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Kaithal News: शांत हुई घग्गर, पानी उतरने पर नजर आने लगे खेत
संवाद न्यूज एजेंसी, कैथल
Updated Tue, 16 Sep 2025 01:28 AM IST
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संवाद न्यूज एजेंसी
गुहला-चीका। पिछले एक सप्ताह से मौसम साफ रहने के कारण घग्गर नदी का उफान शांत हो गया है और आसपास के क्षेत्रों से पानी उतरने लगा है। इसमें पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी फसलें भी अब बाहर दिखने लगी हैं, जिन्हें देखकर किसान परेशान हैं।
एक सप्ताह पहले घग्गर नदी का जलस्तर 54,349 क्यूसेक से भी अधिक हो गया था। इसी वजह से गुहला-चीका क्षेत्र के सिहाली, रत्ताखेड़ा, घड़ाम, मैंगड़ा, मझेडी, मोहनपुर, बुड्डनपुर, भूसलां, पपराला, भागल, डढोंता, सरोला और रता खेड़ा लुकमान सहित अन्य गांवों की करीब 12 हजार एकड़ फसल जलमग्न हो गई थी।
करीब 15 दिनों तक अपना रुद्र रूप दिखाती रही घग्गर नदी अब शांत हो गई है। सोमवार शाम को गुहला-चीका क्षेत्र के टटियाना हेड पर पानी का बहाव 14,322 क्यूसेक दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान 54,349 क्यूसेक से करीब 40,000 क्यूसेक कम है। इससे न केवल बाढ़ का डर झेल रहे ग्रामीणों ने राहत की सांस ली, बल्कि प्रशासन को भी बड़ी राहत मिली। घग्गर नदी के शांत होने के साथ ही पानी उतरने की उम्मीद जगी है। हालांकि जलभराव से अभी भी किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बर्बाद फसलें और पानी में डूबे खेत किसानों की चिंता का मुख्य कारण हैं। उधर, खुशहाल माजरा जंगल के समीप टूटे तटबंध को दुरुस्त करने का अधिकांश काम पूरा हो गया है। प्रशासन और सरकार ने क्षतिपूर्ति पोर्टल भी खोल दिया है, लेकिन किसान अभी भी अपनी बर्बाद फसलों को देखकर मायूस हैं।
गुहला क्षेत्र में टटियाना पर सरकारी रेंज के अनुसार सोमवार को 9.5 फीट पानी दर्ज किया गया, जबकि एक सप्ताह पहले यह खतरे के निशान से ऊपर 24.8 फीट पर बह रहा था।
बाढ़ बचाव योजना बनाने के दिए आदेश
कैथल। उपायुक्त प्रीति ने लघु सचिवालय में हरियाणा और पंजाब के घग्गर क्षेत्र के किसानों के साथ बैठक कर फसलों और जलभराव से जुड़ी समस्याओं पर चर्चा की। उन्होंने सिंचाई और राजस्व विभाग के अधिकारियों को एक सप्ताह में बाढ़ बचाव प्रबंधों की रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए। किसानों ने घग्गर की साफ-सफाई और अन्य सुझाव प्रस्तुत किए। अधिकारियों ने शिकायतों के जवाब दिए। संवाद

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गुहला-चीका। पिछले एक सप्ताह से मौसम साफ रहने के कारण घग्गर नदी का उफान शांत हो गया है और आसपास के क्षेत्रों से पानी उतरने लगा है। इसमें पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी फसलें भी अब बाहर दिखने लगी हैं, जिन्हें देखकर किसान परेशान हैं।
एक सप्ताह पहले घग्गर नदी का जलस्तर 54,349 क्यूसेक से भी अधिक हो गया था। इसी वजह से गुहला-चीका क्षेत्र के सिहाली, रत्ताखेड़ा, घड़ाम, मैंगड़ा, मझेडी, मोहनपुर, बुड्डनपुर, भूसलां, पपराला, भागल, डढोंता, सरोला और रता खेड़ा लुकमान सहित अन्य गांवों की करीब 12 हजार एकड़ फसल जलमग्न हो गई थी।
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करीब 15 दिनों तक अपना रुद्र रूप दिखाती रही घग्गर नदी अब शांत हो गई है। सोमवार शाम को गुहला-चीका क्षेत्र के टटियाना हेड पर पानी का बहाव 14,322 क्यूसेक दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान 54,349 क्यूसेक से करीब 40,000 क्यूसेक कम है। इससे न केवल बाढ़ का डर झेल रहे ग्रामीणों ने राहत की सांस ली, बल्कि प्रशासन को भी बड़ी राहत मिली। घग्गर नदी के शांत होने के साथ ही पानी उतरने की उम्मीद जगी है। हालांकि जलभराव से अभी भी किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बर्बाद फसलें और पानी में डूबे खेत किसानों की चिंता का मुख्य कारण हैं। उधर, खुशहाल माजरा जंगल के समीप टूटे तटबंध को दुरुस्त करने का अधिकांश काम पूरा हो गया है। प्रशासन और सरकार ने क्षतिपूर्ति पोर्टल भी खोल दिया है, लेकिन किसान अभी भी अपनी बर्बाद फसलों को देखकर मायूस हैं।
गुहला क्षेत्र में टटियाना पर सरकारी रेंज के अनुसार सोमवार को 9.5 फीट पानी दर्ज किया गया, जबकि एक सप्ताह पहले यह खतरे के निशान से ऊपर 24.8 फीट पर बह रहा था।
बाढ़ बचाव योजना बनाने के दिए आदेश
कैथल। उपायुक्त प्रीति ने लघु सचिवालय में हरियाणा और पंजाब के घग्गर क्षेत्र के किसानों के साथ बैठक कर फसलों और जलभराव से जुड़ी समस्याओं पर चर्चा की। उन्होंने सिंचाई और राजस्व विभाग के अधिकारियों को एक सप्ताह में बाढ़ बचाव प्रबंधों की रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए। किसानों ने घग्गर की साफ-सफाई और अन्य सुझाव प्रस्तुत किए। अधिकारियों ने शिकायतों के जवाब दिए। संवाद