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ढांचागत विकास को तरसता रहा जींद
jind
Updated Thu, 29 Dec 2016 12:20 AM IST
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जींद नगर परिषद का फाइल फोटो।
- फोटो : bureau
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हरियाणा बनने के साथ ही अस्तित्व में आया जींद जिला विकास के मामले में काफी पीछे है। 2016 में भी यह विकास के लिए तरसता रहा। हालांकि साल 2017 से जिले को विकास की काफी उम्मीद हैं। 2016 में जींद जिले को आरओबी और लघु सचिवालय के विस्तार भवन की सौगात ही मिली है। कई विकास योजनाएं अभी पाइपलाइन में हैं, जो अगले साल तक पूरी होंगी, या उन पर काम शुरू होगा। ढांचागत सुविधाओं का आलम यह है कि जींद जिला प्रदेश के केंद्र में होने के बावजूद यहां उद्योग नहीं हैं। हालांकि जींद और नरवाना में प्रदेश सरकार में औद्योगिक क्षेत्र बनाए हैं, लेकिन यह वीरानी ही झेल रहे हैं। बेहतर रेल नेटवर्क होने के बावजूद जींद को उद्योगों की संजीवनी नहीं मिल पा रही है। इसका असर यहां के विकास पर सीधा-सीधा पड़ रहा है। हालांकि इस साल में जींद चार हाईवेज से जुड़ने का ऐलान हुआ है, लेकिन इसमें कितना समय लगेगा, यह समय ही बताएगा। वहीं दिल्ली-पटियाला हाईवे की खस्ता हालत को भी सरकार और प्रशासन नहीं बदल पाया है। यह परियोजना पिछले करीब चार साल से फोर लेन के लिए प्रगति पर है, लेकिन अब तक काम पूरा नहीं हुआ है। फिलहाल इस पर काम रुका है।
दो आरओबी और आरयूबी का इंतजार
पिछली सरकार के समय करीब चार करोड़ रुपये खर्च कर मिनी बाईपास तैयार किया गया, लेकिन इसका प्रयोग नहीं हो पा रहा है। कारण है जींद-पानीपत रेलवे लाइन। दरअसल परियोजना बनाते समय इस पर ध्यान नहीं दिया गया। मिनी बाईपास बनने के बाद रेलवे लाइन पर आरयूबी की योजना बनाई गई, जो अब तक सिरे नहीं चढ़ पाई है। हालांकि इस के लिए प्रदेश सरकार अपने हिस्से की राशि रेलवे को दे चुकी है, लेकिन अगले साल में इस पर काम शुरू होने की संभावना है। वहीं शहर के अंदर भिवानी रोड व हांसी रोड पर भी आरओबी बनने हैं। दो साल पहले इसकी घोषणा मुख्यमंत्री ने की थी। इस परियोजना पर भी कागजी कार्रवाई चल रही है, लेकिन अभी तक काम शुरू नहीं हो पाया है।
एनसीआर से उम्मीद
इसी साल जींद को एनसीआर में भी शामिल किया गया। इससे ढांचागत विकास में काफी विकास होने की उम्मीद है। प्रशासन भी इसके लिए योजनाएं बना रहा है। इसके चलते ही अगले साल में शहर को दो सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के साथ-साथ नई सीवरेज व्यवस्था भी मिल सकती है।
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दो आरओबी और आरयूबी का इंतजार
पिछली सरकार के समय करीब चार करोड़ रुपये खर्च कर मिनी बाईपास तैयार किया गया, लेकिन इसका प्रयोग नहीं हो पा रहा है। कारण है जींद-पानीपत रेलवे लाइन। दरअसल परियोजना बनाते समय इस पर ध्यान नहीं दिया गया। मिनी बाईपास बनने के बाद रेलवे लाइन पर आरयूबी की योजना बनाई गई, जो अब तक सिरे नहीं चढ़ पाई है। हालांकि इस के लिए प्रदेश सरकार अपने हिस्से की राशि रेलवे को दे चुकी है, लेकिन अगले साल में इस पर काम शुरू होने की संभावना है। वहीं शहर के अंदर भिवानी रोड व हांसी रोड पर भी आरओबी बनने हैं। दो साल पहले इसकी घोषणा मुख्यमंत्री ने की थी। इस परियोजना पर भी कागजी कार्रवाई चल रही है, लेकिन अभी तक काम शुरू नहीं हो पाया है।
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एनसीआर से उम्मीद
इसी साल जींद को एनसीआर में भी शामिल किया गया। इससे ढांचागत विकास में काफी विकास होने की उम्मीद है। प्रशासन भी इसके लिए योजनाएं बना रहा है। इसके चलते ही अगले साल में शहर को दो सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के साथ-साथ नई सीवरेज व्यवस्था भी मिल सकती है।