाडक्ट (ऊंचा पुल): 3.9 किलोमीटर
-अधिकतम ऊंचाई: 26 मीटर
इंसेट
मालगाड़ियां चलाने का लक्ष्य
वर्ष
प्रतिदिन मालगाड़ियों की संख्या
2028
11
2038
83
2048
109
2058
153
2068
233
इंसेट
पैसेंजर ट्रेन चलाने का लक्ष्य
वर्ष
प्रतिदिन पैसेंजर ट्रेन की संख्या
2028
20
2038
24
2048
28
2058
33
2068
39
इंसेट
प्रोजेक्ट में इस तरह होगा लाभ
वित्तीय अवधि
औसतन शुद्ध मुनाफा
2028-37
102 करोड़
2038-47
895 करोड़
2048-57
1698 करोड़
2058-67
3508 करोड़
2068-72
6025 करोड़
इंसेट
इस तरह बढ़ी प्रोजेक्ट की लागत
मद का विवरण
एस्टीमेट (करोड़)
रिवाइज एस्टीमेट (करोड़)
सिविल इंजीनियरिंग
3357.7
6263.2
सिग्नलिंग एवं टेलीकम्युनिकेशन
161.5
398.7
ओवरहेड इलेक्ट्रिफिकेशन एवं सामान्य विद्युत कार्य
348.8
765.3
कुल निर्माण लागत
3868.0
7427.2
भूमि लागत (पुनर्वास एवं पुनर्स्थापन सहित)
1358.7
2438.5
निर्माण अवधि के दौरान ब्याज
391.0
746.7
कंटीजेंसी
1 प्रतिशत
074.3
पर्यावरण शुल्क
6 प्रतिशत
074.3
विभागीय शुल्क
5.33 प्रतिशत
0 684.9
रेवाड़ी छोर पर पाटली यार्ड में संशोधन (फेज-2)
28.8
धुलावट से न्यू तावडू कनेक्टिविटी
234.4
कुल परियोजना लागत
5617.7
11709.10
नोट: सभी आंकड़े इक्विटी सहभागिता के लिए जारी ईओआई पर आधारित।
वर्जन...
एचओआरसी प्रोजेक्ट पर काम तेजी से चल रहा है। प्रोजेक्ट के तहत बनने वाले पुल और दूसरे कार्यों का जियोग्राफिकल टेक्निकल सर्वे के लिए कंसलटेंट हायर करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। इसके लिए टेंडर लगा दिया गया है।-विशाल गुप्ता, मुख्य परियोजना अधिकारी, एचओआरसी