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Jind News: शादी के कार्ड में बढ़ा अंग्रेजी का प्रचलन
संवाद न्यूज एजेंसी, जींद
Updated Thu, 06 Nov 2025 01:31 AM IST
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05जेएनडी14 : शहर की एक दुकान पर शादी का कार्ड बनाता युवक। संवाद
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जींद। नए जमाने के प्रचलन में जैसे जीवनशैली, पहनावे और तौर-तरीकों में बदलाव आ रहा हैं वहीं अब इसका असर शादी के कार्डों पर भी दिखाई देने लगा है। पहले जहां शादी के निमंत्रण पत्र हिंदी या हरियाणवी में छपवाना परंपरा का हिस्सा माना जाता था वहीं अब युवाओं की पसंद अंग्रेजी भाषा बन गई है।
पहले हिंदी में कार्ड बनवाते थे जिनमें धार्मिक प्रतीक, श्लोक और पारिवारिक भावनाएं झलकती थीं लेकिन अब नई पीढ़ी अंग्रेजी डिजाइन और मॉडर्न टेम्पलेट की मांग कर रही है।
शहर के प्रिंटिंग प्रेसों में इन दिनों तरह-तरह के डिजाइन वाले शादी के कार्डों की डिमांड बढ़ रही है। दुकानदारों के अनुसार कार्डों की कीमत 5 रुपये से शुरू होकर 25 से 30 रुपये तक पहुंच रही है।
साधारण प्रिंट वाले कार्ड ग्रामीण इलाकों में ज्यादा पसंद किए जा रहे हैं जबकि शहरों में जोड़े आकर्षक डिजाइनों, गोल्डन प्रिंट और बॉक्स पैक कार्ड को ज्यादा पसंद कर रहे है।
अंग्रेजी में लिखे जाने वाले कार्डों की मांग भी तेजी से बढ़ी है। कई परिवार तो अब केवल ई-इनविटेशन के माध्यम से ही निमंत्रण भेज रहे हैं जो पूरी तरह अंग्रेजी में तैयार किए जाते हैं।
हरियाणवी भाषा बिल्कुल खत्म
युवा वर्ग हिंदी और हरियाणवी भाषा से दूरी बना रहे हैं। पहले शादी के कार्ड में हरियाणावी और हिंदी में लिखा जाता था अब हरियाणवी भाषा तो खत्म ही हो गई है। हिंदी में भी 20 प्रतिशत लोग ही कार्ड छपवा रहे है।
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पहले हिंदी में कार्ड बनवाते थे जिनमें धार्मिक प्रतीक, श्लोक और पारिवारिक भावनाएं झलकती थीं लेकिन अब नई पीढ़ी अंग्रेजी डिजाइन और मॉडर्न टेम्पलेट की मांग कर रही है।
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शहर के प्रिंटिंग प्रेसों में इन दिनों तरह-तरह के डिजाइन वाले शादी के कार्डों की डिमांड बढ़ रही है। दुकानदारों के अनुसार कार्डों की कीमत 5 रुपये से शुरू होकर 25 से 30 रुपये तक पहुंच रही है।
साधारण प्रिंट वाले कार्ड ग्रामीण इलाकों में ज्यादा पसंद किए जा रहे हैं जबकि शहरों में जोड़े आकर्षक डिजाइनों, गोल्डन प्रिंट और बॉक्स पैक कार्ड को ज्यादा पसंद कर रहे है।
अंग्रेजी में लिखे जाने वाले कार्डों की मांग भी तेजी से बढ़ी है। कई परिवार तो अब केवल ई-इनविटेशन के माध्यम से ही निमंत्रण भेज रहे हैं जो पूरी तरह अंग्रेजी में तैयार किए जाते हैं।
हरियाणवी भाषा बिल्कुल खत्म
युवा वर्ग हिंदी और हरियाणवी भाषा से दूरी बना रहे हैं। पहले शादी के कार्ड में हरियाणावी और हिंदी में लिखा जाता था अब हरियाणवी भाषा तो खत्म ही हो गई है। हिंदी में भी 20 प्रतिशत लोग ही कार्ड छपवा रहे है।