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Jind News: सीआरएसयू में हाईटेक लाइब्रेरी तैयार 2000 विद्यार्थी एक साथ पढ़ सकेंगे
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27जेएनडी50: सीआरएसयू में बनकर तैयार हुई आधुनिक सुविधाओं युक्त लाइब्रेरी। संवाद
- फोटो : राम कथा पार्क में आयोजित कार्यक्रम में प्रस्तुति देते कलाकार
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संवाद न्यूज एजेंसी
जींद। चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय (सीआरएसयू) में अगले महीने विद्यार्थियों को छह मंजिला हाईटेक लाइब्रेरी की सौगात मिलने जा रही है। 55 करोड़ रुपये की लागत से तैयार यह भव्य लाइब्रेरी बनकर तरह तैयार हो चुका है और फिनिशिंग व उपकरण इंस्टॉलेशन का काम अंतिम चरण में पहुंच गया है।
लाइब्रेरी में एक साथ 2000 विद्यार्थी बैठकर पढ़ाई कर सकेंगे। लाइब्रेरी का निर्माण और तकनीकी सेटअप लगभग पूरा हो गया है और दिसंबर–जनवरी माह में विद्यार्थियों के लिए खोला जा सकता है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए पांच वर्ष पहले हरियाणा सरकार की ओर से 50 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया गया था। लंबे समय से विद्यार्थियों को डिजिटल और आधुनिक स्टडी सेंटर का इंतजार था जो अब खत्म होने वाला है।
लाइब्रेरी को एक संपूर्ण स्टडी की तरह डिजाइन किया गया है। लाइब्रेरी की सबसे बड़ी विशेषता इसकी पूर्ण डिजिटल कार्यप्रणाली है। यहां बुक्स का इश्यू और सबमिशन पूरी तरह ऑनलाइन होगा और प्रत्येक पुस्तक पर रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन टैग लगे होंगे। प्रवेश और निकासी द्वारों पर भी सिक्योरिटी गेट लगाए गए हैं।
जो चेक–इन और चेक–आउट को ऑटोमेटिक बनाते हैं। इस तकनीक के कारण अगर कोई विद्यार्थी पुस्तक को बिना ऑनलाइन जारी कराए बाहर ले जाने का प्रयास करेगा तो गेट पर लगा अलार्म तुरंत बज जाएगा और सूचना केंद्रीय सिस्टम तक पहुंच जाएगी।
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जींद। चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय (सीआरएसयू) में अगले महीने विद्यार्थियों को छह मंजिला हाईटेक लाइब्रेरी की सौगात मिलने जा रही है। 55 करोड़ रुपये की लागत से तैयार यह भव्य लाइब्रेरी बनकर तरह तैयार हो चुका है और फिनिशिंग व उपकरण इंस्टॉलेशन का काम अंतिम चरण में पहुंच गया है।
लाइब्रेरी में एक साथ 2000 विद्यार्थी बैठकर पढ़ाई कर सकेंगे। लाइब्रेरी का निर्माण और तकनीकी सेटअप लगभग पूरा हो गया है और दिसंबर–जनवरी माह में विद्यार्थियों के लिए खोला जा सकता है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए पांच वर्ष पहले हरियाणा सरकार की ओर से 50 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया गया था। लंबे समय से विद्यार्थियों को डिजिटल और आधुनिक स्टडी सेंटर का इंतजार था जो अब खत्म होने वाला है।
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लाइब्रेरी को एक संपूर्ण स्टडी की तरह डिजाइन किया गया है। लाइब्रेरी की सबसे बड़ी विशेषता इसकी पूर्ण डिजिटल कार्यप्रणाली है। यहां बुक्स का इश्यू और सबमिशन पूरी तरह ऑनलाइन होगा और प्रत्येक पुस्तक पर रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन टैग लगे होंगे। प्रवेश और निकासी द्वारों पर भी सिक्योरिटी गेट लगाए गए हैं।
जो चेक–इन और चेक–आउट को ऑटोमेटिक बनाते हैं। इस तकनीक के कारण अगर कोई विद्यार्थी पुस्तक को बिना ऑनलाइन जारी कराए बाहर ले जाने का प्रयास करेगा तो गेट पर लगा अलार्म तुरंत बज जाएगा और सूचना केंद्रीय सिस्टम तक पहुंच जाएगी।